Friday, October 30, 2020

द्रोणाचार्य कॉलेज रैत में नई शिक्षा नीति पर आयोजित दो दिवसीय वेबिनार का समापन

राकेश शर्मा (हिमाचलविज़िट) 30 अक्तूबर 2020  
द्रोणाचार्य स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय रैत में दो दिवसीय वेविनार के अंतिम दिन का शुभारम्भ माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन व मंत्रोचारण के साथ किया गया। कार्यक्रम के दूसरे व अंतिम दिन शिक्षा मंत्री हिमाचल सरकार गोविन्द सिंह ठाकुर ने ज़ूम के माध्यम से कार्यक्रम में बतौर मुख्यतिथि शिरकत की। मुख्यतिथि ने राष्ट्रीय वेविनार के आयोजन पर द्रोणाचार्य परिवार को बधाई दी। 
मुख्यातिथि ने कहा कि यह नीति आने बाले समय में मील का पत्थर सावित होगी, उन्होंने सकरात्मक दृष्टिकोण पर भी प्रकाश डाला। वहीँ विशेष अतिथि के रूप में डा परसना कुमार अध्यक्ष एमजी एन सी आर ई मानव संसाधन मंत्रालय भारत रहे और डा सुनील गुप्ता अध्यक्ष राज्य उच्च शिक्षा परिषद् हिमाचल प्रदेश मुख्या वक्ता रहे।
पैनलिस्ट में डा सुरेश कुमार सोनी अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड, प्रो डा नैन सिंह अध्यक्ष शिक्षा विभाग हिमाचल प्रदेश विश्विद्यालय रहे। इस बेबीनार में देश के कोने कोने से हजारों की संख्या में लोगों ने भाग लिया और नई शिक्षा नीति के संबंध में जानकारी हासिल की। कार्यक्रम के दूसरे दिन तकनीकी सत्र में प्रो. डा. मनोज कुमार सक्सेना केंद्रीय विश्विद्यालय ने सत्राध्यक्ष के रूपमें शिरकत की वहीँ डा ऋतुबक्शी केंद्रीय विश्विद्यालय जम्मू ने रिसोर्स पर्सन के रूप में शिरकत की। सत्र की शुरुआत में डा केआर पद्मा और डा के आर डॉन चेनई विश्विद्यालय ने नई शिक्षा निति अध्ययन किस प्रकार किया जाए इस विषय पर चर्चा की, वहीँ आर श्रीदेवी आंध्र प्रदेश ने नई शिक्षा निति पर अध्यापक के रोल पर चर्चा की। 
तत्पश्चात द्रोणाचार्य महाविद्यालय सहायक आचार्य मिनाक्षी शर्मा, अनीता चंदेल, मुकेश कुमार, डा कनिका ने नई शिक्षा नीति पर अपने विचार रखे वहीँ प्रियाजीत राय कलकत्ता विश्विद्यालय ने नई शिक्षा नीति मुश्किलों पर चर्चा की। जय भारती, अनुराग, आदित्य, अंजलि ने भी नई शिक्षा नीति पर बिचार साँझा किए। 
कार्यक्रम के अंत में महाविदयालय कार्यकारिणी निदेशक डा बीएस पठानिया ने मुख्यातिथि शिक्षा मंत्री सहित सभी गणमान्य व्यक्तिओं का धन्यवाद किया और भविष्य में नई शिक्षा नीति को प्रभावी ढंग से लागु करने में पूर्ण योगदान करने का दृढ़ संकल्प लिया। 
इस मौके पर महाविद्यालय निदेशक जी एस पठानिया, कार्यकारी निदेशक बीएस पठानिया, प्राचार्य बीएस बाग, सभी विभागों के अध्यक्ष, महाविद्यालय तकनीकी विभाग के सदस्य राजेश राणा, शारद वर्मा, कुबेर राणा अदि मौजूद रहे। 

Thursday, October 29, 2020

जोगिंद्रनगर-पठानकोट सहित अन्य फोरलेन परियोजनाओं के निर्धारित समय में पूरा होने की जगी आस

राकेश शर्मा (हिमाचलविज़िट) 29 नवंबर 2020 
लोक निर्माण विभाग और एनएचएआई के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए हिमाचल प्रदेश मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने लोक निर्माण विभाग और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि राज्य में यात्रियों की सुविधा के लिए उच्च मार्गों को गड्डामुक्त बनाना सुनिश्चित करें।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में सभी फोरलेन परियोजनाओं को निर्धारित समयावधि के भीतर पूरा किया जाना चाहिए ताकि राज्य को बेहतर सम्पर्क प्रदान करने के अलावा लागत वृद्धि से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि परवाणू-सोलन फोरलेन परियोजना को आगामी वर्ष 31 मार्च तक पूरा किया जाना चाहिए, जबकि कीरतपुर-नेरचैक फोरलेन सड़क को 31 मई तक और टकोली-कुल्लू को आगामी वर्ष 30 सितंबर तक पूरा किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि आगामी वर्ष के अंत तक कालका-शिमला फोरलेन परियोजना के अंतर्गत सोलन-कैथलीघाट के कार्य को पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने 15 नवम्बर, 2020 तक बालूगंज-ब्रह्मपुखर-घाघस के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग को गड्ढामुक्त बनाने के निर्देश दिए। सर्दियों के मौसम को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अधिकारियों को नेरचैक से कुल्लू तक पैचवर्क करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जोगिंद्रनगर-पठानकोट, बद्दी-नालागढ़ और पिंजौर-नालागढ़ सड़क के उन्नयन कार्य को निर्धारित अवधि के भीतर पूरा किया जाना चाहिए। जिन परियोजनाओं का 3डी कार्य पूरा हो चुका है उनका 3जी सर्वेक्षण किया जाना चाहिए।
जय राम ठाकुर ने कहा कि कैथलीघाट-ढली फोरलेन परियोजना का मुद्दा शीघ्र सुलझाया जाना चाहिए। कुछ विद्युत टावरों के अलावा 17 ढांचों को इस क्षेत्र से हटाने जाने की आवश्यकता है। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को सोलन-कैथलीघाट क्षेत्र पर उपयुक्त डंपिंग स्थलों को चिन्हित करने के निर्दश दिए ताकि कार्यकारी एजेंसियों को सुविधा प्रदान की जा सके। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को इस क्षेत्र से 13 बिजली टावरों को स्थानांतरित करने के भी निर्देश दिये।
उन्होंने वन स्वीकृतियों के कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने को कहा ताकि इन सभी परियोजनाओं के कार्य में विलम्ब न हो। उन्होंने इन फोरलेन को ‘ग्रीन हाईवे’ बनाने के लिए सड़क के किनारे पौधे लगाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने मनाली में ब्यास नदी पर पुल के निर्माण में देरी पर चिंता व्यक्त की, जिससे पर्यटकों व स्थानीय लोगों को असुविधा हो रही है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिये।
क्षेत्रीय अधिकारी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण गुरसेवक सिंह सांघा ने राज्य में सभी चार फोरलेन परियोजनाओं को समयबद्ध पूरा करने के बारे में मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया।
प्रधान सचिव लोक निर्माण विभाग जे.सी. शर्मा, मुख्य अभियन्ता भवन शर्मा, विशेष सचिव लोक निर्माण विभाग अरिन्दम चैधरी, मुख्य अभियन्ता राष्ट्रीय राज मार्ग अर्चना ठाकुर और अन्य अधिकारी इस बैठक में उपस्थित थे।

Tuesday, October 27, 2020

हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल के निर्णय: नौकरियों का खुला पिटारा, आउटसोर्स आईटी शिक्षकों की बल्ले बल्ले

2 नवम्बर, 2020 से प्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों में 9वीं से 12वीं तक की कक्षाएं नियमित...
कांस्टेबल के 1334 रिक्त पदों पर सीधी भर्ती...
राकेश शर्मा (हिमाचलविज़िट) 27 अक्तूबर 2020   
हिमाचल प्रदेश मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की अध्यक्षता में प्रदेश मंत्रिमण्डल की बैठक आयोजित की गई। बैठक में मण्डी, सोलन और पालमपुर की नगर परिषदों को इनके आस-पास के क्षेत्रों सहित नगर निगम में स्तरोन्नत करने का निर्णय लिया गया। छह नई नगर पंचायतों के गठन का भी निर्णय लिया गया है जिनमें जिला सोलन में कंडाघाट, जिला ऊना में अम्ब, जिला कुल्लू में आनी और निरमंड, जिला शिमला में चिड़गांव और नेरवा शामिल हैं। 
मंत्रिमण्डल ने कुछ शहरी स्थानीय निकायों के पुनर्गठन को भी स्वीकृति दी है, जिनमें कुछ क्षेत्रों को सम्मिलित करे जबकि कुछेक को बाहर निकाल कर जिला मण्डी की करसोग और नेरचैक तथा जिला कांगड़ा में नगर पंचायत ज्वाली शामिल हैं।
मंत्रिमंडल ने नए शहरी स्थानीय निकायों में शामिल क्षेत्रों में भूमि और भवनों को तीन साल की अवधि के लिए सामान्य कर के भुगतान से छूट देने और वाजिब-उल-उर्ज में प्रदान किए गए प्रचलित अधिकारों को बहाल रखने का निर्णय लिया।
बैठक में यह भी निर्णय लिया कि नवगठित नगर पंचायत प्रदेश के शहरी स्थानीय निकायों तथा मंडी, सोलन और पालमपुर मे नवगठित नगर निगमों में चुनाव राज्य निर्वाचन आयोग के परामर्श के बाद जनवरी, 2021 में आयोजित किए जाएंगे। चुनाव में बार-बार व्यय से बचने के लिए नगर निगम धर्मशाला के चुनाव भी शहरी स्थानीय निकायों के साथ जनवरी 2021 में आयोजित किए जाएंगे जबकि शिमला नगर निगम के चुनाव वर्ष 2022 में निर्धारित समय में आयोजित किए जाएंगे।
मंत्रिमण्डल ने लोगों की समस्याओं का घर-द्वार के निकट त्वरित समाधान प्रदान करने के लिए इस वर्ष 8 नवम्बर से जनमंच कार्यक्रम को दोबारा शुरू करने का निर्णय लिया है।
बैठक में 2 नवम्बर, 2020 से प्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों में 9वीं से 12वीं तक की कक्षाएं नियमित रूप से आरंभ करने तथा महाविद्यालयों में भारत सरकार के केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया/दिशा-निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित होने के बाद नियमित कक्षाएं शुरू करने का निर्णय लिया गया।
मंत्रिमण्डल ने कांस्टेबल के 1334 रिक्त पद सीधी भर्ती के माध्यम से नियमित आधार पर भरने को स्वीकृति प्रदान की। इनमें 976 पुरूष और 267 महिला कांस्टेबलों जबकि 91 पद चालकों के शामिल हैं।
मंत्रिमण्डल ने शिक्षा विभाग में आउटसोर्स आधार पर सेवाएं दे रहे आईटी शिक्षकों का मानदेय 1 अप्रैल, 2020 से 10 प्रतिशत बढ़ाने को मंजूरी प्रदान की। इस निर्णय से 1345 आईटी शिक्षक लाभान्वित होंगे।
बैठक में शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए प्रारम्भिक और उच्च शिक्षा विभागों में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे एसएमसी शिक्षकों को सेवा विस्तार दिया गया है। माननीय सर्वाेच्च न्यायालय में लंबित विशेष अवकाश याचिका (सिविल) का अंतिम फैसला आने तक इन शिक्षकों को अकादमिक वर्ष 2020-21 का पारिश्रमिक आवंटित किया जा सकता है। 
बैठक में उन परियोजनाओं को ज़ीरो डेट को पुनर्भाषित करते हुए एकमुश्त छूट देने का फैसला लिया गया जो जांच और स्वीकृति के चरण के अंतर्गत हैं और जहाँ कार्यान्वयन समझौतों पर पहले ही हस्ताक्षर किए जा चुके हैं। इसके साथ-साथ निर्माण के स्तर जो परियोजनाएं हैं उनके लिए निर्धारित व्यावसायिक संचालन तिथि को भी पुनर्भाषित किया जाएगा। इस निर्णय से 1060 मेगावाट क्षमता की 221 विद्युत परियोजनाएं लाभान्वित होंगी।
मंत्रिमंडल ने लीडिंग फायरमैन के 32 पद, कांगड़ा जिले के संसारपुर टेरेस, किन्नौर जिले के भावानगर और सांगला और कुल्लू जिले के पतलीकुहल में नई खुली अग्निशमन चौकी में ड्राइवर-एवं-पम्प ऑपरेटर के 11 पद भरने को सहमति प्रदान की।
राज्य के 22 अधीनस्थ न्यायालयों में नियमित आधार पर प्रतिलिपक (काॅपीइस्ट) के 22 पदों को सृजित कर इन्हें भरने का निर्णय लिया गया है।
मंत्रिमंडल ने राज्य खाद्य आयोग की कार्यप्रणाली को सुचारू रूप से चलाने के लिए आयोग में विभिन्न श्रेणियों के 9 पदों को भरने के लिए अपनी स्वीकृति दी।
मंत्रिमंडल ने कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत यूजी के दिशा-निर्देशानुसार, शैक्षणिक सत्र 2019-20 के प्रथम व द्वितीय वर्ष के पंजीकृत पूर्व स्नातक विद्यार्थियों का अगले शैक्षणिक सत्र में पंजीकरण करवाने की मंजूरी दी।
जिला कांगड़ा के राजकीय काॅलेज तकीपुर का नाम बदलकर अटल बिहारी वाजपेयी राजकीय काॅलेज करने को अपनी स्वीकृति प्रदान की गई है।
मंत्रिमंडल ने जिला कांगड़ा के स्वास्थ्य उप-केंद्र टयोडा को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्तरोन्नत करने के साथ विभिन्न श्रेणियों के तीन पद सृजित कर उन्हें भरने की भी स्वीकृति प्रदान की।
बैठक में इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, शिमला में सुपर स्पेशिलिटी सर्जिकल ओन्कोलाॅजी सैल में सहायक प्रोफेसर का एक पद सृजित कर इसको भरने की सहमति प्रदान की गई।
मंत्रिमंडल ने जिला सिरमौर के औद्योगिक क्षेत्र काला अम्ब में सामान्य प्रवाहयुक्त उपचार संयंत्र स्थापित करने के लिए मैसर्ज काला अंब इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवल्पमेंट कंपनी को 19-13 बीघा भूमि विशेष प्रयोजन वाहन के लिए 95 वर्षों के लिए एक रुपये प्रति वर्ष प्रति वर्ग मीटर की दर से पट्टे पर प्रदान करने का निर्णय लिया। 
मंत्रिमंडल ने मैसर्ज काला अंब डिस्टिलरी एंड ब्रेवरी प्राइवेट लिमिटेड के पक्ष में जिला सोलन की तहसील नालागढ़ के गांव भंगला में डिस्टिलरी स्थापित करने के लिए लेटर ऑफ इंटेंट (एलओआई) की वैधता अवधि में विस्तार के लिए अपनी स्वीकृति प्रदान की।
मंत्रिमंडल के समक्ष बहुद्देश्यीय परियोजनाएं एवं ऊर्जा व गैर पारंपरिक ऊर्जा एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभागों के मार्च, 2021 तक छह महीनों के लक्ष्य और अप्रैल, 2021 से मार्च, 2022 तक एक वर्ष के लक्ष्यों के बारे में प्रस्तुति दी। मंत्रिमंडल ने निर्देश दिए कि वांछित लक्ष्य निर्धारित समय सीमा में पूरे हों। 
मंत्रिमंडल ने श्रीनगर में 3 अगस्त, 2017 को आतंकवादियों से लोहा लेते शहीद हुए जिला लाहौल-स्पीति के गांव व डाकघर करपाट के शहीद तेंजिन छुलटिम की बहन तेंजिन डोलकर को रोजगार प्रदान करने का निर्णय लिया। उन्हें वन मंडल अधिकारी लाहौल-स्पीति कार्यालय में अनुबन्ध आधार पर जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (आईटी) के रूप में नियुक्त किया जाएगा।

Sunday, October 25, 2020

जसूर में मनाया गया विजयदशमी पर्व

राकेश शर्मा (हिमाचलविज़िट) 25 अक्तूबर 2020 

रविवार 25 अक्तूबर को जसूर में विजयदशमी का कार्यक्रम बड़ी धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम में स्वयंसेवकों को डॉ धर्मेंद्र कुमार, जिला प्रचार प्रमुख नूरपुर का बौद्धिक प्राप्त हुआ। जिसमें  नौ शाखाओं से स्वयंसेवक उपस्थित रहे।
डॉ धर्मेंद्र कुमार ने विजयदशमी के अवसर पर विजयदशमी के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थियों में हिन्दू समाज की संगठित शक्ति ही सभी समस्याओं का एक अचूक निदान है।

डॉ धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि पाशविक और आसुरी शक्ति की उपासना, संघ का मंतव्य नहीं। अन्यायी, अत्याचारी तो घबराएं किन्तु सज्जन संवर्धन पाएं। शक्ति के सम्बल से ही अहिंसा जीवित  रह सकती है। इस कार्यक्रम में जिला कार्यवाह अरविन्द जी भी उपस्थित रहे। वहीँ इस अवसर पर शस्त्रपूजन भी किया गया। 

नूरपुर की पँचायत भलून में प्रधान पर लगे मनमानी के आरोप: सरकारी सीमेंट की लगभग 170 बोरियां खराब

राकेश शर्मा (हिमाचलविज़िट) 25 अक्तूबर 2020


विकास खंड नूरपुर की पँचायत भलून में लगभग 170 सरकारी सीमेंट की बोरियां खराब होने का मामला सामने आया है। पँचायत उपप्रधान रणधीर सिंह के अनुसार गांव के लोगों द्वारा उन्हें जानकारी दी गई कि उनके घरों में सरकारी सीमेंट पड़ा हुआ है जोकि खराब हो चुका है। उपप्रधान रणधीर सिंह के अनुसार उन्होंने मौके पर जाकर जायजा लिया और पँचायत सचिव को इसकी जानकारी दी।

पँचायत सचिव बलवन्त सिंह ने बताया कि 14वें वित्तायोग के जो कार्य 2018 के हैं जो पूरे नही हो रहे हैं। उन्होंने पँचायत प्रधान पर मनमानी करने करने के आरोप भी लगाए। 

वहीँ ग्राम पँचायत प्रधान राजीव कुमार ने अपने ऊपर लगे आरोपों को नकारते हुए कहा कि उन पर जो भी आरोप लगाए गए है सब मनगढ़ंत और राजनीती प्रेरित हैं। उन्होंने कहा कि 170 नहीं लेकिन 100 बोरी सीमेंट है और सीमेंट खराब हुआ है या नही इसकी जाँच होनी चाहिए। 

प्रधान ने कहा वासा में 70 सीमेंट की बोरियां रखी गई थी। परंतु बारिश की बजह से समय पर कम न हो सका। जिनका काम होना था उन्ही के घर पर सीमेंट रखा गया था और उन्होंने ही काम करवाना था।

पंचायत प्रधान राजीव कुमार ने मनमानी करने के आरोपों को भी सरासर गलत बताया। उन्होंने कहा कि अगर कोई मनरेगा में काम नही कर रहा है तो ये प्रधान की जिम्मेदारी नहीं है। मेरा काम है समान देना। अगर फिर भी सीमेंट खराब हो गया होगा तो उसकी भरपाई मैं करूँगा।

वहीँ खंड विकास अधिकारी नूरपुर डॉ रोहित शर्मा ने बताया कि उनके पास लिखित में शिकायत आई है। शिकायत की अनुसार सरकारी सीमेंट ख़राब हुआ है जो कि सरकारी संपत्ति का दुरूपयोग है। उन्होंने कहा कि इस मामले की गहनता से जांच की जाएगी।

अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा आज से, नहीं दिखेगी भव्य शोभायात्रा

शाश्वत वशिष्ट (हिमाचलविज़िट) 25 अक्तूबर 2020






आज सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरे का शुभारंभ होगा, लेकिन इस बार न तो दशहरे का विधिवत शुभारंभ और न समापन होगा। सभी पारंपरिक रस्में सूक्ष्म रूप में ही निभाई जाएंगी। न उद्घाटन पर राज्यपाल आएंगे और न समापन पर मुख्यमंत्री पहुंचेंगे। लंका दहन के साथ दशहरे का समापन होगा।

इस बार न भव्य शोभायात्राएं दिखेंगी और न ही 250-300 देवी-देवताओं का पारंपरिक मिलन होगा। कोरोना महामारी के चलते इस बार मात्र 7 देवता और 200 लोग रघुनाथ की रथयात्रा में हिस्सा लेंगे। जिस दशहरे में भगवान रघुनाथ, अन्य देवताओं के दर्शन और खरीदारी को हजारों लोग पहुंचते थे, इस बार वे भी नहीं होंगे। करोड़ों का कारोबार इस बार कोरोना के चलते नहीं हो पाएगा।

इस बार न मेला लगेगा और न ही सांस्कृतिक संध्याएं होंगी। देश-विदेश और बॉलीवुड के कलाकार भी इस बार नहीं बुलाए गए हैं।  कुल्लू जिले में कोरोना के मामले रोज आने से दशहरे में किसी तरह की भीड़ न हो इसके लिए रथयात्रा में मात्र 200 लोग ही भाग ले सकेंगे। सात देवी-देवताओं के मात्र 15-15 लोग ही इसमें भाग लेंगे। रथयात्रा में उन्हीं कारकूनों और देवलुओं की अनुमति मिलेगी, जिनके पास कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट होगी।

Saturday, October 24, 2020

द्रोणाचार्य कॉलेज में नई शिक्षा नीति 2020 पर 29-30 अक्टूबर को राष्ट्रीय वेविनार का आयोजन

राकेश शर्मा (हिमचालविज़िट) 24 अक्तूबर 2020 


हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा स्थित द्रोणाचार्य शिक्षण स्नातकोत्तर महाविद्यालय रैत, राजकीय महाविद्यालय जीजीडीएसडी राजपुर पालमपुर तथा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के सौजन्य से 29 व 30 अक्टूबर को नई शिक्षा नीति 2020  विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया जाएगा। इस राष्ट्रीय वेबिनार में मुख्यातिथि के रूप में माननीय शिक्षा मंत्री हिमाचल प्रदेश गोबिंद सिंह ठाकुर  व प्रो. सिकन्दर कुमार  उपकुलपति हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति 2020 पर अपने विचारों से अवगत करवाएंगे।

वहीं प्रो. सुनील गुप्ता,अध्यक्ष राज्य उच्च शिक्षा परिषद व भूतपूर्व उपकुलपति हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय तथा प्रो. योगिंद्र सिंह वर्मा,भूतपूर्व उपकुलपति केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश मुख्य वक्ता के रूप में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के बारे में विचार रखेंगे।इस राष्ट्रीय वेविनार में  तकनीकी सत्र के रूप में प्रो. अरविंद कुमार झा,विभागाध्यक्ष शिक्षा विभाग ,बीबी अम्बेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ, प्रो. मनोज सक्सेना, केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला,डॉ शत्रुघ्न भारद्वाज, क्षेत्रीय संयोजक महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार,प्राचार्य एन एन शर्मा ,राजकीय महाविद्यालय ज्वाली,डॉ रितु बक्शी, सह प्रवक्ता, केंद्रीय विश्वविद्यालय, जम्मू,डॉ प्रवीण कुमार शर्मा ,सह प्रवक्ता, द्रोणाचार्य महाविद्यालय ,रैत की भूमिका अदा करेंगे।

विशेष अतिथि के रूप में प्रो एस पी बंसल उपकुलपति  हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय व  डॉ. डबल्यूजी. प्रसन्ना कुमार,अध्यक्ष महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद,डॉ. सुरेश सोनी अध्यक्ष हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड  धर्मशाला ,प्रो. नैन सिंह विभागाध्यक्ष, शिक्षा विभाग ,हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला, के रूप  उपस्थित रहेंगे।इस राष्ट्रीय वेविनार में प्रतिभागियों से अनुसंधान पत्र आमंत्रित किए गए हैं।

वहीं महाविद्यालय के कार्यकारिणी निदेशक डॉ बी एस पठानिया ने दो दिवसीय राष्ट्रीय वेविनार को सफल बनाने के लिए सभी शिक्षा के क्षेत्र में जुड़े शिक्षाविदों  के आग्रह किया है कि   नई  राष्ट्रीय शिक्षा नीति को क्रियान्वित करने हेतु  जल्द से जल्द पंजीकरण की प्रकिया को पूर्ण कर अपने अनुसंधान पत्रों को ईमेल के माध्यम से प्रेषित करें।

Friday, October 23, 2020

नूरपुर के एकलव्य ला रहे हैं प्रसिद्ध माता रत्ते घर वाली पर डॉक्यूमेंट्री











शाश्वत वशिष्ट (हिमाचलविज़िट) 23 अक्तूबर 2020 


जैसा की आप सब जानते हैं नवरात्रि उत्सव चल रहा है इसी उपलक्ष्य पर एकलव्य सेन और उनकी पूरी टीम एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म लेकर आ रहे हैं, जोकि हिमाचल के प्रसिद्ध मंदिर रत्ते घर वाली माता जी की कथा पर आधारित है। 

जानकारी देते हुए एकलव्य सेन ने बताया कि 25 अक्टूबर को यह डॉक्यूमेंट्री उनके अपने यूट्यूब चैनल पर रिलीज़ होने जा रही है। एकलव्य ने कहा कि आशा है यह डॉक्यूमेंट्री सबको बहुत पसंद आएगी। उल्लेखनीय है कि एकलव्य सेन हिमाचल के जिला काँगड़ा की नूरपुर तहसील के गॉव नांगलाहड़ के निवासी हैं और इस से पहले भी कई लघु फिल्मों और गानों का निर्देशन कर चुके हैं।  

एकलव्य ने कहा कि उनकी टीम और भी बहुत से प्रसिद्ध मंदिरो की कथा  अपने चैनल के माध्यम से लाने वाली है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि सब इस डॉक्यूमेंट्री को देखें और आगे शेयर ज़रूर करें। 

1 से 15 दिसंबर के बीच होंगी सेकेंड टर्म की परीक्षाएं

शाश्वत वशिष्ट (हिमाचलविज़िट) 23 अक्तूबर 2020 
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में सेकेंड टर्म की असेसमेंट परीक्षाएं 1 से 15 दिसंबर के बीच होंगी। पंचायत चुनाव के चलते शिक्षा विभाग ने परीक्षा की प्रक्रिया जल्द पूरी करने का फैसला लिया है। जिला अधिकारियों को तैयारियां शुरू करने के निर्देश जारी किए हैं। प्रदेश में अगर दिसंबर में स्कूल खुल गए तो ऑफलाइन नहीं तो दोबारा से ऑनलाइन परीक्षाएं ली जाएंगी। पहले चरण में पहली से आठवीं और दूसरे चरण में नौवीं से जमा दो कक्षाओं की परीक्षाएं होंगी।

अगस्त और सितंबर में समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय की ओर से प्रदेश के सरकारी स्कूलों में फर्स्ट टर्म की असेसमेंट परीक्षाएं सफलतापूर्वक ऑनलाइन ली गई हैं। इनके नतीजों को ई-पीटीएम के माध्यम से शिक्षकों ने अभिभावकों के साथ साझा भी किया है। अब शिक्षा विभाग सेकेंड टर्म की असेसमेंट परीक्षाओं की तैयारियों में जुट गया है। सभी जिला अधिकारियों को अभी से परीक्षाओं की तैयारियों के निर्देश जारी हो गए हैं।

प्रदेश में दिसंबर और जनवरी में पंचायत चुनाव संभावित है। बीते दिनों राज्य चुनाव आयोग की ओर से इस बाबत शिक्षा विभाग को पत्र जारी कर 15 दिसंबर के बाद स्कूलों में परीक्षाएं नहीं करवाने को कहा है। शिक्षा विभाग ने एक से 15 दिसंबर के बीच सेकेंड टर्म परीक्षाएं करवाने का फैसला लिया है। नवंबर के पहले सप्ताह तक इसकी डेटशीट भी जारी हो जाएगी।

मार्च में होंगी सभी कक्षाओं की वार्षिक परीक्षाएं

कोरोना के चलते इस बार मार्च 2021 में सभी कक्षाओं की वार्षिक परीक्षाएं होंगी। शीतकालीन स्कूलों में हर साल दिसंबर में वार्षिक परीक्षाएं होती रही हैं। इस बार स्कूल बंद होने पर टीचिंग डे पूरे करने और सिलेबस को पूरा करने के लिए सरकार ने मार्च में एक साथ शीतकालीन और ग्रीष्मकालीन स्कूलों की परीक्षाएं लेने का फैसला लिया है।

जनवरी-फरवरी में भी जारी रहेगी ऑनलाइन पढ़ाई

प्रदेश में इस बार विद्यार्थियों की जनवरी-फरवरी में भी पढ़ाई जारी रहेगी। सरकार ने मार्च से स्कूलों के बंद होने के चलते सर्दियों की छुट्टियों के समय भी ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखने का फैसला लिया है।

Wednesday, October 21, 2020

हिमाचल पंचायत चुनाव : सीटों के आरक्षण का फार्मूला तय

शाश्वत वशिष्ट(हिमाचलविज़िट) 21 अक्तूबर 2020 


प्रदेश सरकार ने पंचायत चुनाव में सीटों के आरक्षण का फार्मूला तय कर दिया है। पंचायती राज सचिव ने इसे सभी उपायुक्तों और जिला पंचायत अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। पहले रोस्टर अनुसूचित जाति के लिए लागू होगा। एससी के सदस्यों के स्थान पंचायत क्षेत्र में उनकी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षित होंगे। वर्ष 2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार इनके लिए पहले आरक्षित होने वाले स्थानों की गणना की जाएगी।
इसके बाद वर्ष 2010 और वर्ष 2015 में एससी और एसटी महिला सहित आरक्षित स्थान घटाए जाएंगे और शेष वार्डों में से ग्राम पंचायत का वह निर्वाचन क्षेत्र-वार्ड एससी के लिए आरक्षित होगा, जहां इस वर्ग की जनसंख्या सबसे अधिक है। यदि आरक्षित होने वाले निर्वाचन क्षेत्रों-वार्डों की संख्या एक से अधिक है तो अगला ऐसा निर्वाचन क्षेत्र-वार्ड एससी के लिए आरक्षित होगा। जहां इस वर्ग की जनसंख्या की प्रतिशतता घटते क्रम में दूसरे स्थान में है। इसी प्रकार आरक्षित स्थानों की पहचान एससी की जनसंख्या की प्रतिशतता के घटते क्रम में तब तक की जाएगी, जब तक वांछित स्थानों की पहचान पूर्ण नहीं हो जाती। 

आरक्षण का फार्मूला :
यदि किसी पंचायत में कुल वार्डों की संख्या 11 है और जनसंख्या के अनुपात में उस पंचायत में तीन वार्ड एससी के लिए आरक्षित हो जाते हैं तो उक्त 11 वार्डों में सर्वप्रथम वे निर्वाचन क्षेत्र या वार्ड घटाए जाएंगे जो वर्ष 2010 और 2015 में एससी और एसटी महिलाओं के लिए आरक्षित थे। यदि ऐसे वार्डों की संख्या गत निर्वाचनों के समय छह थी तो शेष पांच वार्डों में से तीन ऐसे निर्वाचन क्षेत्र या वार्ड एससी के लिए आरक्षित होंगे, जहां एससी की जनसंख्या की प्रतिशतता घटते क्रम में एक, दो या तीसरे स्थान पर है। यह ध्यान रखा जाएगा कि जिस निर्वाचन क्षेत्र-वार्ड में एससी की जनसंख्या प्रतिशतता पांच से कम है वह निर्वाचन क्षेत्र या वार्ड एससी के लिए आरक्षित नहीं होगा। ऐसी स्थिति में यदि निर्वाचन क्षेत्र रिपीट होता है तो वह उस श्रेणी की उच्चतम प्रतिशतता के अनुरूप होगा। 

महिलाओं के लिए 50 फीसदी सीटें आरक्षित :
अगला चरण एससी के लिए आरक्षित कुल निर्वाचन क्षेत्रों और वार्डों में से 50 प्रतिशत निर्वाचन क्षेत्रों और वार्डों को इस वर्ग की महिलाओं को आरक्षित करने का होगा।
यदि एससी के लिए एक निर्वाचन क्षेत्र वार्ड आरक्षित होता है तो वह सीधे उस वर्ग की महिला के लिए आरक्षित होगा। यदि एससी के लिए एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र वार्ड आरक्षित होते हैं तो उस अवस्था में आरक्षित स्थानों का 50 प्रतिशत इस वर्ग की महिलाओं के लिए होगा।

Monday, October 19, 2020

डॉक्टर बन करुँगी लोगों की सेवा: दृष्टि शर्मा

राकेश शर्मा (हिमाचलविज़िट) 19 अक्तूबर 2020
उपमण्डल नूरपुर की बेटी दृष्टि शर्मा ने NEET की परीक्षा पास कर इलाके व अपने माता पिता का नाम रोशन किया है। देशभर में कुल 1597000 बच्चों ने उक्त परीक्षा दी थी जिसमे दृष्टि ने देश भर में 21941वां रैंक हासिल कर सफलता हासिल की है।
दो बहनो में बड़ी 18 बर्षीय दृष्टि शर्मा के पिता भूषण शर्मा उपमण्डल नूरपुर से एक वरिष्ठ पत्रकार हैं और माता आरती शर्मा गृहणी हैं जबकि छोटी बहन सृष्टि 7वीं कक्षा में पढ़ रही है। 
शुरू से ही पढ़ने में अव्वल दृष्टि ने बक्शी टेक चन्द वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला नूरपुर से 10वीं की परीक्षा में 87.5 फीसदी व 12वीं की परीक्षा 93.2 फीसदी अंक लेकर प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की थी। वहीँ अपने बलबूते और कड़ी मेहनत के बल पर दृष्टि शर्मा ने NEET की परीक्षा में सफलता हासिल की है।
  बेटी की इस कामयाबी से जहां माता पिता गदगद हैं वहीँ क्षेत्रवासी भी बेटी की प्रशंसा करते नहीं थक रहे। 
वहीँ दृष्टि ने अपनी कामयाबी का श्रेय अपने माता पिता व गुरुजनों को देते हुए कहा की उनके सहयोग व मार्गदर्शन से ही वह यह मुकाम हासिल कर पाई है। दृष्टि ने बताया कि उसका डाक्टर बनने का सपना साकार हो रहा है। दृष्टि शर्मा ने कहा कि वह डाक्टर बनकर लोगों की सेवा करना चाहती है।

Sunday, October 18, 2020

हिमाचल में अब कर सकेंगे रामलीला और दशहरे का आयोजन, दिशा-निर्देश जारी

 राकेश शर्मा (हिमाचलविज़िट) 18 अक्तूबर 2020 



हिमाचल प्रदेश में अब रामलीला और दशहरा पर कार्यक्रम का आयोजन किया जा सकेगा। अब खुले में होने वाले आयोजनों के लिए भीड़ की कोई संख्या निर्धारित नहीं है। ऐसे आयोजनों के लिए कोरोना की मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी कर दी गई हैं। साथ ही शारीरिक दूरी के नियम का पालन करना होगा। प्रदेश में किसी भी तरह की धार्मिक, राजनीतिक या अन्य सभाओं के आयोजन के लिए 100 से अधिक लोगों के इकट्ठे होने पर लगी हुई रोक को हटा दिया गया है। अब हाल और कमरों में होने वाले आयोजनों के लिए अधिकतम 200 लोग या क्षमता के 50 फीसद लोग इकट्ठा हो सकेंगे।

मंदिरों में लग सकेंगे भंडारे:-

प्रदेश में मंदिरों में अब भंडारों के भी आयोजन किए जा सकेंगे सकेंगे।  मंदिरों में भंडारों की वितरण के लिए बने हाल की क्षमता के आधार पर अधिकतम 200 लोगों को बैठाया जा सकेगा या हाल की क्षमता की 50 फीसद लोगों के बैठने का प्रबंध ही किया जा सकेगा।

नवरात्र के लिए भी भीड़ में छूट

शनिवार से शुरू हुए नवरात्र को लेकर भी संबंधित क्षेत्रों में जुटने वाली भीड़ के आधार पर छूट देने के लिए प्रावधान किया गया है। इसके आधार पर स्थानीय प्रशासन मंदिरों की क्षमता और वहां पर उपलब्ध स्थान के आधार पर लोगों की प्रवेश के सुविधा प्रदान कर सकेंगे। 

शक्तिपीठों के लिए बस सेवाएं होंगी शुरू 

हिमाचल प्रदेश के प्रमुख शक्तिपीठों के लिए भी अब बस सेवाएं शुरू होगी। इनकी बुकिंग आनलाइन होगी। निगम ने इसके लिए बसें आरक्षित रखी हैं। निगम के मंडलीय प्रबंध ट्रैफिक पंकज सिंघल ने इसकी पुष्टि की है। नवरात्र पर परिवहन निगम शक्तिपीठों के लिए आन डिमांड बसें चलाएगा। हिमाचल से अन्य राज्यों के लिए 150 रूट किए गए बहाल किए हैं। इन बसों में लगभग 70 फीसद आक्यूपेंसी चल रही है।

Saturday, October 17, 2020

डमटाल में पुल के नीचे दो शव मिलने से इलाके में सनसनी

राकेश शर्मा (हिमाचलविज़िट) 17 अक्तूबर 2020 


डमटाल पुलिस थाना के तहत भदरोआ गांव में चक्की खड्ड में दो शव बरामद हुए हैं । पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है। चक्की खड्ड में दो शव मिलने की सूचना से क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। 
जानकारी के अनुसार सूचना मिलने पर डमटाल पुलिस थाना प्रभारी हरीश गुलेरिया पुलिस टीम सहित मौके पर पहुंचे। इसके अलावा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अशोक रतन भी मौके पर पहुंचे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इसमें से एक महिला और एक पुरुष है। अभी तक इन शवों पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए नूरपुर अस्पताल भेज दिया है। 

Wednesday, October 14, 2020

केन्‍द्र शासित प्रदेश जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख को विशेष पैकेज की मंजूरी

राकेश शर्मा (हिमाचलविज़िट) 14 अक्तूबर 2020 


केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने दीनदयाल अंत्‍योदय योजना-राष्‍ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत केन्‍द्र शासित प्रदेश जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख को विशेष पैकेज की मंजूरी दी..
प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2023-24 तक, पांच वर्ष की अवधि के लिए केन्‍द्र शासित प्रदेश जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख को 520 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज देने की मंजूरी दी और केन्‍द्र शासित प्रदेश जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख में इस विस्‍तारित अवधि के दौरान आवंटन को गरीबी अनुपात से जोड़े बिना मांग जनित आधार पर दीनदयाल अंत्‍योदय योजना- राष्‍ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) का वित्त पोषण सुनिश्चित करने की भी मंजूरी दी।
इससे इन केन्‍द्र शासित प्रदेशों की जरूरत के आधार पर इस मिशन के तहत पर्याप्‍त धन सुनिश्चित होगा और यह एक समयबद्ध तरीके से केन्‍द्र शासित प्रदेश जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख में सभी केन्‍द्र प्रायोजित लाभार्थी-उन्‍मुख योजनाओं को सार्वभौमिक बनाने के भारत सरकार के उद्देश्‍य के भी अनुरूप है।
यह ग्रामीण परिवारों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने और महिलाओं के सशक्तिकरण तथा केन्‍द्र शासित प्रदेश जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख में बदली हुई परिस्थितियों के लिए इस मिशन की क्षमता की ओर संकेत करने वाले आकलन के परिणामों पर आधारित है।
दीनदयाल अंत्‍योदय योजना- राष्‍ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) केन्‍द्र द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्‍य पूरे देश में गरीब ग्रामीण परिवारों के लिए विविध आजीविकाओं के संवर्धन द्वारा ग्रामीण गरीबी का उन्‍मूलन करना है। ग्रामीण गरीबी दूर करने के लिए डीएवाई-एनआरएलएम का जून 2011 में शुभारंभ गरीबी उन्‍मूलन कार्यक्रमों में प्रतिमान बदलाव का सूचक है। 
डीएवाई-एनआरएलएम सभी ग्रामीण गरीब परिवारों, अनुमानित लगभग 10 करोड़ परिवारों तक पहुंचने और सार्वभौमिक सामाजिक जागरूकता के माध्‍यम से उनकी आजीविका पर प्रभाव डालने के साथ-साथ उनके अपने संस्‍थानों और बैंकों से वित्तीय संसाधनों की पहुंच के माध्‍यम से प्रत्‍येक ग्रामीण गरीब परिवार से एक महिला सदस्‍य को स्‍वयं सहायता समूह में शामिल करना, उनके प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण और उनकी लघु आजीविका योजनाओं में सहायता प्रदान करना चाहती है।
इस मिशन में स्‍वयं सहायता की भावना में समुदाय पशेवरों के माध्‍यम से समुदाय संस्‍थानों के साथ कार्य करना शामिल है। यह डीएवाई-एनआरएलएम का विशिष्‍ट प्रस्‍ताव है और इस प्रकार यह पिछले गरीबी उन्‍मूल कार्यक्रमों से अलग है। इस कार्यक्रम की अन्‍य महत्‍वपूर्ण बात यह है कि इसे राष्‍ट्रीय, राज्‍य, जिला और ब्‍लॉक स्‍तर पर समर्पित कार्यान्‍वयन सहायता इकाइयों के साथ एक विशेष उद्देश्‍य वाहन (स्‍वायत्तशासी राज्‍य समितियों) द्वारा एक मिशन मोड में लागू किया गया है। इसमें प्रत्‍येक ग्रामीण गरीब परिवार को लगातार और दीर्घकाल तक सहायता उपलब्‍ध कराने के क्रम में पेशेवर मानव संसाधनों का उपयोग किया गया है। 
पृष्‍ठभूमि:
डीएवाई-एनआरएलएम को पूर्ववर्ती राज्‍य जम्‍मू-कश्‍मीर में जम्‍मू-कश्‍मीर राज्‍य आजीविका मिशन (जेकेएसआरएलएम) द्वारा ‘उम्‍मीद’ कार्यक्रम के रूप में लागू किया गया था। डीएवाई-एनआरएलएम के तहत मौजूदा निधि आवंटन प्रक्रिया राज्‍यों में गरीबी आवंटन पर आधारित है। 
डीएवाई-एनआरएलएम के तहत जम्‍मू–कश्‍मीर का हिस्‍सा कुल वार्षिक आवंटन का 1 प्रतिशत से भी कम था। इस मिशन के तहत वित्त वर्ष 2013-14 से 2017-18 तक पांच वर्षों की निश्चित समय-सीमा में जम्‍मू-कश्‍मीर को पर्याप्‍त वित्त पोषण सहायता सुनिश्चित करने और राज्‍य में गरीब ग्रामीण आबादी (जो कुल ग्रामीण आबादी की लगभग दो-तिहाई है) को पर्याप्‍त कवरेज देने के लिए भारत सरकार ने जम्‍मू-कश्‍मीर राज्‍य के लिए डीएवाई-एनआरएलएम के तहत विशेष पैकेज को मंजूरी दी है। 
मंत्रिमंडल ने गरीबी अनुपात से जोड़े बिना विशेष पैकेज के कार्यान्‍वयन के लिए जरूरत आधार पर डीएवाई-एनआरएलएम के तहत निधियों के आवंटन को भी मंजूरी दी है। मूल रूप से पांच वर्ष की अवधि के लिए इस प्रस्‍ताव के लिए वित्तीय परिव्‍यय 755.32 करोड़ रुपये (केन्‍द्र का हिस्‍सा 679.78 करोड़ रुपये) था।
विभिन्‍न कारणों और राज्‍य की अशांत स्थिति के कारण विशेष पैकेज मई 2013 में मंजूर किया गया था जिसे बाद में एक साल बढ़ाकर 2018-19 तक कर दिया गया था लेकिन इसे पूरी तरह लागू नहीं किया जा सका। 
जम्‍मू-कश्‍मीर में इस कार्यक्रम की उपलब्धियों का एक विस्‍तृत तीसरे पक्ष का आकलन तथा इस विशेष पैकेज का कार्यान्‍वयन करने के लिए राज्‍य मिशन की तैयारी की समीक्षा ग्रामीण प्रबंधन संस्‍थान (आईआरएमए) आनंद, गुजरात द्वारा वर्ष 2019 में आयोजित की गई। 
इस आकलन में पूर्ववर्ती राज्‍य में डीएवाई-एनआरएलएम के कार्यान्‍वयन के अनेक अच्‍छे परिणाम सामने आए। इनमें आय स्‍तरों में बढ़ोतरी, परिसम्‍पत्ति आधार में सुधार, महिलाओं के लिए नए/विविध आजीविका अवसरों का सृजन, अधिक बचत, उत्‍पादक उद्देश्‍यों के लिए अधिक निवेश, ऋण के उत्‍पादक उपयोग शामिल हैं। 
इसके अलावा, इसका समुदाय स्‍तर के मुद्दों को हल करने में सकारात्‍मक प्रभाव पड़ा है और लाभकारी चयन सामाजिक सद्भाव और आपसी सहायता में पारदर्शिता बढ़ी है। समुदाय संसाधन व्‍यक्तियों का एक बड़ा कॉडर और स्‍वयं सहायता समूह सदस्‍यों और अधिकारियों के रूप में सामाजिक पूंजी का भी सृजन हुआ है।