Friday, December 6, 2024

पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना

(समाचार हिमाचल) 05 दिसम्बर 2024  

पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना

परिचय

पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना (पीएमएसजीएमबीवाई) दुनिया की सबसे बड़ी घरेलू रूफटॉप सौर योजना भारत के सौर ऊर्जा परिदृश्य को बदल रही है। मार्च 2025 तक इंस्टालेशन की संख्या 10 लाख को पार कर अक्टूबर 2025 तक 20 लाखमार्च 2026 तक 40 लाख तथा मार्च 2027 तक एक करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। 15 फरवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई इस अभूतपूर्व पहल का उद्देश्य छत पर सौर पैनल लगाने की सुविधा देकर घरों को मुफ्त बिजली उपलब्ध कराना है।

यह योजना नवीकरणीय ऊर्जा को अधिक किफायती और सुलभ बनाने के लिए घरों को 40 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान करती है। पीएमएसजीएमबीवाई के केवल महीनों के भीतर 6.3 लाख इंस्टॉलेशन किए गए हैं जो औसतन 70,000 प्रति माह है। एक करोड़ परिवारों को लाभ पहुंचाने के लक्ष्य के साथ इस कार्यक्रम से सरकार को बिजली की लागत में सालाना 75,000 करोड़ रुपये की बचत होने की भी उम्मीद है। यह परिवर्तनकारी पहल लाखों लोगों को स्वच्छ ऊर्जा अपनाने के लिए सशक्त बनाती हैजिससे सतत विकास और ऊर्जा नवाचार के प्रति भारत की प्रतिबद्धता मजबूत होती है।

प्रमुख लाभ

प्रधानमंत्री सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना में शामिल होने वाले परिवारों को कई महत्वपूर्ण लाभ प्रदान किए जाते हैं:

  • घरों के लिए मुफ्त बिजली: यह योजना घरों की छतों पर सब्सिडी वाले सौर पैनल लगाने के माध्यम से मुफ्त बिजली प्रदान करती हैजिससे उनकी ऊर्जा लागत में उल्लेखनीय कमी आती है।
  • सरकार के लिए बिजली की लागत में कमी: सौर ऊर्जा के व्यापक उपयोग को बढ़ावा देने से इस योजना के द्वारा सरकार को बिजली की लागत में सालाना 75,000 करोड़ रुपये की बचत होने की उम्मीद है।
  • नवीकरणीय ऊर्जा का बढ़ता उपयोगयह योजना अक्षय ऊर्जा स्रोतों को अपनाने को प्रोत्साहित करती हैजिससे भारत में अधिक टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा मिश्रण में योगदान मिलता है।
  • कार्बन उत्सर्जन में कमीइस योजना के तहत सौर ऊर्जा में परिवर्तन से कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलेगीजिससे भारत की कार्बन फुटप्रिंट को कम करने की प्रतिबद्धता को बल मिलेगा।

सब्सिडी का विवरण

योजना के तहत प्रदान की जाने वाली सब्सिडी घर की औसत मासिक बिजली खपत और संबंधित उपयुक्त रूफटॉप सौर संयंत्र क्षमता के आधार पर अलग-अलग होती है:

औसत मासिक बिजली खपत (यूनिट)

उपयुक्त रूफटॉप सौर संयंत्र क्षमता

सब्सिडी सहायता

 

1-2 kW

₹ 30,000/- से ₹ 60,000/-

0-150

150-300

2-3 kW

₹ 60,000/- से ₹ 78,000/-

> 300

3 kW से ऊपर

₹ 78,000/-

 

सब्सिडी आवेदन और विक्रेता चयन: राष्ट्रीय पोर्टल के माध्यम से परिवार सब्सिडी के लिए आवेदन कर सकते हैंजहां वे घर की छत पर सौर ऊर्जा इंस्टॉलेशन करने के लिए उपयुक्त विक्रेता का चयन भी कर सकते हैं। राष्ट्रीय पोर्टल उपयुक्त सिस्टम आकारलाभ कैलकुलेटरविक्रेता रेटिंग और अन्य प्रासंगिक विवरणों पर जानकारी प्रदान करके निर्णय लेने में सहायता करेगा।

कोलैटरल-फ्री लोनपरिवारों को किलोवाट तक के आवासीय रूफटॉप सोलर (आरटीएस) सिस्टम के लिए लगभग प्रतिशत ब्याज पर कोलैटरल-फ्री कम ब्याज वाले ऋण उपलब्ध करवाए जाएंगे।

पात्रता

  • आवेदक भारतीय नागरिक होना चाहिए
  • आवेदक के पास एक ऐसा घर होना चाहिए जिसकी छत सौर पैनल लगाने के लिए उपयुक्त हो
  • आवेदक के पास बिजली का कनेक्शन होना चाहिए
  • आवेदक ने सौर पैनलों के लिए किसी अन्य सब्सिडी का लाभ प्राप्त न किया हो

 आवेदन प्रक्रिया

आवेदन प्रक्रिया में नौ विशिष्ट चरणों का पालन करना शामिल है ताकि सौर पैनल स्थापना का सुचारू और कुशल प्रस्तुतीकरण और अनुमोदन सुनिश्चित किया जा सके।

3 दिसंबर2024 तक राष्ट्रीय पोर्टल पर कुल 1.45 करोड़ पंजीकरण और 26.38 लाख आवेदन दर्ज किए गए हैं।

परिणाम

प्रधानमंत्री सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना से परिवारों और पूरे देश के लिए दूरगामी परिणाम मिलने की उम्मीद है:

  • घरेलू बचत और आय सृजन: परिवारों को अपने बिजली बिलों में महत्वपूर्ण बचत का लाभ मिलेगा। इसके अतिरिक्त उन्हें अपने रूफटॉप सोलर सिस्टम से उत्पन्न अतिरिक्त बिजली को डिस्कॉम को बेचकर अतिरिक्त आय अर्जित करने का अवसर भी मिलेगा। उदाहरण के लिए3 किलोवाट की प्रणाली औसतन प्रति माह 300 से अधिक यूनिट बिजली उत्पन्न कर सकती हैजो ऊर्जा और संभावित आय का एक विश्वसनीय स्रोत प्रदान करती है।
  • सौर क्षमता का विस्तार: इस योजना से आवासीय क्षेत्र में छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के माध्यम से 30 गीगावाट सौर ऊर्जा क्षमता जुड़ने का अनुमान हैजो भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
  • पर्यावरणीय लाभ: इन रूफटॉप सिस्टम के 25 साल के जीवनकाल में अनुमान है कि यह योजना 1000 बीयू बिजली पैदा करेगीसाथ ही सीओ-उत्सर्जन में 720 मिलियन टन की कमी लाकर पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डालेगी।
  • रोजगार सृजन: इस योजना से विनिर्माणलॉजिस्टिक्सआपूर्ति श्रृंखलाबिक्रीस्थापनासंचालन और रखरखाव (ओ एंड एम) और अन्य सेवाओं सहित विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 17 लाख प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की उम्मीद हैजिससे देश में रोजगार और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

आदर्श सौर ग्राम

योजना के "मॉडल सौर ग्राम" घटक के अंतर्गत पूरे भारत में प्रत्येक जिले में एक मॉडल सौर गांव स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इस पहल का उद्देश्य सौर ऊर्जा अपनाने को बढ़ावा देना और ग्रामीण समुदायों को ऊर्जा आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए सशक्त बनाना है। इसके लिए 800 करोड़ रुपये का आवंटन निर्धारित किया गया हैजिसमें से प्रत्येक चयनित आदर्श सौर गांव को करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे।

उम्मीदवार गांव के रूप में अर्हता प्राप्त करने के लिए यह एक राजस्व गांव होना चाहिए जिसकी जनसंख्या 5,000 (या विशेष श्रेणी के राज्यों में 2,000) से अधिक हो। गांवों का चयन एक प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता हैजिसका मूल्यांकन जिला स्तरीय समिति (डीएलसी) द्वारा पहचाने जाने के छह महीने बाद उनकी समग्र वितरित नवीकरणीय ऊर्जा (आरई) क्षमता के आधार पर किया जाता है। डीएलसी की देखरेख में राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश क्षेत्र अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी कार्यान्वयन की देखरेख करेगीजिससे यह सुनिश्चित हो सके कि ये आदर्श गांव सफलतापूर्वक सौर ऊर्जा में परिवर्तित हो जाएं और देश भर में अन्य गांवों के लिए एक बेंचमार्क स्थापित करें।

सार

अंत मेंप्रधानमंत्री सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना लाखों घरों को सौर ऊर्जा से सशक्त बनाकर भारत के ऊर्जा परिदृश्य को महत्वपूर्ण रूप से नया आकार देने के लिए तैयार है। मार्च 2025 तक 10 लाख से अधिक इंस्टॉलेशन का अनुमान हैलऔर मार्च 2027 तक एक करोड़ के लक्ष्य तक पहुँचने के साथलयह योजना व्यापक लाभ पहुँचाने के लिए सही दिशा में आगे बढ़ रही है। पर्याप्त सब्सिडीसुलभ वित्तपोषण विकल्पों और नवीकरणीय ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करके यह पहल न केवल घरों को मुफ्त बिजली प्रदान करेगीबल्कि सरकार के लिए महत्वपूर्ण बचतकम कार्बन उत्सर्जन और रोजगार सृजन में भी योगदान देगी। आदर्श सौर ग्राम पहल ग्रामीण क्षेत्रों को ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनने में सहायता करती हैजो सतत विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। यह महत्वाकांक्षी कार्यक्रम भारत को हरित और अधिक ऊर्जा कुशल भविष्य की ओर अग्रसर करता है तथा अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत के नेतृत्व को और मजबूत करता है।

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