राकेश शर्मा (जसूर) 25 जुलाई 2020
अपने हक़ की लड़ाई को सड़क से ले कर शिमला और शिमला से लेकर दिल्ली तक लोकतान्त्रिक तरीके से लड़ा जायेगा। सर्वोच्च न्यायालय तक जनहित की इस लड़ाई को लड़ने से भी परहेज नहीं किया जायेगा। यह कहना है फोर लेन संघर्ष समिति नूरपुर के अध्यक्ष सेवा निवृत सूबेदार मेजर दरबारी सिंह का।
नूरपुर के भड़वार में आयोजित फोर लेन संघर्ष समिति नूरपुर की एक बैठक को सम्बोधित करते हुए दरवारी सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा सर्किल रेट में 40% कटौती का फैसला जन विरोधी फरमान के किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जायेगा।
बैठक में फोर लेन प्रभावितों से जोरदार अपील की गयी कि अभी नहीं तो कभी नहीं की नीति को अपनाते हुए अपने हक के लिए और जनहित के लिए अगर जान की कुर्बानी भी देनी पड़े तो उसके लिए भी तैयार रहें।
बैठक में सर्कार की मंशा पर शक जाहिर करते हुए कहा गया कि प्रभावितों के तीन वर्ष के संघर्ष की एवज में सरकार ने उनके साथ धोखा करते हुए भूमि अधिग्रहण के समय सर्किल रेट एक दम 40% कम करने का फरमान सुना दिया है जो की सरकारी स्तर पर आम जनमानस व फोर लेन प्रभावितों के साथ सरकार लूट है।
वहीँ इस मौके पर बैठक में मौजूद तमाम पदाधिकारियों ने एक मत होकर सरकार के इस जनविरोधी फरमान की विरुद्ध कानूनी लड़ाई लड़ने हेतु एक कानूनी सैल का भी गठन किया, जिसमें कुशल महाजन सेवा निवृत कराधान अधिकारी को सैल का अध्यक्ष मनोनीत किया गया। कुशल महाजन को स्वतंत्र रूप से पांच सदस्य कमेटी का गठन करने का भी अधिकार दिया गया ताकि जनहित की इस लड़ाई को सर्वोच्च न्यायालय तक लड़ा जा सके।
इस अवसर पर सुभाष पठानिया, बलदेव पठानिया, सुखदेव गुलेरिया, भारत भूषण बक्शी सरदार सिंह पठानिया, अश्वनी शर्मा, जनक शर्मा, सतीश शर्मा, राम चंद शास्त्री, युगल किशोर, मिस्टर बोहरा, प्रीतम सिंह ,मनोज ठाकुर, सुदर्शन शर्मा, शेर सिंह शेरू ब अन्य फोरलेन प्रभावित उपस्थित रहे।
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