फील्ड मार्शल स्वर्गीय श्री सत महाजन जी को अपना राजनीतिक आदर्श मानते हुए और 600 से अधिक नि:शुल्क योग शिविरों का आयोजन करने वाले जिला कांगड़ा के रजनेश कुमार शर्मा ने अपने कार्यकाल के दौरान कर्मचारियों के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण पहल कीं। हिमाचल पथ परिवहन निगम की जसूर कार्यशाला में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने इसके विकास में अहम भूमिका निभाई।
कर्मचारी राजनीति से समाज सेवा की ओर उनकी यात्रा अनेक महत्वपूर्ण और सफल पड़ावों से होकर गुजरी है। उस समय के परिवहन मंत्री किशन कपूर के साथ उनके मधुर संबंधों के चलते, जसूर कार्यशाला को आधुनिक बनाने में उनका विशेष योगदान रहा।
रजनेश कुमार शर्मा ने 25 वर्षों तक कर्मचारी राजनीति में सक्रिय रहकर अपने सहकर्मियों की सेवा की। उन्होंने जिला अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष, और राष्ट्रीय सचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। निगम और कर्मचारियों के हित में उन्होंने केवल आवाज ही नहीं उठाई, बल्कि कई आंदोलन भी किए। 5 जून 1995 को निगम में पेंशन सुविधा लागू करवाने और 15 जून 2000 को सैकड़ों दैनिक वेतनभोगियों को नियमित करने में उनका विशेष योगदान रहा।
5 फरवरी 2004 को उन्होंने विश्वविख्यात योग गुरु स्वामी रामदेव जी को अपना गुरु मानते हुए कर्मचारी राजनीति से अलग होकर समाज सेवा को समर्पित होने का निर्णय लिया। वर्तमान में वे पतंजलि योगपीठ, हरिद्वार में अपने गुरुजी के मार्गदर्शन में नि:शुल्क सेवा दे रहे हैं। समाज कल्याण के लिए उन्होंने जिला कांगड़ा और हिमाचल प्रदेश के अलावा देश के विभिन्न शहरों और दुबई जैसे विदेशों में 600 से अधिक नि:शुल्क योग शिविरों का आयोजन किया, जिससे हजारों लोगों को योग और स्वस्थ जीवन के प्रति प्रेरित किया। साथ ही, उन्होंने करीब 200 शिक्षण संस्थानों में योग शिविर लगाकर बच्चों को भी स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया।
कोरोना काल में भी उन्होंने प्रशासन के साथ मिलकर समाज सेवा में अग्रणी भूमिका निभाई। योग सेवा के साथ-साथ, 24 जनवरी 2010 को अपनी शादी की 18वीं सालगिरह पर, उन्होंने अपनी धर्मपत्नी रमा शर्मा के साथ मरणोपरांत देहदान का संकल्प लिया और हर तीन महीने में रक्तदान करने की प्रतिज्ञा की। अब तक 77 बार रक्तदान कर चुके रजनेश कुमार ने शहीदी दिवस के अवसर पर नूरपुर ब्लड डोनर क्लब के रक्तदान शिविर में भाग लेते हुए युवाओं को समाज सेवा के प्रति प्रेरित किया। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे शहीद भगत सिंह जैसे देशभक्तों से प्रेरणा लें और नशे की लत से बचते हुए समाज हित में योगदान दें।
रजनेश शर्मा का जीवन एक प्रेरणास्रोत है, जो यह दर्शाता है कि समर्पण और सेवा के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।
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