राकेश शर्मा: जसूर: 11.02.2019
हिमाचल प्रदेश के जिला चंबा के जन जातीय क्षेत्र भरमौर मे भारी बर्फबारी के कारण क्षेत्र के लोगो का जीवन अस्त व्यस्त होकर रह गया है। क्षेत्र के लोगों के लिए यह बर्फबारी किसी आपदा से कम नही है। बर्फबारी के कारण विजली, पानी, सडक व् अन्य सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाओं से स्थानीय लोग बंचित होकर रह गये हैं। वहीं क्षेत्र मे किसानो व् बागबानो का इस भारी बर्फबारी से बहुत ही ज्यादा नुकसान हुआ है। जन जातीय क्षेत्र मे हजारो के हिसाब से सेव के पौधे वर्फ के कारण टूट गये है या जड़ से उखड़ गये है। इस आपदा ने किसानों को संकट में डाल दिया है। किसानो पर अपनी और अपने परिवार के भरण पोषण की चिंता सता रही है। उल्लेखनीय है कि जन जातीय क्षेत्र मे किसानो की आय का मुख्य साधन मात्र सेव की पैदावार ही है और परिवार का भरण पोषण इस ब्यवसाय से ही होता है।
किसान सेव फल उत्पादक संगठन भरमौर के अध्यक्ष सुरेश कुमार ठाकुर का कहना है कि बैंको द्वारा किसानो की फसल का बीमा किया जाता है वहीं सेव की फसल का बीमा भी किया जाता है जिसकी एवज में बैंको द्वारा प्रीमियम के रूप भारी भरकम राशि किसानो व बागवानों से बसूली जाती है। लेकिन अफसोस की बात है कि मुयाबजे के रूप मे किसानो के हाथ खाली ही रहते हैं। इसको लेकर भी किसानो व बागवानों में भारी रोष है। ठाकुर का कहना है कि एक तो बर्फबारी की मार उपर से किसानों को बैंक भी किसानों तथा बागवानों को प्रीमियम के नाम पर लूट रहे हैं और सरकार भी इस विषय पर खामोश है। ठाकुर ने सरकार से मांग की है कि बर्फबारी के कारण क्षेत्र की सभी पंचायतो के बागबानो के सेव के पौधों को हुए नुकसान का बिभाग से सर्वे करवा कर किसानो को उचित मुयाबजा दिया जाये। ताकि बागवान बर्बाद होने से बच सकें। वहीं सरकार को बैंकों की कार्यप्रणाली की ओर भी ध्यान देना चाहिए ताकि किसानों तथा बागवानों की आय का बड़ा हिस्सा बीमा प्रीमियम के नाम पर न हड़क सकें।
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