Wednesday, October 20, 2021

जानिए: छोटी कक्षाओं के लिए स्कूल खोलने वारे क्या बोले निजी स्कूल संचालक

राकेश शर्मा (हिमाचलविज़िट) 10 अक्तूबर 2021 
जिला कांगडा निजी स्कूल एसोसिएशन की बैठक बुधवार को जिला मुख्य सलाहकार नरेन्द्र मनकोटिया व जिला कांगडा निजी स्कूल संगठन उपाध्यक्ष सुशवीन पठानिया की अध्यक्षता में वर्चुअल माध्यम से आयोजित की गई।  बैठक में जिला कांगडा के नौ एजुकेशन ब्लाॅक के लगभग 40 स्कूल संचालकों ने भाग लिया। बैठक में निजी स्कूलों को पेश आ रही विभिन्न समस्याओं के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। 
बैठक में स्कूल संचालकों ने सरकार द्वारा आठवीं से दसवीं तक के स्कूल खोलने पर सरकार के फैसले की सराहना की व सरकार का धन्यवाद किया। वहीँ विभिन्न निजी स्कूल संचालकों ने सरकार से गुहार लगाई कि अब जब कि सब कुछ ठीक -ठाक चल रहा है तो सरकार 21 अक्तूबर को होने वाली कैविनेट मीटिंग में छोटी कक्षाओं के स्कूल खोलने पर भी अधिसूचना जारी करे। 
स्कूल संचालकों का कहना है कि पिछले लगभग डेढ़ साल से सभी बच्चों की पढ़ाई रुकी पड़ी है और अब तो पहली कक्षा का बच्चा भी क, ख, ग और गिनती तक भूल गया है । 
जिला कांगडा निजी स्कूल संगठन के उपाध्यक्ष सुशवीन पठानिया के माध्यम से निजी स्कूल संचालकों ने शिक्षा मन्त्री गोविन्द ठाकुर, मुख्यमन्त्री जय राम ठाकुर व शिक्षा सचिव राजीव शर्मा और निदेशक उच्च शिक्षा अमरजीत शर्मा व निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा शुभकरण सिंह से बच्चों के भविष्य को बचाने की गुहार लगते हुए स्कूल खोलने की मांग की है। 
निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि अगर अब भी सरकार व विभाग ने समय रहते बच्चों के भविष्य की चिन्ता नही की तो प्रदेश का हर छात्र का भविष्य अंधकारमय हो जायेगा। स्कूल संचालकों का कहना है कि पहले शिक्षा विभाग व सरकार अविभावकों से सहमति- पत्र स्कूल खोलने के लिए मांगती थी। और अब जबकि छोटी और बडी कक्षाओं के छात्रों के अविभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार हैं तो फिर क्यों सरकार स्कूल खोलने में देर कर रही है। 
जिला कांगडा निजी स्कूल संगठन के उपाध्यक्ष सुशवीन पठानिया ने कहा कि इस पूरे कोरोना -काल में हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों के क​ई निजी स्कूलों के पदाधिकारी अपने -2 स्तर पर निजी स्कूलों में आ रही समस्याओं जैसे स्कूल बसों की इन्श्योरेन्स, टोकन -टैक्स, पैसेंजर टैक्स, बैंक के कर्जे, स्कूल फीस व और भी क​ई समस्याएं जो इस कोरोना काल में पेश आई, को लेकर प्रदेश सरकार से मिले परन्तु सरकार ने निजी स्कूल संचालकों की एक नही सुनी। 
निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि अब जबकि सरकार व विभाग ने कह दिया है कि किसी भी स्कूल में कोरोना पाॅजिटिव केस आने पर उस स्कूल को 24-48 घण्टे के लिए बन्द कर दिया जाएगा, तो फिर क्यों छोटी कक्षाओं के स्कूल खोलने में इतनी देरी हो रही है? जब विश्व स्वास्थ्य संगठन, एम्स, आई.सी.एम​.आर. व क​ई अन्य स्वास्थ्य संगठन इस बात की पैरवी कर चुके हैं कि छोटे बच्चों के लिए कोरोना घातक नही है तो फिर क्यों सरकार छोटी कक्षाओं के स्कूल खोलने में देरी कर रही है ? 
कुछ अविभावकों के सुझावों को सांझा करते हुए उपाध्यक्ष ने बताया कि अभिवावक ख़ुद बोलते हैं कि हम लोग घर के काम, रोजी-रोटी कमाने के लिए बाहर, रिश्तेदारों के अनेक कार्यक्रम, शहर -बाजार आदि में जाते हैं और हमारे बच्चे भी अपने मुहल्ले, गांव व हर जगह घूमते रहते हैं। हमें लगता है कि हमारे बच्चे घर की अपेक्षा स्कूल में सुरक्षित हैं। अभिवावकों का कहना है कि कम से कम स्कूल में आकर हमारे बच्चे कोविड के नियमों जैसे मास्क , सैनिटाईजर व साबुन से हाथ धोना और शारीरिक दूरी आदि का पालन तो कर लेंगे। घर में बच्चे किसी भी प्रकार का कोरोना नियमों का पालन नही कर रहे हैं। जब पूरे भारतवर्ष में स्कूल खुल ग​ए हैं तो क्यों हिमाचल प्रदेश सरकार अपने फैसले में देर कर रही है ? 
इस विशेष बैठक में जिला कांगडा के विभिन्न एजुकेशन ब्लाॅक से राजीव सिह, मलकीयत सिह, निर्मल ठाकुर, अन्कुश जरयाल, त्रिलोचन सिह, सुभाष सिह, विशाल कुमार, राजेन्द्र सिह, किशन सिह, संजीव कुमार, उमेश दत्त, अजय पठानिया, वीरेन्द्र मुन्ना, शाम सिह, शशिकान्त, ओन्कार सिह, सुशील कुमार, हरबन्स कौन्डल, अनुपम मेहरा, देवदत्त, अन्कुश सूद, रमन अवस्थी, जसवन्त डडवाल, अजय जम्वाल, मीना कुमारी, सुमन देवी, नरेन्द्र मनकोटिया, नरेश कुमार, सन्तोष कुमार आदि स्कूल संचालक उपस्थित रहे।

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