Saturday, June 22, 2019
Wednesday, June 19, 2019
जसूर में ईमानदारी की मिसाल पेश
राकेश शर्मा: जसूर: 19.06.2019
कहते हैं ईमानदारी एक ईश्वरीय गुण हैं, यह जिसके अंदर होता है उस व्यक्ति का जीवन बड़ा ही सुखमय होता है। ईमानदार होने पर, जीवन में थोड़ा संघर्ष जरूर करना पड़ता हैं लेकिन ईमानदार व्यक्ति को सफलता और सुख दोनों ही मिलते है। ईमानदार व्यक्ति लाखों में एक होते हैं। ईमानदारी की ताजा मिसाल रे निवासी पवन कुमार ने पैसों से भरा पर्स उसके मालिक को वापिस कर पेश की है। बुधवार को माच्छी भवन निवासी हैप्पी कुमार का पर्स घर से जसूर आते समय रास्ते में कही गिर गया। जो कि सब्जी मंडी जसूर में पल्लेदारी का कार्य करने वाले पवन कुमार को मिला। पर्स में लगभग 6 हजार 500 रूपये की राशी, एटीएम कार्ड, ड्राईविंग लाईसैंस के अतिरिक्त अन्य जरूरी कागजात थे। पवन कुमार ने लाईसैंस पर दिये गए पते के आधार पर पर्स के असली मालिक को ढूंढ कर पर्स उसे वापिस कर दिया। हैप्पी कुमार ने पवन कुमार का आभार व्यक्त किया। हैप्पी कुमार ने ईनाम के तौर पर पवन कुमार को कुछ पैसे देने चाहे लेकिन पवन कुमार ने मना कर दिया। पवन कुमार की हर ओर भूरी भूरी प्रशंसा हो रही है।
Monday, June 17, 2019
Sunday, June 9, 2019
भदरोया में नशे पर प्रहार की तैयारी
राकेश शर्मा: जसूर: 09.06.2019
वैसे तो हिमाचल-पंजाब सीमा पर स्थित भदरोया में नशे की ओवरडोस से युवाओं की मौत कोई नया मामला नहीं है लेकिन अभी हाल ही में नशे के कारण दो युवाओं की मौत के मामले को लेकर लोग नशे के खिलाफ एकजुट होने शुरू हो गए हैं। इसी के चलते शनिवार को एक विशाल जनसभा का आयोजन किया गया जिसमें शेत्र में हो रहे नशे के अवैध कारोबार को रोकने के लिए विशेष रणनीति बनाई गई और ज्यादा से ज्यादा लोगो को इस मुहीम से जुड़ने का आहवान किया गया।
इस मौके पर इन्दौरा, डमटाल, नूरपुर, जसूर, पठानकोट, काठगढ़ ओर इसके आसपास क्षेत्र के जिला परिषद सदस्यों, पंचायत प्रतिनिधियों सहित सैंकडा़ें स्थानीय लोगों ने क्षेत्र में हो रहे चिट्टे के अवैध कारोबार को लेकर अपना रोष प्रकट किया।
जनसभा में जिला परिषद सदस्य देविंदर मनकोटिया ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि नशे के खिलाफ अपनी भूमिका निभाने के लिए आसपास के क्षेत्र के लोगो को साथ लेकर एक कमेटी का गठन किया जाएगा और प्रशासन ओर पुलिस विभाग के साथ मिलकर नशे के कारोबारियों पर शिकंजा कसने का भरपूर प्रयास किया जाएगा।
वही मौका पर पहुंचे डीएसपी साहिल अरोड़ा ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज जनता नशे के खिलाफ एकजुट हो रही है जिसके लिए जनता बधाई की पात्र है। उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन अपनी कार्रवाई करता रहता है लेकिन जनता का साथ हो तो भद्रोया ओर छन्नी बेली गाँव ही नही बल्कि पूरे राज्य से चिट्टे का कारोबार करने वाले लोग जेल की सलाखों के पीछे होंगे। वहीं डीएसपी महोदय ने कहा कि एक व्हाट्सएप ग्रुप का गठन किया जाएगा जिसमे नशे के खिलाफ कमेटी के सदस्य आसानी से सूचनाओं को आदान प्रदान कर सकें।
इस अवस्रर पर जिला परिषद सदस्य देविन्दर मनकोटिया, जिला परिषद सदस्य उदय सिंह पठानिया, एमसी मामून योग राज, प्रधान भलेटा पंचायत विक्रम सिंह छुन्ना, मनजीत लम्बददार सहित अनेक गणमान्य भी मौजूद रहे।
मिस्त्री के बेटे ने किया कमाल : सेना में बने ऑफिसर
राकेश शर्मा: जसूर: 09.06.2019
उपमंडल नूरपुर के गांव सुखार भराणा के संजीव कुमार ने भारतीय सेना अकादमी देहरादून से पास आउट हो कर न सिर्फ अपने माता पिता बल्कि क्षेत्र का नाम भी रोशन किया है। कुल पासआउट युवाओं में संजीव का ओवरआल रैंक 7 रहा। संजीव के पिता केवल सिंह मिस्त्री का काम करते हैं जवकि माता उषा देवी गृहणी हैं। सजीव का छोटा भाई राकेश अभी नौकरी की तलाश कर रहा है। संजीव कुमार ने अपनी दसवीं तक की पढ़ाई राजकीय उच्च पाठशाला सुखार तथा जमा 2 तक की पढ़ाई राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला राजा का तालाब से की। देश सेवा का जज्वा लिए संजीव कुमार 2010 में 8 डोगरा में सिपाई भर्ती हुए। संजीव का कहना है कि वहां उन्हे पता चला कि अगर वे मेहनत करते हैं तो सेना में आफिसर भी बन सकते हैं। जिसके चलते उन्होने अपने आगे की पढ़ाई भी साथ में जारी रखी। यह संजीव की कड़ी मेहनत का नतीजा ही है जो वे भारतीय सेना अकादमी देहरादून से पास आउट हो कर आफिसर वने हैं। संजीव ने अपनी इस कामयावी का श्रेय अपने परिजनों तथा गुरूजनों को दिया है।
Saturday, June 8, 2019
क्या जय किसान सिर्फ नारों तक ही सिमित है
राकेश शर्मा: जसूर: 07.06.2019
बरसारत लगभग आने को है और ऐसे में उपमंडल नूरपुर की पंचायत रिट के लगभग 44 किसानों की धुकधुकी और ज्यादा बढ़ गई है। पिछले साल बरसात के कहर से अपनी सैंकड़ो कनाल उपजाऊ भूमि हरी भरी फसल सहित रेगीस्तान में बदलते देखने वाले किसान छौंछ खड्ड तटीकर्ण की कच्छुआ चाल के कारण दहशत में हैं। आने वाली बरसात मे उन्हें अपनी बची खुची उपजाऊ भूमि के बह जाने का डर सता रहा है। शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन की एक बिशेष बैठक रिट में हुई जिसमें किसानों ने छौंछ खड्ड तटीकर्ण कार्य की कच्छुआ चाल पर रोष प्रकट किया तथा सरकार से मांग की छौंछ खड्ड की तटीकर्ण योजना को समय रहते पूरा किया जाए वरना किसानों को इस बार भी बरसात में भारी नुक्सान उठाना पड़ेगा। स्थानीय किसानो नर्देश सिंह, जरनैल सिंह, करनैल सिंह, सुरेश सिंह, नरेश सिंह, राकेश राज कुमार सहित अन्य किसानों अनुसार बरसात को केवल एक माह का समय शेष बचा है लेकिन छोंछ खड्ड के साथ लगती रिट के किसानों की भूमि जिसकी लगभग दो किलोमीटर सीमा लगती है उसपर अभी तक योजना का कार्य ही नहीं शुरू हो पाया है। बीते साल हुई भारी बरसात में करीब चार सौ कनाल भूमि में से करीब 125 कनाल उपजाऊ भूमि पर छोंछ खड्ड ने जमकर कहर बरपाया था जिसमें उनकी न केवल धान की फसल भी तबाह हुई थी बल्कि उक्त भूमि को भी खड्ड ने रेत, बजरी, पत्थर और गाद से भर दिया था।
किसानों अनुसार उन्होंने विभिन्न बैंकों से किसान क्रेडिट कार्ड बनवाकर कृषि ऋण लिया था जिसके चलते उन्होंने उचित देखभाल और भारी भरकम खर्च कर धान की फसल लगाईं हुई थी। प्रभावित हुए किसानों अनुसार उस वक्त मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारीयों ने भी नुक्सान को देखते हुए किसानों की सहायता के आश्वासन दिए थे लेकिन करीब साल भर का समय बीतने के बाद भी किसानों को बाढ़ के दौरान मिलने वाली राहत के नाम पर आर्थिक सहायता का एक धेला तक नहीं मिला और प्राक्रतिक आपदा के चलते हुई तबाही से न ही बैंकों से लिए गए कृषि ऋण में किये गए बीमा के तहत किसानों को कोई मुआवजा मिला और न ही अभी तक योजना के कार्य का कोई अता पता है।
प्रभावित हुए किसानों अनुसार सबसे चिंताजनक बिषय यह है कि यदि बैंकों में कृषि ऋण के दौरान बीमा किया जाता है और प्रतिबर्ष उनके खातों से बीमा के बदले पैसे भी कटते हैं तो फिर नुक्सान होने पर उन्हें उक्त फसल का मुआवजा क्यों नहीं मिलता ! किसानों अनुसार यदि इस बिषय पर सम्बंधित बैंक अधिकारीयों से बात की जाती है तो उन्हें जबाव मिलता है कि यह सब बीमा कम्पनियों के आकलन के बाद ही संभव हो सकता है। किसानों को मलाल है कि एक तरफ किसानों की हालत सुधारने के लिए सरकारें बड़े बड़े दावे करती हैं लेकिन धरातल पर स्थितियां अभी भी विपरीत हैं। यदि फसल के करवाये गए बीमा के बाद भी किसानों को उचित मुआवजा न मिले, समय रहते तटीय करण की योजना सिरे न चढ़ पाए और बाढ़ पीड़ितों को राहत के नाम पर एक पैसा भी न मिले तो फिर ऐसी योजनाओं का किसानों को क्या लाभ है।
सुरेश पठानियां जिलाध्यक्ष भारतीय किसान योजना का कहना है कि छौंछ खड्ड के उक्त भाग पर निर्माण कार्य शुरू करने के शासन प्रशासन से अनेक बार गुहार लगाईं जा चुकी है लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हो रही। बरसात को करीब एक माह का ही समय बचा है यदि समय रहते योजना का कार्य शुरू नहीं हुआ तो किसानों को और भी भारी नुक्सान उठाना पडेगा जिसके लिए सरकार को तुरंत कार्यवाही अम्ल में लानी चाहिए।
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