हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (HPTDC) की प्रॉपर्टियों और ऑपरेशनल एंड मैंटेनेंस (O&M) मॉडल पर फैलाई जा रही गलतफहमियों पर निगम के निदेशक अंबर महाजन ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि विपक्षी नेता यह दावा कर रहे हैं कि HPTDC की प्रॉपर्टियाँ बेची जा रही हैं, जबकि यह दावा पूरी तरह से गलत है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन प्रॉपर्टियों की चर्चा हो रही है, उनके लिए केवल ऑपरेशनल और मैंटेनेंस मॉडल पर विचार किया जा रहा है, जिसका मतलब है कि सरकार के पास प्रॉपर्टी का मालिकाना हक़ रहेगा, और उसका संचालन किसी एजेंसी को सौंपा जाएगा।
अंबर महाजन ने बताया कि यह कदम पर्यटन क्षेत्र में सुधार और बाहरी निवेश आकर्षित करने के लिए उठाया जा रहा है। इसके जरिए सुविधाओं में सुधार किया जा सकता है, और पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकता है। राज्य के पास सीमित संसाधन होने के कारण कई संपत्तियाँ बिना पूरी क्षमता के इस्तेमाल हो रही हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने न तो बाढ़ आपदा के समय हिमाचल की मदद की, और न ही पर्यटन क्षेत्र को मज़बूती देने के लिए कोई ठोस कदम उठाए। हिमाचल जैसे खूबसूरत राज्य के लिए जो विश्व की पर्यटन राजधानी बनने की क्षमता रखता है, उसे अब ज्यादा सहयोग की आवश्यकता है।
अंबर महाजन ने यह भी कहा कि नौकरियों के संदर्भ में विपक्षी आरोप निराधार हैं। यदि भविष्य में कोई निर्णय लिया भी जाता है, तो कर्मचारियों की नौकरियाँ सुरक्षित रहेंगी, जैसे टाटा और एयर इंडिया के बीच हुआ था।
इसके अलावा, HPTDC के चेयरमैन आर.एस. बाली और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने राज्य सरकार से इन प्रॉपर्टियों का दोबारा सर्वे कराने की अपील की है। यह कार्य पेशेवर एजेंसी द्वारा कराया जाएगा, ताकि किसी भी निर्णय से पहले पूरी रिसर्च और विचार किया जा सके।
Salute ❤
ReplyDeleteAmbar mahajan ❤❤❤