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हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा आशा वर्कर्स को क्यों नही प्रमोट किया जा रहा। सब सेंटर के हिसाब से आशा फेसिलेटर के पद के लिए क्यों हेल्थ वर्कर को ही यह जिम्मेदारी दे रखी है। यह बात हिमाचल प्रदेश आशा वर्कर्स कार्यकर्ता संघ की अध्यक्ष सुमना देवी ने एक प्रेस वार्ता के दौरान कही। सुमना देवी ने कहा कि आशा वर्कर्स पूरे भारत मे आशा वर्कर्स को आशा फेसिलेटर चुना गया है लेकिन हिमाचल में ऐसा न कर आशा वर्कर्स के साथ भेदभाव किया जा रहा है।
सुमना देवी ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों की सूची में अगर सरकार आशा वर्कर्स को नहीं ला सकती तो राज्य कर्मचारी घोषित करते हुए मासिक न्यूनतम वेतन 18 हज़ार रुपये सुनिश्चित करे या फिर रेगुलर स्केल के अंतर्गत लाए। उन्होंने कहा की प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के अनुसार एक समान काम के आधार पर एक समान वेतन देना सुनिश्चित होना चाहिए।
सुमना देवी ने कहा कि योग्यताधारी आशा वर्कर्स को टीकाकरण का प्रशिक्षण दिया जाए। क्योंकि आशा वर्कर्स भी हेल्थ वर्कर्स के बराबर ही काम कर रही हैं और कुछ आशा वर्कर्स को टीकाकरण करना आता भी है। सुमना देवी ने प्रदेश सरकार से अपील करते हुए कहा कि आशा वर्कर्स की समस्याओं को समझते हुए तुरंत इनकी समस्या का कोई समाधान निकाले।
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