Wednesday, March 26, 2025

अभिमान का त्याग कर भगवान के प्रति श्रद्धा बढ़ाएं: पंडित सुमित शास्त्री का उपदेश

राकेश शर्मा (समाचार हिमाचल) 26 मार्च 2025

प्रागपुर के पंडित सुमित शास्त्री ने तहसील ज्वाली के निकट स्थित गांव ढन में चल रही श्री मद भागवत कथा के चतुर्थ दिवस पर "अभिमान ही भक्तिमार्ग का शत्रु है" यह महत्वपूर्ण संदेश दिया।
शास्त्री जी ने गजेंद्र मोक्ष का प्रसंग सुनाते हुए बताया कि त्रिकूट पर्वत पर रहने वाले गजराज को अपने बल और परिवार पर अत्यधिक अभिमान था। एक दिन वह अपने परिवार के साथ सरोवर में स्नान करने गया, वहां उसका पैर एक विशाल ग्राह (घड़ियाल) ने पकड़ लिया। गजराज और उसका परिवार मिलकर उसे छुड़ाने में असमर्थ रहे। तब गजराज को वैराग्य का अनुभव हुआ और उसने भगवान नारायण की स्तुति की। भगवान ने तुरंत आकर अपने सुदर्शन चक्र से ग्राह का मुंह फाड़कर गजराज को मुक्त कर दिया।
इसके बाद पंडित सुमित शास्त्री ने समुद्रमंथन, बलि-वामन चरित्र, मत्स्य अवतार की कथा, भगवान श्री राम की वंशावली, और भगवान श्री कृष्ण के जन्म की कथा भी श्रद्धालुओं को सुनाई।
कथा के अंत में सभी भक्तों को माखन-मिश्री का प्रसाद वितरित किया गया। इस धार्मिक कार्यक्रम में मनजीत सिंह, महिंद्र, रघुवीर, बक्शी राम, सुरजीत कौर, आरती देवी, रमा और कृष्णा देवी सहित अनेकों श्रद्धालुओं ने भाग लिया।


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