नागनी माता मंदिर "कंडवाल"
हिमाचल में प्रवेश करते ही सबसे पहले कंडवाल नामक स्थान पर माता नागनी का मन्दिर स्थित है, जिसे छोटी नागनी भी कहते हैं! यहाँ हर साल श्रावण मास में मेलों का आयोजन होता है! वैसे तो यहाँ श्रधालुओं का आना जाना लगा ही रहता है, लेकिन मेलों के दौरान यहाँ श्रदालुओं की खासी भीड़ इकठी होती है! नागनी माता के वारे में प्रसिद्ध है कि यहाँ पर जहरीले से जहरीले सांप के काटे का इलाज मन्त्रों और माता की पवित्र शकर (माटी) से होता है! मंदिर के प्रांगण में शिवजी की विशाल मूर्ति देखने योग्य है!
हिमाचल में प्रवेश करते ही सबसे पहले कंडवाल नामक स्थान पर माता नागनी का मन्दिर स्थित है, जिसे छोटी नागनी भी कहते हैं! यहाँ हर साल श्रावण मास में मेलों का आयोजन होता है! वैसे तो यहाँ श्रधालुओं का आना जाना लगा ही रहता है, लेकिन मेलों के दौरान यहाँ श्रदालुओं की खासी भीड़ इकठी होती है! नागनी माता के वारे में प्रसिद्ध है कि यहाँ पर जहरीले से जहरीले सांप के काटे का इलाज मन्त्रों और माता की पवित्र शकर (माटी) से होता है! मंदिर के प्रांगण में शिवजी की विशाल मूर्ति देखने योग्य है!
No comments:
Post a Comment