इंदौरा में ब्लाक अध्यक्ष सुमन बाला की अध्यक्षता व सचिव सुमन देवी के नेतृत्व में आशा वर्कर्स कार्यकरणी के सदस्यों द्वारा एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में आशा वर्कर्स को पेश आ रही विभिन्न समस्याओं सहित अन्य विषयों पर भी चर्चा की गई। सुमन देवी ने कहा कि यही वह समय है जब सरकार से हम समूचे प्रदेश की आशा वर्कर्स अपने हक की लड़ाई लड़ सकती हैं और अपनी मांगों को सरकार से मनवा सकती हैं।
उन्होंने कहा कि यह सर्व विदित है कि कोरोना काल में आशा वर्कर्स ने विशेष रूप से लोगों के स्वास्थ्य का ध्यान रखा। और अपनी जान को ही जोखिम में नही डाला बल्कि अपने परिवार को भी खतरे में डालते हुए लोगों को निस्वार्थ भाव से सेवाएं प्रदान की।
उन्होंने कहा कि आशा वर्कर्स की भी अन्य लोगों की तरह अपने और अपने परिवार के प्रति कुछ जिम्मेवारियां हैं और सिर्फ निस्वार्थ भाव से सेवाएं प्रदान करने मात्र से ही उनके घर का चूल्हा नही जल सकता। और इस कमर तोड़ महंगाई में मात्र 2750 रूपये से घर परिवार का खर्च चलना बहुत ही मुश्किल है। अतः सरकार आशा वर्कर्स के साथ हो रहे मतभेद को बंद कर तुरंत उनकी मांगों को पूरा करे और आशा वर्कर्स को उनके काम के हिसाब से उनका हक आशा वर्कर्स को दे।
सुमन ने कहा या तो हमे सरकारी कर्मचारियों की सूची में लाये, या फिर उन्हें योग्यता के आधार पर ANM प्रमोट करे या फिर मासिक न्यूनतम वेतन 18000 दे।
सुमन ने कहा कि सरकार दूसरे विभागों द्वारा आशा वर्कर्स का जो शोषण किया जा रहा है उस पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाए। उन्होंने कहा की कुर्सी पर बैठ कर काम करना तो तो आसान है लेकिन आशा वर्कर्स जो कि सर्दी हो या गर्मी, बारिश हो या तुफान फील्ड में जा कर अपना कार्य करती हैं और लोगों के घरों में जा कर उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेने के साथ ही कोविड 19 की वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित कर रहीं हैं लेकिन रिपोर्टिंग के नाम पर आशा वर्कर्स को तंग किया जा रहा है यहाँ तक कि उन्हें खरी खोटी भी सुनने को मिलती है लेकिन आशा वर्कर्स को पेश आ रही समस्याओं की ओर कोई ध्यान नहीं देता।
उन्होंने कहा कि आशा वर्कर्स जितनी मेहनत करती है क्या सरकार आशा वर्कर्स को उनकी मेहनत के हिसाब से मानदेय देती है? सरकार को इस पर अवश्य विचार करना चाहिए। सुमन ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार कुम्भकर्णी निद्रा से नहीं जागती और आशा वर्कर्स को उनका हक नहीं देती तो 2022 में सरकार को इसका खमियाज़ा भुगतना पद सकता है।
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