लेमनग्रास, सिट्रोनेला, जिरेनियम, तुलसी का अर्क, सफेदे के तेल बनाने की सिखाई तकनीक
उद्यान विभाग के सौजन्य से क्षेत्रीय बागवानी एवं प्रशिक्षण अनुसंधान केंद्र जाच्छ में शुक्रवार को 'महक परियोजना' के अंतर्गत 13 मार्च से 17 मार्च तक आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला का समापन किया गया।
जानकारी देते हुए विषय वाद विशेषज्ञ डॉ हितेंद्र पटियाल ने बताया कि कार्यशाला में फतेहपुर विकास खंड के 30 उन्नत किसानों को सुगंधित एवम औषधीय पौधों की खेती, मूल्यवर्धन व व्यापारीकरण का प्रशिक्षण दिया गया।
उन्होंने बताया कि कार्यशाला में किसानों को लेमनग्रास, सिट्रोनेला, जिरेनियम, तुलसी का अर्क, सफेदे के तेल को बनाने की तकनीक सिखाई गई। इसके अतिरिक्त शिविर में किसानों को औषधीय व सुगंधित पौधो को उगाने की विधि सिखाने के साथ उनके मूल्यवर्धन के बारे में भी जानकारी उपलब्ध करवाई गई।
उन्होंने बताया कि कार्यशाला में किसानों को देसी गाय के गोबर एवं औषधीय पौधों के मिश्रण से धूप बनाने की विधि के बारे में भी सिखाया गया साथ ही बागवानी विभाग द्वारा चलाई जा रही अन्य योजनाओं के बारे में भी किसानों को विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई ताकि अधिक से अधिक किसान इन योजनाओं का लाभ उठा सकें।
इस मौके पर एसोसिएट निदेशक डॉक्टर अतुल गुप्ता, डॉक्टर संजीव चौधरी, डॉक्टर उपिंदर गुप्ता, डॉक्टर अनूप महाजन, डॉ के एस पंत, डॉक्टर दुष्यंत शर्मा, डॉक्टर ऋषि डोगरा ,विषय वाद विशेषज्ञ डॉ हितेंद्र पटियाल, बागवानी विकास अधिकारी जोगिंदर कुमार सहित विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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