जिला कांगड़ा निजी स्कूल संगठन उपाध्यक्ष सुशवीन पठानिया ने जहाँ छोटी कक्षाओं के बच्चों के लिए भी स्कूल खोलने पर हिमाचल प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया है वहीँ स्कूलों में परिवहन सुविधा को लेकर निजी स्कूल संचालकों को पेश आ रही समस्याओं से राहत दिलवाने की भी गुहार लगाई।
उन्होंने कहा कि बच्चे भी स्कूल आकर बहुत खुश हैं और ऑनलाइन कक्षाओं की अपेक्षा स्कूल में आ कर पढ़ाई करने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। स्कूल में हर दिन आने वाले बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। सभी निजी स्कूल - संचालक बच्चों को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करवाते हुए स्कूलों में बुला रहे हैं। किसी बच्चे के बीमार होने पर बच्चों के अभिभावकों को बुलाकर घर भेज दिया जा रहा है।
जिला उपाध्यक्ष सुशवीन पठानिया ने बताया कि जब से स्कूल खुले हैं निजी स्कूल बच्चों को परिवहन सुविधा नहीं दे पा रहे हैं। और अब जबकि छोटी कक्षाओं के बच्चों ने भी स्कूल आना शुरू कर दिया है ऐसे में बच्चो के साथ अभिभावकों को भी स्कूलों द्वारा परिवहन सुविधा ना मिलने पर भरी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि अभिभावक बार-बार स्कूल संचालकों से जल्द से जल्द स्कूल बसों को चलाने के लिए कह रहे हैं ताकि बच्चों को स्कूल में छोड़ने और ले जाने में लिए उनका समय बर्बाद ना हो। लेकिन स्कूल संचालक अपनी बसों को चलाने या वैकल्पिक परिवहन सुविधा देने में असमर्थ हैं और जिसकी सीधी सी वजह यह है कि अगर एक बस को भी स्कूल संचालक चलाने के लिए तैयार होता है तो उसमें कम से कम डेढ़ से दो लाख तक का खर्च आएगा जो कि स्कूल संचालकों के लिए इन परिस्थितियों में वहन करना मुश्किल होगा।
उन्होंने कहा कि पिछले लगभग पौने 2 साल से स्कूल बसें ऐसे ही खड़ी हैं और उनका पैसेंजर और टोकन टैक्स स्कूल संचालकों को भरना पड़ रहा है जो कि लगभग 50 हजार से 70000 के करीब बन जाता है। इसके अतिरिक्त इंश्योरेंस, स्पीड गवर्नर जीपीएस आदि को गाड़ी में इंस्टॉल करवा कर विभाग एक स्कूल बस को फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करेगा। कुल मिलाकर एक स्कूल बस को चलाने में डेढ़ और दो लाख जो खर्च होगा उसको वहन करना स्कूल संचालक के लिए बहुत ही मुश्किल है।
जिला कांगड़ा के समस्त निजी स्कूल संचालकों ने सरकार से मांग की है कि सरकार जल्द से जल्द टैक्स आदि को माफ कर इन बसों को चलाने के लिए स्कूल संचालकों को कोई पत्र जारी करें ताकि शिक्षा का जो पहले ही इस कोविड के कारण नुक्सान हुआ है उसकी भरपाई शीघ्र अति शीघ्र हो। और बच्चे स्कूल बस में सुरक्षित और जल्द से जल्द आकर शिक्षा ग्रहण करें और उन्हें स्कूल पहुँचने में कोई मुश्किल न हो।
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