नूरपुर अस्पताल में हड्डी रोग और एनेस्थीसिया विशेषज्ञों की संयुक्त टीम ने एक जटिल और जोखिम भरे ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देकर जसूर के ममूर (काथल) निवासी 40 वर्षीय नरेश को वर्षों पुरानी परेशानी से राहत दिलाई है। नरेश को बचपन में कुश्ती खेलने के दौरान कंधे पर चोट लगी थी, जिसके बाद से उसका कंधा बार-बार उतरने लगा था। यह समस्या समय के साथ और गंभीर होती चली गई।
जांच के दौरान सीटी स्कैन से यह स्पष्ट हुआ कि नरेश के कंधे की हड्डी की गहराई सामान्य से कम थी, जिसकी वजह से उसका कंधा स्थिर नहीं रह पाता था। इस जटिल स्थिति को देखते हुए नूरपुर अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कार्तिक सैनी ने ‘लटारजे ऑपरेशन’ नामक विशेष सर्जरी करने का निर्णय लिया। इस ऑपरेशन में कंधे की नसों, खून की नलियों और विद्युत संवेदी तंत्रों को नुकसान पहुंचने का उच्च जोखिम होता है, जिससे इसे तकनीकी रूप से एक बेहद चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया माना जाता है।
इस सर्जरी में एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉक्टर रिशु और रूहानी महाजन, साथ ही ऑपरेशन थिएटर स्टाफ की भूमिका भी महत्वपूर्ण रही। डॉक्टर कार्तिक ने बताया कि ऑपरेशन के बाद बीते चार महीनों से मरीज की समय-समय पर जांच की गई और यह पाया गया कि नरेश का कंधा अब पूरी तरह सामान्य स्थिति में है। ऑपरेशन के बाद से नरेश का कंधा एक बार भी नहीं उतरा है और वह न केवल अपने रोजमर्रा के कार्य कर पा रहा है, बल्कि खेतीबाड़ी जैसे शारीरिक श्रम वाले कामों में भी पूर्ण रूप से सक्षम हो गया है।
डॉक्टर कार्तिक सैनी ने यह भी बताया कि आमतौर पर इस तरह की सर्जरी केवल मेडिकल कॉलेजों या बड़े निजी अस्पतालों में होती है, जहां इस पर लाखों रुपये तक का खर्च आता है। ऐसे में नूरपुर जैसे सिविल अस्पताल में इस जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक संपन्न किया जाना चिकित्सा सुविधा के क्षेत्र में एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।
गौरतलब है कि नूरपुर अस्पताल में प्रत्येक सप्ताह हड्डी और सर्जरी से संबंधित बड़े ऑपरेशन किए जाते हैं। यहां अब तक कुल्हा और घुटने के प्रत्यारोपण के अलावा दो वर्षीय बच्चे का अपेंडिक्स ऑपरेशन जैसी जटिल सर्जरी भी सफलतापूर्वक की जा चुकी हैं।
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