पुलिस थाना क्षेत्र नूरपुर के तहत सिनेमाहाल (जसूर) में एक युवक के 132केवी हाईवोल्टेज बिजली के टावर पर चढ़कर आत्महत्या कर ली। जानकारी के अनुसार मृतक की पहचान 21 वर्षीय राहुल, पुत्र लेख राज निवासी गॉव भलून, तहसील नूरपुर जिला काँगड़ा के रूप में हुई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार राहुल मंगलवार सुबह लगभग 11 बजे से लापता था। राहुल अपने घर से जसूर सब्जी मंडी जहाँ वह आम भराई का काम कर रहा था के लिए निकला था। राहुल सिनेमाहाल में उस हाईवोल्टेज टावर के पास कैसे और कब पहुंचा अभी इस बात के जानकारी प्राप्त नहीं हुई है। राहुल के झुलसे शरीर से कयास लगाए जा रहे हैं कि राहुल हाई वोल्टेज टावर के ऊपर चढ़ा और करंट लगने से उसकी मौत हो गई। टावर के नीचे राहुल का पर्स, मोबाइल और चप्पल भी पड़े हुए थे।
बुधवार सुबह जब उक्त जगह कुछ लोगों ने बुरी तरह झुलसे हुए शव को देखा तो इस बारे तुरंत पुलिस को सूचित किया। नूरपुर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। थाना प्रभारी नूरपुर कल्याण सिंह ने मामले की पुष्टि की है।
करणी सेना हिमाचल प्रदेश इकाई की प्रदेश कार्यकारिणी की एक अहम बैठक आज गग्गल में आयोजित हुई। इस बैठक में जहां नवनियुक्त कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष विशाल भारतीय ने अध्यक्षता की तो वही करणी सेना युवा शक्ति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रोहित चौहान ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। हिमाचल की टीम ने रोहित चौहान का गर्मजोशी से स्वागत किया। कार्यक्रम की शुरुआत पूर्व प्रदेशाध्यक्ष स्वर्गीय राहुल चौहान को श्रद्धांजलि देकर की गई। इस दौरान प्रदेशाध्यक्ष विशाल भारतीय ने कहा कि यह पूरे प्रदेश के लिए गर्व का विषय है कि रोहित चौहान को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में स्थान मिला है। उन्होंने कहा कि रोहित चौहान के सहयोग से प्रदेश में भी करणी सेना को एक नए मुकाम पर लेकर जाएंगे।
वही अपने संबोधन में करणी सेना युवा शक्ति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रोहित चौहान ने करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूरजपाल अम्मू व समस्त राष्ट्रीय कार्यकारिणी का आभार व्यक्त किया और कहा कि उनके दिवंगत भाई राहुल चौहान ने करणी सेना को लेकर हिमाचल में जो सपने देखे थे उन सपनों को प्रदेश और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सहयोग से साकार किया जाएगा इस कार्यक्रम में करणी सेना के प्रदेश संगठन महामंत्री विजय श्री जिलाध्यक्ष कांगड़ा अजीत भारतीय, व्यापार प्रकोष्ठ प्रदेशाध्यक्ष रोहित महाजन, युवा शक्ति उपाध्यक्ष रीना राणा सहित अन्य पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य में कोविड -19 स्थिति की समीक्षा की गई। निर्णय लिया गया कि राज्य में 1 जुलाई 2021 से 50 प्रतिशत क्षमता के साथ वॉल्वो सहित अंतर्राज्यीय बसें शुरू की जाएंगी और 1 जुलाई से ई-पास बंद कर दिया जाएगा। एक जुलाई से सरकारी कार्यालय शत-प्रतिशत क्षमता के साथ काम करना शुरू कर देंगे।
यह भी निर्णय लिया गया है कि सभी दुकानें सुबह 9 बजे से रात 8 बजे तक खुली रहेंगी जबकि रेस्तरां को रात 10 बजे तक खोलने की अनुमति होगी। अधिकतम 50 व्यक्तियों के साथ कुल इनडोर क्षमता के 50 प्रतिशत तक सामाजिक समारोहों/उपस्थिति आदि की अनुमति होगी, जबकि बाहरी सभाओं में अधिकतम 100 व्यक्तियों की अनुमति होगी।
कैबिनेट ने 10वीं कक्षा को 10 प्रतिशत वेटेज, 11वीं क्लास के रिजल्ट को 15 प्रतिशत वेटेज और पहली, दूसरी टर्म और प्री-बोर्ड परीक्षाओं को 55 प्रतिशत वेटेज और 5 प्रतिशत वेटेज के आधार पर 12वीं क्लास थ्योरी मार्क्स की गणना के फॉर्मूले को मंजूरी दी। अंग्रेजी विषय के परिणाम और आंतरिक मूल्यांकन के लिए 15 प्रतिशत वेटेज। कक्षा 12वीं के परिणाम जुलाई, 2021 के तीसरे सप्ताह तक घोषित किए जाएंगे।
मंत्रिमंडल ने 26 जून से 25 जुलाई तक ग्रीष्मकाल बंद क्षेत्रों में स्कूलों में एक महीने की छुट्टी देने को भी मंजूरी दी। कुल्लू जिले में 23 जुलाई से 14 अगस्त, 2021 तक 23 दिनों का अवकाश रहेगा। इसके अलावा लाहौल-स्पीति जिले में 1 जुलाई से 31 जुलाई तक एक माह का अवकाश रहेगा। सर्दियों के बंद क्षेत्रों में शिक्षक 1 जुलाई, 2021 से स्कूलों में भाग लेना शुरू कर देंगे। हालांकि, छात्रों के लिए ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी।
कैबिनेट ने शिक्षा और स्वास्थ्य विभागों को इस तरह से योजना बनाने का भी निर्देश दिया कि इस महीने के अंत तक शिक्षण संस्थानों के अधिक से अधिक शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों का टीकाकरण हो सके।
मंत्रि-परिषद ने जिला सोलन के बद्दी में राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो का नया पुलिस थाना स्थापित करने सहित विभिन्न श्रेणियों के 14 पदों के सृजन एवं भरने को स्वीकृति प्रदान की।
मंत्रि-परिषद ने सोलन जिले के दून विधानसभा क्षेत्र के बद्दी में जल शक्ति विभाग के नए मंडल के अलावा साईं में नया जल शक्ति खंड खोलने को भी मंजूरी दी.
राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों और डेंटल कॉलेजों के पीजी छात्रों (एमडी / एमएस और डीएनबी), जूनियर रेजिडेंट, ट्यूटर विशेषज्ञ और डीएम / एम.सीएच छात्रों के वजीफा में वृद्धि करने का निर्णय लिया गया। 5000 प्रति माह।
मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के अनुसार शिक्षा विभाग के खिलाड़ियों के आहार भत्ते को दोगुना करने का भी निर्णय लिया गया। निर्णय के अनुसार, ब्लॉक स्तर पर आहार राशि रुपये से बढ़ा दी गई है। 50 से रु. 100, जोनल और जिला स्तर पर रु। 60 से रु. 120 और राज्य स्तर पर रु। 75 से रु. प्रति छात्र प्रति दिन 150 रुपये।
मंत्रि-परिषद ने मनकोट, कुठेर, केगा, घट्टा, सरोग को सरकारी हाई स्कूल और सरकारी हाई स्कूल, बंजवार, सिंगधर और धाडू को सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में अपग्रेड करने के साथ-साथ आवश्यक निर्माण और भरने के लिए अपनी मंजूरी विभिन्न श्रेणियों के पद।
साथ ही शिक्षा विभाग के अंशकालिक जलवाहकों के मानदेय में एक हजार रुपये की वृद्धि करने की भी स्वीकृति प्रदान की। 1 अप्रैल, 2021 से 300 रुपये प्रति माह। इस निर्णय से विभाग के 1252 अंशकालिक जल वाहक लाभान्वित होंगे।
मंत्रिमण्डल ने राज्य में कोविड-19 की दूसरी लहर से निपटने के लिए 30 जून, 2021 तक राज्य के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में विभिन्न श्रेणियों के 1602 पदों को आउटसोर्स आधार पर भरने की कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान की और आगे यह निर्णय लिया गया कि महामारी की तीसरी लहर की संभावना को ध्यान में रखते हुए इन कर्मचारियों को 30 सितंबर, 2021 तक विस्तार दिया।
बैठक में गोविंद सागर जलाशय के कार्यकरण में संशोधन की लीज/निविदा अवधि को न्यूनतम एक से चार वर्ष तक बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया।
मंत्रिमण्डल ने अभियोजन विभाग में सहायक जिला अटार्नी के 25 पदों को सीधी भर्ती के माध्यम से अनुबंध के आधार पर भरने का निर्णय लिया।
मंत्रि-परिषद ने किन्नौर जिले के कल्पा में नवनिर्मित उप कारागार में विभिन्न श्रेणियों के 30 पद सृजित एवं भरने को स्वीकृति प्रदान की।
शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज की अध्यक्षता में स्वर्णिम हिमाचल दृष्टि पत्र-2017 के क्रियान्वयन के लिए गठित मंत्रिमंडल की उपसमिति की बैठक हुई। बैठक में स्वर्णिम हिमाचल से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई।
इस अवसर पर सुरेश भारद्वाज ने कहा कि लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत राज्य के 34 विभागों द्वारा 248 लोक सेवाओं को अधिसूचित किया गया है। इन सेवाओं को समयबद्ध तरीके से लोगों को उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रत्येक विभाग द्वारा प्रदान की जाने वाली सार्वजनिक सेवाओं के लिए समय अवधि निर्धारित की गई है।
उन्होंने कहा कि 248 सार्वजनिक सेवाओं में से 110 सेवाएं ऑनलाइन माध्यम से, 30 सेवाएं ई-डिस्ट्रिक्ट के माध्यम से और 80 सेवाएं 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' के तहत दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि निर्धारित समयावधि में सेवाएं नहीं देने पर एक हजार से पांच हजार रुपये तक के जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल शासन की दक्षता में सुधार होगा बल्कि सुशासन के लिए एक मजबूत नींव भी उपलब्ध होगी।
सुरेश भारद्वाज ने अधिकारियों को लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत प्रदान की जाने वाली विभिन्न सेवाओं के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के प्रावधानों का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाए।
शहरी विकास मंत्री ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं विकलांग व्यक्तियों के लिए आरक्षित बैकलॉग पदों को तत्काल भरने के निर्देश दिये। उन्होंने विभागों को इस संबंध में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट 15 दिनों के भीतर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। उन्होंने सरकारी नौकरियों में भूतपूर्व सैनिकों के लिए मौजूदा कोटा का कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
उन्होंने शिकायत निवारण प्रणाली को और बेहतर बनाने के लिए विभिन्न दिशा-निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्य प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए ई-निविदा प्रक्रिया को अनिवार्य कर दिया गया है।
सुरेश भारद्वाज ने कहा कि ई-गवर्नेंस और सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल- सीएम डैशबोर्ड बनाया गया है और इसका प्रभावी तरीके से क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर विश्व हिंदू परिषद जिला नूरपुर के कार्यकर्ताओं ने नूरपुर उपमंडल के गांव बगनी में स्थित आत्म प्रज्ञा आश्रम में योग शिवर का आयोजन किया इस अवसर पर विश्व हिन्दू परिषद जिला नूरपुर के गौ सेवकों द्वारा पौधा रोपण किया गया इस अवसर पर प्राणायाम,आसन,सूर्य नमस्कार सहित अन्य योग क्रिया की गई इसके साथ आश्रम में हवन पाठ व अशवगंधा ,तुलसी, बहेड़ा के पौधे लगाए गए।
इस मौके पर आत्म प्रज्ञा आश्रम के स्वामी वेद प्रकाश ,विश्व हिंदू परिषद जिला सहमंत्री व जिला गौ रक्षा प्रमुख अर्पण चावला, जिला सत्संग प्रमुख सचिन कश्यप, जिला सत्संग सह प्रमुख तरसेम कुमार, प्रखंड सत्संग प्रमुख प्रवीण कुमार, चालीसा प्रमुख लेख राज, चालीसा सह प्रमुख गौरव कुमार, अखाड़ा प्रमुख रवि कुमार, कर्ण, कपिल, मुकेश, महिन्द्र, तारा चंद, बलदेव राज, पंकज व सनातन हिन्दू वाहिनी हिमाचल अध्यक्ष रविंदर समकड़िया व योग गुरु सुरेन्द्र शर्मा बिशेष रूप से उपस्थित रहे।
योग गुरु सुरेन्द्र शर्मा ने कहा कि निरोगी रहने के लिए योग बहुत ही आवश्यक है अतः योग जरूर करें ।
नूरपुर के पूर्व विधायक स्वर्गीय रणजीत बक्शी के जन्मदिवस पर उनके पारिवारिक सदस्यों द्वारा इलाके के गरीब किसानों को सब्जियों के बीज वितरित किए गए। स्वर्गीय रणजीत बक्शी के पुत्र आईएएस अकिल बक्शी ने नूरपुर उपमंडल के छतरोली, ग्योरा, थोड़ा और भलून इलाके के कुछ किसानों को बीज वितरित किये।
इस दौरान अकिल बक्शी ने बताया कि उनके पिता के जन्मदिवस के उपलक्ष्य पर किसानों को एक तरह से सम्मानित किया गया और पिता को भी श्रद्धांजलि दी गई। उन्होंने बताया कि हर किसान को आधा किलो भिंडी के बीज, और 250 250 ग्राम खीरा, लौकी जैसी सब्जियों के बीज वितरित किये गए। उन्होंने कहा कि उनकी तरफ से यह प्रयास है कि गरीब किसान को आने वाले दिनों में इस फसल से अपना जीवन यापन करने में थोड़ी मदद मिले और उनकी आर्थिकी में भी थोड़ा सा सहयोग हो।
अकिल ने कहा कि देखने में आया है कि सरकारी बीज भंडारण होने के बावजूद भी गरीब तबके के किसान तक बीज नही पहुंचता जिससे उन्हें महंगे दाम पर बीज खरीदने पड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई बाद किसानों को नकली बीज थमा दिए जाते हैं जिससे उनकी मेहनत पर पानी फिर जाता है। उन्होंने कहा आज किसान कोरोना और कृषि कानूनों की वजह से भी परेशान है। ऐसे में उनका प्रयास रहेगा कि वह ऐसे गरीब किसानों को चिन्हित कर उनकी मदद करें।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा लोगों को कोविड-19 के प्रति जागरूकता बढ़ाने हेतु मिशन रक्षक अभियान शुरू किया गया है। जानकारी देते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद नूरपुर के जिला संयोजक दिशांत जरयाल ने जानकारी देते हुए बताया कि मिशन रक्षक अभियान 15 जून से 25 जून तक चलेगा।
दिशांत ने कहा कि विद्यार्थी परिषद छात्र संगठन होने के साथ-साथ एक सामाजिक संगठन भी है जो कि समाज के प्रति अपनी भूमिकाओं को निभाता आ रहा है तथा समाज की हर विपदा का समाधान निकालने का प्रयास करता है। विद्यार्थी परिषद ने सामाजिक क्षेत्र में कई अभियान चलाए हैं तथा लोगों को जागरूक किया है तथा देश की कई समस्याओं का निपटारा किया है।
विद्यार्थी परिषद द्वारा मिशन रक्षक नामक अभियान चलाया गया है। इस अभियान के अंतर्गत विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता महाविद्यालय के छात्र व छात्राओं तथा पंचायत स्तरीय समिति के लोगों को इस अभियान के साथ जोड़कर गांव गांव जाएंगे तथा वहां के लोगों को कोविड-19 के प्रति जागरूक करने के साथ ही वैक्सीन लगवाने के लिए भी प्रेरित करेंगे। इस अभियान के तहत विद्यार्थी परिषद के लोग गांव गांव में जाकर मास्क व सैनिटाइजर पहुंचाएंगे, कोविड-19 से बचने के उपाय बताएंगे तथा कोविड-19 के कारण उत्पन्न हुई समस्याओं को जानेंगे तथा उन समस्याओं को हल करने का प्रयास करेंगे।
इस अभियान के अंतर्गत संगठनात्मक जिला नूरपुर के नूरपुर, देहरी, जवाली, सुघभटोली, रे, इंदौरा, सिहुंता तथा चुवाड़ी इकाइयां जिला के विभिन्न स्थानों पर इस अभियान को चलाएंगी। इस अभियान में नूरपुर जिला के 71 कार्यकर्ता अपनी सेवाएं देंगे।
दिशांत जरयाल का कहना है कि इस महामारी के कारण लोग काफी परेशान हैं तथा यह अभियान उनकी परेशानियों को कम करने का एक माध्यम भी बन सकता है। विद्यार्थी परिषद द्वारा चलाया गया यह अभियान लोगों के लिए संजीवनी की तरह काम करेगा ऐसा उनका विश्वास है।
भारतीय नौसेना ने शॉर्ट सर्विस कमीशन ऑफिसर पदों पर भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की है। सभी पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाले अभ्यर्थी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
करणी सेना के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष की गिरफ्तारी का विरोध हिमाचल में भी होना शुरू हो गया है। हिमाचल प्रदेश करणी सेना व्यापार प्रकोष्ठ अध्यक्ष रोहित महाजन, सचिव राज कपूर एवं रोहित चौहान ने केंद्र सरकार एवं गाजियाबाद प्रशासन से सवाल किया है कि किस आधार पर करणी सेना के अध्यक्ष शेखर चौहान को गिरफ्तार किया गया है।
उन्होने कहा की डासना गाजियाबाद स्थित प्राचीन देवी मंदिर डासना के विधायक असलम चौधरी ने विवादित बयान दिया था जिसके विरोध में सैकड़ों लोगों ने मंदिर परिसर में नाराजगी जाहिर की। इसी क्रम में करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष शेखर चौहान को भी गिरफ्तार किया गया है और यह कहा गया कि आपके द्वारा भड़काऊ बयानबाजी की गई है जबकि बेवजह की बयान बाजी विधायक असलम चौधरी ने की थी पूरे हिमाचल की करणी सेना टीम विरोध करती है अगर हिमाचल से सभी करणी सैनिकों को गाजियाबाद भी जाना पड़े तो हम सब तैयार हैं।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर जी की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की गई।
कैबिनेट ने 14 जून से सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक दुकानें खोलने का लिया फैसला, वीकेंड बंद, RTPCR, राज्य में प्रवेश का आदेश नहीं :
कैबिनेट ने 14 जून से शनिवार और रविवार को बंद रहने के साथ दुकानों के खुलने का समय सुबह 9 बजे से बढ़ाकर शाम 5 बजे करने का फैसला किया। यह निर्णय लिया गया कि 14 जून से कार्यालय 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ 75 और उससे अधिक की कर्मचारियों की संख्या के साथ कार्य करेंगे। 23 जून से सभी मेडिकल कॉलेज, आयुर्वेदिक कॉलेज और डेंटल कॉलेज खुले रहेंगे। 28 जून से फार्मेसी और नर्सिंग स्कूल खुलेंगे। 50 प्रतिशत अधिभोग के साथ अंतर्राज्यीय सार्वजनिक परिवहन की अनुमति होगी। धारा 144 हटा ली गई और राज्य में प्रवेश करने के लिए RTPCR परीक्षण की कोई आवश्यकता नहीं है। शाम 5 बजे से सुबह 5 बजे तक जारी रहेगा कोरोना कर्फ्यू
मंत्रिमंडल ने परिवहन क्षेत्र को लगभग 40 करोड़ रुपये की राहत प्रदान की, जो महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र में से एक है, जिसमें स्टेज कैरिज ऑपरेटरों के लिए कार्यशील पूंजी पर एक ब्याज सबवेंशन योजना शामिल है, जिसके तहत प्रति बस और अधिकतम 2 लाख रुपये की ऋण राशि है। बस संचालकों को कार्यशील पूंजी के रूप में 20 लाख रुपये तक की राशि प्रदान की जाएगी। ऋण की अवधि 5 वर्ष होगी, जिसमें एक वर्ष अधिस्थगन अवधि का होगा, 75 प्रतिशत ब्याज सबवेंशन होगा, जिसका भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। दूसरे वर्ष में राज्य सरकार द्वारा वहन किए जाने वाले ब्याज पर 50 प्रतिशत की ब्याज छूट दी जाएगी। लगभग रु. इस योजना पर सरकार की ओर से 11 करोड़ की राहत दी गई है।
कैबिनेट ने 1 अगस्त, 2020 से 31 मार्च, 2021 तक विशेष रोड टैक्स और टोकन के भुगतान पर 50 प्रतिशत की राहत देकर स्टेज कैरिज, टैक्सी, मैक्सी, ऑटोरिक्शा और इंस्टीट्यूशन बसों को भी बहुत जरूरी राहत प्रदान की। परिवहन क्षेत्र करीब रुपये की राहत इस निर्णय के कारण 20 करोड़। 1 अप्रैल, 2021 से 30 जून, 2021 तक तीन महीने की अवधि के दौरान विशेष सड़क कर और टोकन टैक्स पर 50 प्रतिशत राहत प्रदान करने का भी निर्णय लिया। इस निर्णय से रुपये की राहत मिलेगी। स्टेज कैरिज, टैक्सी, मैक्सी, ऑटोरिक्शा, कॉन्ट्रैक्ट कैरिज बसों और इंस्टीट्यूशन बसों के लिए 8 करोड़। कोरोना के संकट काल में परिवहन क्षेत्र को सरकार द्वारा प्रदान की गई इस राहत से राज्य के सभी लोगों को लाभ होगा और परिवहन क्षेत्र के लिए भी यह एक बड़ी मदद साबित होगी।
जल शक्ति विभाग में 2322 पद भरे जाएंगे और स्वास्थ्य क्षेत्र में भी विभिन्न पद सृजित होंगे:
मंत्रि-परिषद ने जल शक्ति विभाग को राज्य में 486 पेयजल एवं 31 सिंचाई योजनाओं के प्रभावी प्रबंधन के लिए विभागीय पैरा वर्कर्स नीति के तहत विभिन्न श्रेणियों के 2322 पदों को भरने के लिए आगे बढ़ने का निर्देश दिया. मंत्रि-परिषद ने आईजीएमसी शिमला के ट्रॉमा/टर्शियरी केयर सेंटर और आईजीएमसी शिमला के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक चमियाना में विभिन्न श्रेणियों के 401 पदों को सृजित करने और भरने और राज्य के लोगों को 328 पदों के अलावा विशेष स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं प्रदान करने का निर्णय लिया आउटसोर्सिंग के आधार पर विभिन्न श्रेणियों के।
कैबिनेट ने एसएमसी के तहत नियुक्त शिक्षकों की सभी श्रेणियों के मानदेय में रुपये की वृद्धि करने का निर्णय लिया। 1 अप्रैल 2021 से 500 प्रति माह :
मंत्रिपरिषद ने एसएमसी के तहत नियुक्त सभी श्रेणी के शिक्षकों के मानदेय में एक हजार रुपये की वृद्धि करने का निर्णय लिया। 1 अप्रैल 2021 से 500 प्रति माह।
मंत्रि-परिषद ने प्रारंभिक शिक्षा विभाग की मध्याह्न भोजन योजना के तहत रसोइया सह हेल्पर के मानदेय में भी एक रुपये की वृद्धि करने का निर्णय लिया। 1 अप्रैल 2021 से 300 प्रति माह।
स्नातक और शास्त्री अंतिम वर्ष की परीक्षाएं जुलाई 2021 में होंगी
राज्य में कोविड-19 महामारी की स्थिति को ध्यान में रखते हुए, कैबिनेट ने यूजीसी द्वारा जारी एसओपी के अनुसार जुलाई, 2021 के महीने के दौरान स्नातक और शास्त्री अंतिम वर्ष की परीक्षाएं आयोजित करने का निर्णय लिया। अंतिम परीक्षा समाप्त होने के बाद स्नातक प्रथम और द्वितीय वर्ष की परीक्षाएं आयोजित करने का भी निर्णय लिया। इसने स्नातक कक्षाओं के लिए वर्ष 2021-22 का शैक्षणिक सत्र इस वर्ष अगस्त के पहले सप्ताह से शुरू करने का भी निर्णय लिया।
आतिथ्य उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कैबिनेट ने कार्यशील पूंजी ऋण पर ब्याज सबवेंशन के लिए संशोधित योजना को अपनी मंजूरी दी:
मंत्रिमंडल ने आतिथ्य उद्योग के लिए कार्यशील पूंजी ऋण पर ब्याज सबवेंशन के लिए संशोधित योजना को अपनी मंजूरी दे दी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पर्यटन इकाई संचालकों को मौजूदा बाजार दरों से कम ब्याज दरों पर कार्यशील पूंजी तक आसान पहुंच प्राप्त हो सके। संशोधित योजना में पहले वर्ष में 75 प्रतिशत के ब्याज उपवर्तन का प्रावधान है और भुगतान अवधि को भी बढ़ाकर पांच वर्ष कर दिया गया है। नई योजना में रोपवे और ट्रैवल एजेंटों जैसी कुछ अन्य श्रेणियों को भी शामिल किया गया है।
COVID-19 मृतक परिवार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (प्राथमिकता वाले परिवार श्रेणी) के अंतर्गत आएंगे
कैबिनेट ने उन परिवारों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (प्राथमिकता वाले परिवार श्रेणी) के तहत शामिल करने का निर्णय लिया जहां कोविड महामारी के कारण मृत्यु हुई। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत प्राथमिकता वाले परिवारों की पहचान के लिए 1 अगस्त, 2013 को जारी दिशा-निर्देशों में उन्हें तत्काल राहत देने के लिए छूट दी जाएगी और ऐसे परिवारों को तुरंत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (पीएचएच श्रेणी) के तहत ग्राम पंचायतों और शहरी स्थानीय निकायों द्वारा शामिल किया जाएगा। ) केवल ऐसे व्यक्तियों का कोविड मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करके जिनकी मृत्यु कोरोना के कारण हुई है।
कैबिनेट ने सेवा उद्यमों को शामिल करने के लिए मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना 2019 में आवश्यक संशोधन करने को अपनी मंजूरी दी और संबंधित माल वाहक को समग्र संबंधित गतिविधियों के रूप में जोड़ा जा सकता है। यह रुपये की अधिकतम निवेश सीमा को बढ़ाने की भी परिकल्पना करता है। कुल लागत परियोजना के साथ संयंत्र और मशीनरी में 60 लाख रुपये से अधिक नहीं। मौजूदा रुपये के स्थान पर 100 लाख। 40 लाख और रु. क्रमशः 60 लाख। साथ ही एक लाख रुपये तक की ऋण राशि पर तीन साल के लिए पांच प्रतिशत की दर से ब्याज सब्सिडी बढ़ाने की भी अनुमति दी। 60 लाख की जगह रु. 40 लाख। इससे युवाओं को इस योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाने में सुविधा होगी।
इसने क्षेत्र के बच्चों की सुविधा के लिए मण्डी जिले के धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र के शिक्षा खंड धरमपुर-द्वितीय में ग्राम पंचायत सिद्धपुर के ग्राम खडून में प्राथमिक विद्यालय को फिर से खोलने की अपनी सहमति दी। इसने अनुबंध पर खनन गार्ड के चार पदों को भरने का भी निर्णय लिया. सीधी भर्ती के माध्यम से उद्योग विभाग के भूवैज्ञानिक विंग में आधार। कैबिनेट ने विभाग के बेहतर कामकाज के लिए अनुबंध के आधार पर खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग में निरीक्षक, ग्रेड- I के तीन पदों को भरने को मंजूरी दी। मंत्रिमण्डल ने मण्डी जिले के बल्ह विधानसभा क्षेत्र के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मेरा मसित में विद्यार्थियों की सुविधा के लिए विभिन्न श्रेणियों के तीन पदों के सृजन के साथ विज्ञान की कक्षाएं शुरू करने का निर्णय लिया। साथ ही राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बग्गी में विज्ञान की कक्षाएं शुरू करने को भी अपनी स्वीकृति प्रदान की। चंबा जिले के डलहौजी विधानसभा क्षेत्र के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अथर क्षेत्र के छात्रों की सुविधा के लिए। मंत्रि-परिषद ने श्री सरस्वती संस्कृत महाविद्यालय डांगर, बिलासपुर जिले की घुमारवीं तहसील को शासन के नियंत्रण में लेने का निर्णय लिया।
हिमाचल प्रदेश निर्वाचन विभाग में कनिष्ठ कार्यालय सहायक (आईटी) के सात पदों को सीधी भर्ती के माध्यम से अनुबंध के आधार पर भरने का भी निर्णय लिया गया। उपायुक्त कार्यालय चंबा में दैनिक वेतन के आधार पर चालकों के दो पदों को भरने का भी निर्णय लिया। मंत्रिपरिषद ने मंडी जिले के हिमाचल प्रदेश राजस्व प्रशिक्षण संस्थान जोगिन्द्रनगर में दैनिक वेतन के आधार पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के दो पदों को भरने का भी निर्णय लिया। मंत्रिमंडल ने जनता की सुविधा के लिए जिला शिमला के शिलॉनबाग में नया विश्राम गृह बनाने का भी निर्णय लिया।
बैठक में जिला मण्डी के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र थुनाग को स्तरोन्नत कर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बनाने का भी निर्णय लिया गया। बैठक में सिस्टर निवेदिता राजकीय नर्सिंग कॉलेज, शिमला में रीडर सह एसोसिएट प्रोफेसर का एक पद सृजित कर भरने का भी निर्णय लिया गया। बैठक में कांगड़ा जिले के 200 बिस्तरों वाले सिविल अस्पताल नूरपुर में चिकित्सा अधीक्षक का एक पद सृजित कर भरने का भी निर्णय लिया गया।
मंत्रि-परिषद ने ऊना जिले के पंडोगा में (200 बिस्तरों वाले), पालमपुर के परौर में राधा स्वामी सत्संग (500 बिस्तरों वाले), मण्डी जिले के खलियार में राधा स्वामी सत्संग और राधा स्वामी सत्संग में अस्थायी अस्पतालों की स्थापना/संचालन की कार्योत्तर अनुमति देने का निर्णय लिया। सोलन जिले में अंजी (200 बिस्तर) जनहित में। 60 स्टाफ नर्स, छह वार्ड सिस्टर्स, 30 वार्ड बॉय, 20 स्वीपर, 15 सुरक्षाकर्मी, 10 हाउसकीपिंग पर्सन और पांच डीईओ आउटसोर्स के माध्यम से उपलब्ध कराने का भी निर्णय लिया। मंत्रि-परिषद ने कांगड़ा जिले में पशु चिकित्सा औषधालय, सिहुंड को पशु चिकित्सा अस्पताल में अपग्रेड करने के साथ-साथ इसके सुचारू संचालन के लिए तीन पदों के सृजन और भरने का भी निर्णय लिया। मंत्रि-परिषद ने कांगड़ा जिले के जिला स्तरीय जन्माष्टमी मेले नूरपुर को राज्य स्तरीय मेला घोषित करने को स्वीकृति प्रदान की। इसने विभिन्न मेलों को अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय मेलों के रूप में घोषित करने के लिए अनुदान की राशि में वृद्धि करने का भी निर्णय लिया ताकि उन्हें उचित तरीके से मनाया जा सके। मंत्रि-परिषद ने मुख्य अभियंता एचपीपीडब्ल्यूडी हमीरपुर अंचल के कार्यालय में उप नियंत्रक वित्त एवं लेखा का एक-एक पद सृजित करने की स्वीकृति प्रदान की। नवसृजित उपमंडल निर्वाचन में कनिष्ठ कार्यालय सहायक (आईटी) एवं चतुर्थ श्रेणी के एक-एक पद सृजित करने का भी निर्णय लिया। कार्यालय ऊना जिले के गगरेट में है। कनिष्ठ कार्यालय सहायक (आईटी) का पद अनुबंध के आधार पर भरा जाएगा जबकि चतुर्थ श्रेणी का पद दैनिक वेतन के आधार पर भरा जाएगा।
क्या गर्भवती महिलाएं कोविड 19 का टीका लगवा सकती हैं? स्तनपान कराने वाली माताएं भी लगवा सकती हैं?
क्या टीका लगवाने के बाद मुझमें पर्याप्त एंटीबॉडी बन जाती हैं?
क्या वैक्सीन का इंजेक्शन लगने के बाद रक्त का थक्का बनना सामान्य है?
अगर मुझे कोविड संक्रमण हो गया है, तो कितने दिनों के बाद मैं टीका लगवा सकता हूं?
ये कुछ ऐसे सवाल हैं जो कोविड टीकाकरण के बारे में लोग अक्सर उठाते हैं। डॉ. वी के पॉल, सदस्य (स्वास्थ्य), नीति आयोग, और डॉ. रणदीप गुलेरिया, निदेशक, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ने रविवार 6 जून को डीडी न्यूज पर एक विशेष कार्यक्रम में कोविड-19 टीकों के बारे में लोगों की विभिन्न शंकाओं का समाधान किया।
सही तथ्यों और सूचनाओं की जानकारी के लिए इसे पढ़ें, और संक्रमण से सुरक्षित रहें:-
इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी अक्सर पूछे जाने वाले अन्य प्रश्नों के भी उत्तर दिये हैं।
क्या एलर्जी वाले लोगों को टीका लगाया जा सकता है?
डॉ. पॉल: अगर किसी को एलर्जी की गंभीर समस्या है, तो डॉक्टरी सलाह के बाद ही कोविड का टीका लगवाना चाहिए। हालांकि, अगर यह केवल मामूली एलर्जी - जैसे सामान्य सर्दी, त्वचा की एलर्जी आदि का सवाल है, तो टीका लेने में संकोच नहीं करना चाहिए।
डॉ. गुलेरिया: एलर्जी की पहले से दवा लेने वालों को इन्हें रोकना नहीं चाहिए, टीका लगवाते समय नियमित रूप से दवा लेते रहना चाहिए। यह भी जानना महत्वपूर्ण है कि टीकाकरण के कारण उत्पन्न होने वाली एलर्जी के प्रबंधन के लिए सभी टीकाकरण स्थलों पर व्यवस्था की गई है। अतः हम सलाह देते हैं कि यदि आपको गंभीर एलर्जी हो, तो भी आप दवा लेते रहें और जाकर टीकाकरण लगवाएं।
क्या गर्भवती महिलाएं कोविड-19 का टीका लगवा सकती हैं?
डॉ पॉल: हमारे वर्तमान दिशानिर्देशों के अनुसार गर्भवती महिलाओं को टीका नहीं लगाया जाना चाहिए। इसका कारण यह है कि डॉक्टरों और वैज्ञानिक समुदाय द्वारा टीका परीक्षणों से उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर अभी गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण की सिफारिश करने का निर्णय नहीं लिया जा सका है। हालांकि, भारत सरकार नए वैज्ञानिक जानकारी के आधार पर कुछ दिनों में इस स्थिति को स्पष्ट करेगी।
यह पाया जा रहा है कि गर्भवती महिलाओं के लिए कई कोविड-19 टीके सुरक्षित पाए जा रहे हैं; हमें उम्मीद है कि हमारे दो टीकों के लिए भी रास्ता खुल जाना चाहिए। हम जनता से थोड़ा और धैर्य रखने का अनुरोध करते हैं, विशेष रूप से यह देखते हुए कि टीके बहुत कम समय में विकसित किए गए हैं, और गर्भवती महिलाओं को आमतौर पर सुरक्षा चिंताओं के कारण प्रारंभिक परीक्षणों में शामिल नहीं किया जा रहा है।
डॉ. गुलेरिया: कई देशों ने गर्भवती महिलाओं के लिए टीकाकरण शुरू कर दिया है। अमरीका के एफडीए ने फाइजर और मॉडर्ना के टीकों को इसके लिए मंजूरी दे दी है। कोवेक्सीन और कोविशील्ड से संबंधित आंकड़े भी जल्द आएंगे; कुछ डेटा पहले से ही उपलब्ध है, और हम आशा करते हैं कि कुछ दिनों में, हम पूर्ण आवश्यक आंकड़े प्राप्त करने और भारत में भी गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण को मंजूरी देने में सफल होंगे।
क्या स्तनपान कराने वाली माताएं कोविड-19 टीका लगवा सकती हैं?
डॉ पॉल: इस बारे में बहुत स्पष्ट दिशानिर्देश है कि टीका स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए बिल्कुल सुरक्षित है। किसी प्रकार के भय की कोई आवश्यकता नहीं है। टीकाकरण से पहले या बाद में स्तनपान न कराने की कोई आवश्यकता नहीं है।
क्या टीका लगवाने के बाद मुझमें पर्याप्त एंटीबॉडी बन जाती हैं?
डॉ. गुलेरिया: यह समझना महत्वपूर्ण है कि हमें टीकों की प्रभावशीलता का आकलन केवल उससे उत्पन्न होने वाली एंटीबॉडी की मात्रा से नहीं करना चाहिए। टीके कई प्रकार की सुरक्षा प्रदान करते हैं - जैसे एंटीबॉडी, कोशिका-मध्यस्थ प्रतिरक्षा तथा स्मृति कोशिकाओं के माध्यम से (जो हमारे संक्रमित होने पर अधिक एंटीबॉडी उत्पन्न करते हैं)। इसके अलावा, अब तक जो प्रभावोत्पादकता परिणाम सामने आए हैं वे परीक्षण अध्ययनों पर आधारित हैं, जहां प्रत्येक परीक्षण का अध्ययन डिजाइन कुछ अलग है।
अब तक उपलब्ध आंकड़े स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि सभी टीकों के प्रभाव - चाहे कोवेक्सीन यो, कोविशील्ड हो या स्पूतनिक वी हो कमोबेश बराबर हैं। इसलिए हमें यह नहीं कहना चाहिए कि यह टीका या वह टीका, जो भी टीका आपके क्षेत्र में उपलब्ध है, कृपया आगे बढ़ें और अपना टीकाकरण कराएं ताकि आप और आपका परिवार सुरक्षित रहे।
डॉ. पॉल: कुछ लोग टीकाकरण के बाद एंटीबॉडी परीक्षण करवाने की सोच रहे लगते हैं। लेकिन इसकी आवश्यकता नहीं है क्योंकि अकेले एंटीबॉडी किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा का संकेत नहीं देते। ऐसा टी-कोशिकाओं या स्मृति कोशिकाओं के कारण होता है; जब हम टीका लगवाते हैं तो इनमें कुछ परिवर्तन होते हैं, वे मजबूत हो जाते हैं और प्रतिरोधक क्षमता प्राप्त कर लेते हैं। और टी-कोशिकाओं का एंटीबॉडी परीक्षणों से पता नहीं चलता क्योंकि वे अस्थि मज्जा में पाए जाते हैं। अतः हमारी अपील है कि टीकाकरण से पहले या बाद में एंटीबॉडी परीक्षण करने की प्रवृत्ति में न पड़ें। जो टीका उपलब्ध है उसे लगवाएं, दोनों खुराक सही समय पर लें और कोविड उपयुक्त आचरण का पालन करें। साथ ही, लोगों को यह गलत धारणा भी नहीं बनानी चाहिए कि यदि आपको कोविड-19 हो चुका है तो वैक्सीन की आवश्यकता नहीं है।
क्या वैक्सीन का इंजेक्शन लगने के बाद रक्त का थक्का बनना सामान्य है?
डॉ पॉल: इस जटिलता के कुछ मामले सामने आए हैं, खासकर एस्ट्रा-जेनेका वैक्सीन के संबंध में। यह जटिलता यूरोप में हुई, जहां यह जोखिम उनकी जीवनशैली, शरीर और आनुवंशिक संरचना के कारण उनकी युवा आबादी में कुछ हद तक मौजूद पायी गई। लेकिन, मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमने भारत में इन आंकड़ों की व्यवस्थित रूप से जांच की है और पाया है कि रक्त के थक्के जमने की ऐसी घटनाएं यहां लगभग नगण्य हैं - इतनी नगण्य कि किसी को इसके बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। यूरोपीय देशों में, ये जटिलताएं हमारे देश की तुलना में लगभग 30 गुना अधिक पाई गईं है।
डॉ. गुलेरिया: यह पहले भी देखा गया है कि सर्जरी के बाद रक्त का थक्का बनना भारतीय आबादी में अमेरिका और यूरोपीय आबादी की तुलना में कम होता है। वैक्सीन प्रेरित थ्रोम्बोसिस या थ्रोम्बोसाइटोपेनिया नाम का यह दुष्प्रभाव भारत में बहुत दुर्लभ है, जो यूरोप की तुलना में बहुत कम अनुपात में पाया जाता है। इसलिए इससे डरने की जरूरत नहीं है। इसके लिए उपचार भी उपलब्ध हैं, जिन्हें जल्दी निदान होने पर अपनाया जा सकता है।
अगर मुझे कोविड संक्रमण हो गया है, तो कितने दिनों के बाद मैं टीका लगवा सकता हूं?
डॉ. गुलेरिया: नवीनतम दिशानिर्देशों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि जिस व्यक्ति को कोविड-19 का संक्रमण हुआ है, वह ठीक होने के दिन से तीन महीने बाद टीका लगवा सकता है। ऐसा करने से शरीर को मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने में मदद मिलेगी और टीके का असर बेहतर होगा।
दोनों विशेषज्ञों - डॉ पॉल और डॉ गुलेरिया - ने जोर देकर आश्वस्त किया कि हमारे टीके आज तक भारत में देखे गए म्यूटेंट पर प्रभावी हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों को भी झूठी और निराधार बताया कि टीके लगने के बाद हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है या लोग टीके लगवाने के बाद मर जाते हैं जैसी कि ग्रामीण क्षेत्रों और दूरदराज के इलाकों में कुछ लोगों की गलत धारणा है।
भारत सरकार 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी भारतीय नागरिकों को निःशुल्क टीका उपलब्ध कराएगी
राज्यों के जिम्मे जो 25 प्रतिशत टीकाकरण था, उसे अब भारत सरकार द्वारा किया जाएगा: प्रधानमंत्री
भारत सरकार टीके के उत्पादकों के कुल उत्पादन का 75 प्रतिशत खरीदेगी और राज्यों को मुफ्त मुहैया कराएगी : प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को दीपावली तक बढ़ाया गया: प्रधानमंत्री
नवंबर तक, 80 करोड़ लोगों को हर महीने मुफ्त अनाज मिलता रहेगा: प्रधानमंत्री
कोरोना, पिछले सौ सालों में सबसे बड़ी आपदा: प्रधानमंत्री
आने वाले दिनों में टीकों की आपूर्ति बढ़ेगी: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने नए टीकों के विकास से जुड़ी प्रगति की जानकारी दी
बच्चों के लिए टीके और नाक के जरिए दिए जाने वाले टीके का परीक्षण चल रहा है: प्रधानमंत्री
टीकाकरण को लेकर आशंका पैदा करने वाले तत्व लोगों की जिंदगी से खेल रहे हैं: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज राष्ट्र को संबोधित किया।
प्रधानमंत्री ने इस महामारी में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति शोक व्यक्त किया। इस महामारी को पिछले सौ वर्षों में सबसे बड़ी आपदा बताते हुए, उन्होंने इसे एक ऐसी महामारी के रूप में चिन्हित किया जिसे आधुनिक दुनिया में न तो देखा गया और न ही अनुभव किया गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश ने इस महामारी से कई मोर्चों पर लड़ाई लड़ी। श्री मोदी ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं।
टीकाकरण की रणनीति पर पुनर्विचार करने और 1 मई से पहले की व्यवस्था को वापस लाने कीकई राज्यों की मांग को देखते हुए, प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि राज्यों के जिम्मे जो 25 प्रतिशत टीकाकरण था, उसे अब भारत सरकार द्वारा करने का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय को दो सप्ताह में अमल में ला दिया जाएगा। दो सप्ताह में केन्द्र और राज्य नए दिशानिर्देशों के मुताबिक जरूरी तैयारियां करेंगे। प्रधानमंत्री ने आगे घोषणा कीकि आगामी 21 जून से, भारत सरकार 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी भारतीय नागरिकों को मुफ्त टीका प्रदान करेगी। भारत सरकार टीके के उत्पादकों के कुल उत्पादन का 75 प्रतिशत खरीदेगी और राज्यों को मुफ्त मुहैया कराएगी। किसी भी राज्य सरकार को टीकों के लिए कुछ भी खर्च नहीं करना होगा। अब तक करोड़ों लोगों को मुफ्त टीका मिल चुका है, अब इसमें 18 वर्ष वाले आयु - वर्गको जोड़ा जाएगा। प्रधानमंत्री ने इस बात को दोहराया कि भारत सरकार सभी नागरिकों को मुफ्त टीके उपलब्ध कराएगी।
श्री मोदी ने बताया कि निजी अस्पतालों द्वारा 25 प्रतिशत टीकों की सीधी खरीदकी व्यवस्था जारी रहेगी। राज्य सरकारें इस बात की निगरानी करेंगी कि निजी अस्पतालों द्वारा टीकों की निर्धारित कीमत पर केवल 150 रुपये का सर्विस चार्ज लिया जाए।
एक अन्य बड़ी घोषणा के तहत, प्रधानमंत्री श्री मोदी ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को दीपावली तक बढ़ाने के निर्णय से अवगत कराया। यानी नवंबर तक, 80 करोड़ लोगों को हर महीने निर्धारित मात्रा में मुफ्त अनाज मिलता रहेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस महामारी के दौरान सरकार गरीबों के साथ उनकी सभी जरूरतों के लिए उनके दोस्त के रूप में खड़ी है।
अप्रैल और मई के महीनों के दौरान इस महामारी की दूसरी लहर के दौरान मेडिकल ऑक्सीजन की मांग में अभूतपूर्व वृद्धि को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार के सभी तंत्र को तैनात करके इस चुनौती से युद्धस्तर पर निपटा गया। श्री मोदी ने कहा कि भारत के इतिहास में मेडिकल ऑक्सीजन की इतनी मांग पहले कभी नहीं महसूस की गई थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक स्तर पर, टीके बनाने वाली कंपनियां और देश टीकों की वैश्विक मांग की तुलना में काफी पीछे हैं। ऐसी परिस्थिति में, मेड इन इंडिया टीका भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण था। प्रधानमंत्री ने कहा कि अतीत में, विदेशों में विकसित होने के दशकों बाद भारत को टीके मिलते थे। अतीत में इसका नतीजा हमेशा एक ऐसी स्थिति के रूप में होता था जिसमें भारत में टीकाकरण जहां शुरू भी नहीं होता था,वहीँ अन्य देश टीकाकरण का काम खत्म कर चुके होते थे। श्री मोदी ने कहा कि हमने मिशन मोड में काम करते हुए 5-6 वर्षों में टीकाकरण कवरेज को 60 प्रतिशत से बढ़ाकर 90 प्रतिशत कर दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने न सिर्फ टीकाकरण की गति बढ़ाई, बल्कि उसका दायरा भी बढ़ाया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार भारत ने सभी आशंकाओं को दूर कर दिया और साफ इरादों, स्पष्ट नीति और निरंतर कड़ी मेहनत के जरिए भारत में कोविड के लिए न केवल एक, बल्कि भारत में निर्मित दो टीके लॉन्च किए गए। हमारे वैज्ञानिकों ने अपनी क्षमता साबित की। देश में अब तक टीके की 23 करोड़ से ज्यादा खुराकें दी जा चुकी हैं।
प्रधानमंत्री ने याद किया कि वैक्सीन टास्क फोर्स का गठन उस समय किया गया था जब कोविड -19 केकेवल कुछ हजार मामले ही थे और टीका बनाने वाली कंपनियों को सरकार द्वारा परीक्षण और अनुसंधान एवं विकास के लिए वित्त पोषण में हर संभव तरीके से सहयोग दिया गया। प्रधानमंत्री ने बताया कि अथक प्रयास और कड़ी मेहनत के कारण आने वाले दिनों में टीकों की आपूर्ति बढ़ने वाली है। उन्होंने बताया कि आज सात कंपनियां अलग-अलग तरह के टीके तैयार कर रही हैं। प्रधानमंत्री ने जानकारी दी कि तीन और टीकों का परीक्षण के अग्रिम चरण में है। प्रधानमंत्री ने बच्चों के लिए दो टीकों और एक 'नाक के जरिए दिए जाने वाले टीके' के परीक्षण के बारे में भी बताया।
प्रधानमंत्री ने टीकाकरण अभियान के बारे में विभिन्न हलकों की ओर से आने वाले अलग-अलग विचारों पर प्रकाश डाला। ज्योंहि कोरोना के मामले घटने लगे, राज्यों के लिए विकल्प की कमी को लेकर सवाल उठने लगे और कुछ लोगों ने सवाल किया कि केन्द्र सरकार सब कुछ क्यों तय कर रही है। लॉकडाउन में लचीलापन और सभी पर एक ही तरह की बात लागू नहीं होती के तर्क को आगे बढ़ाया गया। श्री मोदी ने कहा कि 16 जनवरी से अप्रैल के अंत तक भारत का टीकाकरण कार्यक्रम ज्यादातर केन्द्र सरकार के अधीन चलाया गया। सभी के लिए नि:शुल्क टीकाकरण का काम आगे बढ़ रहा था और लोग अपनी बारी आने पर टीकाकरण कराने में अनुशासन दिखा रहे थे। इन सबके बीच टीकाकरण के विकेंद्रीकरण की मांग उठाई गई और कुछ आयु वर्ग के लोगों को प्राथमिकता देने के निर्णय की बात उठाई गई। कई तरह के दबाव डाले गए और मीडिया के कुछ हिस्से ने इसे अभियान के रूप में चलाया।
प्रधानमंत्री ने टीकाकरण के खिलाफ अफवाह फैलाने वालों के बारे में आगाह किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे तत्व लोगों की जिंदगी से खेल रहे हैं और इनके खिलाफ सतर्क रहने की जरूरत है।
ऑनलाइन चित्रकला प्रतियोगिता में आरुही, अरमान, अरनव, मानवी, अनमोल, जाह्नवी, रिधिमा व वन्शिका, नीरव व कृतिका, वन्शिका सेन, अदिति व सीमा ने मारी बाज़ी
आधुनिक पब्लिक स्कूल, जसूर में कोरोना विषय पर "घर बैठो जीतो प्रतियोगिता" के तहत एक ऑनलाइन चित्रकला प्रतियोगिता करवाई गई।जिसमें कक्षा पहली से दसवीं तक के करीब 60 बच्चों ने भाग लिया।
प्रतियोगिता में अलग-अलग कक्षाओं को अलग-अलग टॉपिक पर चित्र बनाने के लिए कहा गया था, जिसमें कक्षा पहली के लिए टॉपिक - "कोरोना के योद्दाओं को करते है हम नमन, जिनके हौसलों से हम जितेंगे ये जंग ", कक्षा दूसरी को "कोरोना से रहना डरकर, घर से निकलना मास्क पहनकर, लोगों से तुम बात करो तो, दो गज की दूरी बनाकर" कक्षा तीसरी को "ना हाथ मिला, ना गले लगा, मुहं पर अपने मास्क लगा, और कोरोना को मार भगा, ख़ुद को बचा और दूसरो को भी बचा" कक्षा चौथी को "कोरोना को हम सब मिलकर हराएंगे, बस कुछ दिनों की बात है, हम फिर से गले मिलेंगे और, फिर एक-दूसरे से हाथ मिलाएंगे", कक्षा पांचवी को "कोरोना से बचना है तो सुन लो मेरी बात, छोटे -२ उपाय हैं, छोटी सी है बात, घर पर ही रहना है , देना है कोरोना को मात", कक्षा छ्ठी को "कोरोना से अगर चाहते हो तुम बचना, तो जहां भी जाओ, वहां मास्क लगाकर जरुर रखना", कक्षा सातवीं को "कोरोना वायरस का कहर तब तक खत्म नही होगा, जब तक लोगों में वेवजह बाहर निकलने का क्रम खत्म नही होगा" व कक्षा आठवीं से दसवी तक के बच्चों को कोरोना वायरस के ऊपर विभिन्न चित्र दिए गए थे जिन्हें इन बच्चों ने बहुत ही अच्छी तरह से बनाकर अपने अध्यापक को भेजा।
चित्रकला प्रतियोगिता में कक्षा पहली से आरुही, कक्षा दूसरी से अरमान, कक्षा तीसरी से अरनव, कक्षा चौथी से मानवी, कक्षा पांचवी से अनमोल, कक्षा छठी से जाह्नवी, कक्षा सातवीं से रिधिमा व वन्शिका, कक्षा आठवीं से नीरव व कृतिका, कक्षा नवमीं से वन्शिका सेन व कक्षा दसवीं से अदिति व सीमा क्रमशः प्रथम स्थान पर रहे।
इस ऑनलाइन चित्रकला प्रतियोगिता में स्कूल के विभिन्न अध्यापकों ने सभी बच्चों को कोरोना वायरस के बारे में विस्तारपूर्वक बताया व इस महामारी से किस तरह से बचाव करना है के वारे में भी सभी बच्चों को गूगल-मीट पर समझाया।
इस ऑनलाइन प्रतियोगिता में स्कूल के विभिन्न कक्षाओं के कक्षा अध्यापक लक्ष्मी, सुचेता, डिंपल, अदिति, सरला, मंजू, अंजू, राजेश, मधु, रीना, मोनिका, वंदना व लीना विशेष रुप से ऑनलाइन ही उपस्थित रहे।
प्रतियोगिता के अंत में स्कूल के प्रधानाध्यापक सुशवीन पठानिया व निर्मल ठाकुर ने बच्चों को घर में ही रहकर पढ़ाई को जारी रखने के लिए कहा। उन्होने विजेता खिलाड़ियों को बधाई देते हुए कहा कि स्कूल खोलने पर सभी विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कृत किया जाएगा। फिलहाल सभी बच्चे "घर में रहे व सुरक्षित रहें" के सिद्दान्त पर चलते हुए ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण करें व स्वास्थ्य मन्त्रालय द्वारा कोरोना के लिए जारी सभी गाईडलाईन्ज का पालन करें।