राकेश शर्मा: जसूर: 24.04.2019
सांसारिक गहने क्षण भंगुर हैं यदि कुछ साथ में जाएगा तो वह केवल और केवल प्रभु की भक्ति और जीव के सत्कर्म। प्रभु की भक्ति एकमात्र ऐसा गहना है जिसे कोई नहीं छीन सकता। जो इस गहने का धारण कर लेता वो परम सुख को प्राप्त करता है। इसलिए सांसारिक माया के मोह का त्यागकर सदा श्री हरी का ध्यान करना चाहिए। यह प्रवचन बुधवार को नूरपुर क्षेत्र की पंचायत कोपडा के गांव भटका में तीन दिवसीय संगीतमयी श्रीराम कथा की प्रथम बैठक के दौरान बैष्णव विरक्त मंडल के श्रीमहंत साध्वी सुश्री अमृतलता दास जी महाराज ने उपस्थित रसिक जनों को संबोधित करते हुए कहे। उन्होंने कहा कि सत्य को त्याग कर मिथ्या के पीछे भागना ही जीव के दुखों का कारण है। चैरासी लाख योनियों को भुगतने के बाद दुर्लभ नर देह धारण करने का जीव को सौभाग्य प्राप्त होता है उसे व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए। अतः सांसारिक मोहमाया को त्यागकर हर समय, हर पल और हर श्वास पर उस परम पिता का सुमिरन करते रहना चाहिए।
श्रीमहंत साध्वी सुश्री अमृतलता दास जी महाराज ने कहा कि परमानंद की प्राप्ति के लिए प्रेमाभक्ति सबसे उत्तम है लेकिन प्रेमाभक्ति को प्राप्त करने के लिए आहार, व्यवहार और विचार को शुद कर पूर्ण रूप से अपने आपको श्री हरी को समर्पित करने से ही यह सब संभव हो सकता है। उन्होंने कहा कि कलिकाल यदि जीव परमानंद में रहना है तो केवल प्रभु के नाम सुमिरण को आधार बनाकर ही हर सुख की प्राप्ति संभव है।
इससे पूर्व भव्य कलश यात्रा का आयोजन किया गया। कलशों में पवित्र जल भरकर कथास्थल पर विधिवत पूजा अर्चना के बाद कलश प्रतिष्ठापित किये गए तदौपरांत श्रीराम कथा रुपी ज्ञान गंगा की अविरल धारा का प्रवाह चला। इस दौरान समूचा क्षेत्र श्रीराम नाम की महिमा से सरावोर हो गया। इस अवसर पर उतम चंद शर्मा, देस राज शर्मा, बिटटू शर्मा, वविता शर्मा, देस राज, खुशी राम, हरबंस लाल, राम प्यारी सहित भारी संख्या में श्रीराम भक्त उपस्थित रहे।
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