राकेश शर्मा : जसूर : 14.02.2019
स्कूल बस हादसों को रोकने तथा बच्चों की सुरक्षा के दृष्टिगत प्रदेश सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश मोटर यान (प्रथम संशोधन) नियमों को प्रदेश में 12 अक्टूबर 2018 से लागू किया गया है । इन नियमों के बारे में स्कूल प्रबंधकों को जानकारी देने तथा इनकी कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित बनाने हेतु आज एसडीएम कार्यालय नूरपूर के सभागार में निजी स्कूल प्रबंधकों के साथ बैठक आयोजित की गई जिसकी अध्यक्षता क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी डॉक्टर विशाल शर्मा ने की।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा बनाए गए इन नियमों के तहत विभाग द्वारा निजी स्कूल प्रबंधकों के साथ यह प्रथम बैठक नूरपूर उपमंडल में आयोजित की जा रही है । उन्होंने बताया कि प्रबंधकों को स्कूल बसों को 40 किलोमीटर प्रति घंटा की निर्धारित सीमा में चलाने हेतु छेड़छाड़ रोधी स्पीड गवर्नर लगाना जरूरी होगा। इसके अतिरिक्त इन बसों में सीसीटीवी कैमरा तथा जीपीएस लगाना भी अनिवार्य होगा।
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ने बताया कि स्कूल बसों की पहचान के लिए प्रबंधकों को अपनी स्कूल बसों तथा पट्टे पर ली गई बसों को गहरे पीले रंग से पेंट करना अनिवार्य होगा और बस के दोनों तरफ स्कूल का नाम साफ अक्षरों में लिखने के साथ-साथ पीछे और सामने बड़े-बड़े अक्षरों में स्कूल बस तथा ऑन स्कूल डयूटी लिखना अनिवार्य होगा।
उन्होंने बताया कि बस के भीतर चालक का ब्यौरा जिसमें उसका नाम, फोटो, मान्य लाइसेंस नंबर, दूरभाष नंबर प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा। उसकी आयु 60 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त उसकी आंखों की जांच तथा शारीरिक योग्यता की जांच हर वर्ष सक्षम प्राधिकारी से करवाना अनिवार्य है। जिसके लिये आरोग्यता प्रमाण पत्र जारी करने के पश्चात स्कूल प्रबंधन द्वारा चालक को स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि वर्दी के रूप में बस चालक तथा परिचालक को स्लेटी रंग की पेंट -कमीज, काले रंग के जूते पहनना तथा नाम पट्टिका लगाना अनिवार्य हैं। जबकि स्कूल डयूटी के लिए लगाई गई टैक्सी के चालक को पूर्व निर्धारित नीले रंग की वर्दी व काले रंग के जूते पहनना अनिवार्य हैं।
आरटीओ ने बताया कि स्कूल बस में 12 वर्ष से कम आयु की छात्रों की संख्या बस की क्षमता से डेढ़ गुना से अधिक नहीं होगी जबकि 12 वर्ष की आयु से ऊपर के छात्र को एक सीट दी जाएगी । इसके अतिरिक्त बस के भीतर सभी बच्चों का पूर्ण विवरण जिसमें उनके घर का पता, दूरभाष नंबर लिखना अनिवार्य होगा।
उन्होंने बताया कि स्कूल बसों के रखरखाव व संचालन के लिए प्रबंधन को नोडल ऑफिसर नियुक्त करना अनिवार्य है ताकि वह बसों का उचित रखरखाव व संचालन सुनिश्चित करवा सके। उन्होंने बताया कि इसके बस में पर्याप्त रोशनी, प्राथमिक उपचार तथा दो अग्निशमन सयंत्र की व्यवस्था तथा खिड़कियों में ग्रिल व जाली लगाना अनिवार्य होगी । उन्होंने बताया कि बस में पर्दे लगाने, संगीत उपकरण लगाने, मोबाइल फ़ोन सुनने तथा ज्वलनशील पदार्थों के रखने तथा अनाधिकृत व्यक्ति के बैठने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
उन्होंने सभी स्कूल प्रबंधकों से नियमों की 15 दिन के भीतर पूर्ण कड़ाई से अनुपालना सुनिश्चित बनाने का आग्रह किया है। उन्होंने बताया कि इस अवधि के पश्चात सभी वाहनों की शत-प्रतिशत चेकिंग सुनिश्चित की जाएगी तथा नियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूल प्रबंधकों व वाहन चालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
एसडीएम नूरपुर डॉक्टर सुरेंद्र ठाकुर ने मुख्य अतिथि तथा स्कूल प्रबंधकों का स्वागत करते हुए कहा कि बच्चों की सुरक्षा के दृष्टिगत इन नियमों का कड़ाई से पालन करना सबका दायित्व बनता है। उन्होंने कहा कि सभी स्कूल प्रबंधकों का उन्हें रचनात्मक सहयोग मिल रहा है । उन्होंने आशा व्यक्त कि भविष्य में भी इन नियमों की स्कूल प्रबंधकों द्वारा कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि निर्धारित अवधि के बाद इन नियमों का उल्लंघन करने वाले निजी स्कूल प्रबंधकों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
डीएसपी नूरपुर डॉ साहिल अरोड़ा ने सभी स्कूल प्रबंधकों से कहा कि वे स्कूल बसों में रखे जाने वाले वाहन चालकों तथा कंडक्टर का थाने से सत्यापन जरूर करवाएं ताकि किसी भी अपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति की नियुक्ति से बचा जा सके। उन्होंने स्कूल प्रबंधकों से उनके क्षेत्र में चलने वाली स्कूल बसों के वाहन चालकों से ब्लैक स्पॉट की सूची लेकर उन्हें शीघ्र उपलब्ध करवाने का आग्रह किया ताकि इन की मरम्मत का मामला संबंधित विभाग के समक्ष उठाया जा सके।
इस बैठक में नूरपूर उपमंडल के निजी स्कूल के प्रबंधकों सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।