Thursday, February 10, 2022

बच्चों का भविष्य अंधकारमय लेकिन हिमाचल सरकार बेपरवाह

राकेश शर्मा (हिमाचलविज़िट) 10 फरबरी 2022 
पिछले कल हुई प्रदेश कैबिनेट की मीटिंग से बहुत से अभिभावकों को आस थी कि अब नर्सरी से आठवीं तक के स्कूल भी खुल जायेंगे और कक्षाएं सुचारू रूप से ऑफलाइन माध्यम से स्कूलों में शुरू हो जाएंगी। परंतु एक बार फिर  सरकार द्वारा बच्चों के भविष्य के बारे में कोई उचित निर्णय ना लेना अभिभावकों व बच्चों लिए मानसिक तनाव का कारण बनता हुआ नजर आ रहा है। अभिभावकों का कहना है कि सरकार स्कूल खोलने पर कोई निर्णय न ले कर बच्चों के भविष्य के साथ खिलबाड़ कर रही है।  
अभिभावक ममता कुमारी का कहना है कि मेरे दो बच्चे हैं । वह दोनों बच्चे दूसरी व चौथी कक्षा में पढ़ते हैं । घर में फोन ना होने की वजह से पिछले 2 साल में बच्चे बहुत कम ऑनलाइन कक्षा में पढ़ पाए हैं । सरकार से प्रार्थना है कि जल्द से जल्द छोटी कक्षाओं के स्कूल खोले जाएं । ताकि हमारे बच्चे स्कूल आकर वार्षिक परीक्षाओं से पहले कुछ ना कुछ सीख पाएं।
केवल सिंह का कहना है कि मेरा पौता एलकेजी से सीधा ही बिना स्कूल गए पहली कक्षा में पहुंच गया है। परंतु पिछले दो साल में नया कुछ सीखना तो दूर की बात पढ़ाई में भी सब कुछ भूल गया है। सरकार से प्रार्थना है कि जल्द से जल्द स्कूलों को खोल दिया जाए नहीं तो सरकार जो यह अनपढ़ पीढ़ी तैयार कर रहे हैं, यही अनपढ़ पीढ़ी आज से 10- 12 साल बाद हमें पूछेगी कि कोरोना महामारी आई थी और आकर चली ग​ई। परंतु आपने क्यों हमारे भविष्य से खिलवाड़ कर दिया।
वही अभिभावक सुलेन्द्र कुमार का कहना है कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने तीसरी, पांचवी व आठवीं कक्षा का बोर्ड कर दिया है। जिसमें इस बार तीसरी, पांचवी व आठवीं कक्षा के बच्चे बोर्ड कक्षाओं में अपीयर होंगे। जिनके प्रश्नपत्र भी शिक्षा विभाग जारी करेगा और रिजल्ट भी। परंतु मेरा बच्चा तीसरी कक्षा में पढ़ता है और कोरोना महामारी के कारण वह पिछले 2 साल से स्कूल में नहीं गया है। तो वह किस प्रकार से इस बोर्ड परीक्षा में अपने आप को अपीयर करवाएगा, इस परीक्षा में सफल होगा। सरकार से विनम्र निवेदन है कि बच्चों के भविष्य को देखते हुए इन कक्षाओं का संचालन स्कूल में ऑफलाइन माध्यम से किया जाए ताकि अगले 15-20 दिनों में स्कूल आकर बच्चे कुछ ना कुछ सीख पाएं।
इसी संदर्भ में जिला कांगड़ा निजी स्कूल संगठन के उपाध्यक्ष सुशवीन पठानिया का कहना है कि जिला कांगड़ा के करीब 200 निजी स्कूल संचालक भी सरकार से कई बार नर्सरी से आठवीं तक के स्कूल खोलने की गुहार लगा चुके हैं। परंतु सरकार को इस बात की किसी भी प्रकार से चिंता नहीं है कि हमारे प्रदेश के बच्चे पिछले दो साल से स्कूल ही नही ग​ए, ऐसे में उनका भविष्य अंधकारमय होने वाला है। 
उनका कहना है कि बार-बार मीडिया व न्यूज़ चैनलों के माध्यम से भी सरकार तक हम ने मांग उठाई है लेकिन सरकार ने अभी तक छोटी कक्षाओं के लिए स्कूल खोलने को लेकर कोई फैसला नहीं सुनाया है।
उन्होंने बताया कि स्कूल बंद होने से बहुत से अध्यापक, ड्राइवर, कण्डक्टर आदि लोग बेरोजगार हो गए हैं। अगर अभी भी स्कूल नहीं खुले तो बच्चों की पढ़ाई के साथ- साथ वेरोजगार लोगों की तादाद भी बढ़ेगी और लोग आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाएंगे।
उन्होने माननीय शिक्षा मंत्री श्री गोविंद ठाकुर जी और प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी से प्रार्थना है कि जल्द से जल्द सभी स्कूलों को खोल दिया जाए ताकि बच्चे स्कूल आकर अच्छे ढंग से कुछ सीख पाएं ।

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