सोमवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में फीस नियंत्रण विधेयक पर हुई विस्तृत चर्चा के बाद मंत्रिमंडल ने प्रस्ताव को विदड्रा कर दिया। इससे नए शैक्षणिक सत्र से निजी स्कूलों की फीस पर अंकुश लगने की आस में बैठे लाखों अभिभावकों को बड़ा झटका लगा है। अब प्रस्ताव की कमियों को दूर करने और दोबारा से इसे विधानसभा में पेश करने के लिए मानसून सत्र का इंतजार करना पड़ेगा।
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच तीन दिन बाद 19 मार्च को फिर कैबिनेट की बैठक प्रस्तावित है। सोमवार को हुई बैठक में करीब पौने घंटे तक स्वास्थ्य सचिव ने कोरोना पर प्रस्तुति दी। बताया गया कि प्रदेश में करीब 15 दिन से मामले बढ़ रहे हैं। लोग बिना मास्क घूम रहे हैं। सामाजिक दूरी की धज्जियां उड़ रही हैं। मेले, रैलियों में उमड़ रही भीड़, शिक्षण संस्थानों का खुलना, बसों में ओवरलोडिंग खतरनाक हो सकती है। इसमें बंदिशें लगाने की सिफारिश की गई है। अब 19 मार्च को होने वाली बैठक के लिए प्रारूप तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग को भी कोविड-19 के नियमों को सख्ती से लागू करने के लिए कहा गया है।
मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश भू राजस्व संशोधन बिल-2021 को विस्तृत छानबीन के लिए भेजने का फैसला लिया है। प्रदेश में वर्ष 1954 से यह कानून लागू है। इसके बाद से आज तक कई तरह के बदलाव आए हैं। इसे देखते हुए यह संशोधन विधेयक लाया जाना है। मंजूरी देने से पहले संशोधनों की विस्तृत छानबीन करने की सिफारिश की गई है।
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