राकेश शर्मा (हिमाचलविज़िट)
पठानकोट मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रस्तावित फोरलेन परियोजना के तहत हो रहे भूमि अधिग्रहण को लेकर किये जा रहे अवार्ड को अन्यायपूर्ण करार देते हुए अब स्थानीय पँचायत प्रतिनिधियों ने भी परियोजना प्रभावितों के पक्ष में आवाज बुलंद कर दी है।
रविवार को विकास खंड नूरपुर क्षेत्र के तहत आती कंडवाल, पक्का टियाला, नागाबाड़ी, बासा व जसूर आदि पँचायत के प्रधानों की नागाबाड़ी में आयोजित संयुक्त बैठक में निर्णय लिया गया कि उनकी पंचायतें उक्त परियोजना पर निर्माण कार्य शुरू करने के लिए एनएचएआई (NHAI) को जरूरी अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नही करेंगी।
बासा पँचायत प्रधान करनैल सिंह, कंडवाल पंचायत प्रधान नरेंद्र कुमार, पक्का टियाला पंचायत प्रधान सरिता देवी, नागाबाड़ी पंचायत प्रधान रंजन मोहन व जसूर पँचायत प्रधान ज्योति देवी द्वारा रविवार को जारी संयुक्त व्यान में अपनी पंचायतों के प्रभावितों के पक्ष में बोलते हुए कहा कि फोरलेन परियोजना के तहत प्रभावितों को जो मुआवजा दिया जा रहा है वह बहुत ही कम है और इतने कम मुआवजे में उनकी पंचायतों के प्रभावित लोगों का नए स्थान पर पुनर्वास होना असम्भव है। उन्होंने कहा कि मुआवजे के तौर पर जितने पैसे प्रभावितों को मिल रहे हैं उससे तो कई लोगों के घरों को उखाड़ने का भी खर्चा पूरा नही होगा।
प्रधानों अनुसार प्रशासन द्वारा जारी अवार्ड के मुताबिक जो मुआवजे की रकम मिलनी है उससे नया आशियाना तो क्या किसी बंजर या खड्ड वाले क्षेत्र में भी जमीन नही मिल सकती लिहाज़ा वे अपने क्षेत्र के लोग जिनमें अधिकतर पौंग बांध विस्थापित हैं उन्हें इस कदर बर्वाद होते हुए नही देख सकते।
सरकार इस मुआवजे के स्थान पर प्रभावित व्यक्ति को उतनी ही जमीन व आवास बनाकर दे जितना इस परियोजना में समा रहा है। प्रधानों के अनुसार कई लोगों के भवनों का कुछेक भाग चपेट में आ रहा है लेकिन भवन उखाड़ने के दौरान सारा भवन प्रभावित होगा इसलिए सरकार को सारे भवन का मुआवजा तय करना चाहिए।
इन पंचायतों के प्रधानों ने इस बात पर भी हैरानी व्यक्त की कि परियोजना का सर्वे जब एकमुश्त हुआ तो अवार्ड विभिन्न किश्तों में क्यों दिया जा रहा है। एक अवार्ड के तहत 26 हैक्टेयर भूमि के लिए 79 करोड़ तो अगले अवार्ड में मात्र 7 हैक्टेयर भूमि का अवार्ड 66 करोड़ जारी हुआ है एक ही स्थान पर एक ही जमीन को अलग अलग अवार्ड जारी हुए हैं।
उधर फोरलेन संघर्ष समिति नूरपुर ने प्रभावित लोगों के पक्ष में उतरने तथा अन्यायपूर्ण मुआवजे पर उक्त पंचायतों के समर्थन पर संतोष व आभार प्रकट किया है। समिति अध्यक्ष दरवारी सिंह व महासचिव विजय सिंह हीर ने कहा कि उक्त परियोजना के कारण कंडवाल से भेदखड्ड तक उजड़ रहे करीब 4 हजार परिवारों का दर्द जो पँचायत प्रतिनिधियों ने बखूबी समझा है और अपना नैतिक समर्थन देकर प्रभावित लोगों की आवाज को बल दिया है।
समिति शीघ्र ही भू-अर्जन अधिकारी के कार्यालय समक्ष धरना प्रदर्शन के लिए अंतिम रूप दे रही है। समिति ने अन्य पंचायतों से भी आह्वान किया कि उक्त परियोजना जिन जिन पंचायतों के लोगों को प्रभावित कर रही है उन पंचायतों के प्रतिनिधि भी अपने लोगों के हकों की आवाज बनकर आगे आएं।
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