राकेश शर्मा: जसूर: 06 फरवरी 2020
वीएचपी जिला संयोजक आर्चित चौधरी ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश की प्रांत कार्यकारिणी की बैठक जो कि 1 से 2 फरवरी तक हमीरपुर में प्रांत अध्यक्ष डॉ सुनील ठाकुर, प्रांत मंत्री राहुल राणा तथा प्रांत संगठन मंत्री कॉल नेगी की अध्यक्षता में संपन्न हुई थी जिसमे कि विद्यार्थी परिषद द्वारा पूर्व में किए गए कार्यक्रम एवं गतिविधियों की समीक्षा की गई तथा आगामी कार्यक्रमों व गतिविधियां पर चर्चा की गई।
बैठक में प्रदेश के वर्तमान परिदृश्य पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई और इस पर प्रस्ताव पारित किया गया इस प्रस्ताव में स्कूलों में आधारभूत ढांचा उच्च शिक्षण संस्थानों की कमी तथा रीइंप्लॉयमेंट पर प्रतिबंध लगाने जैसे मांगों को इस प्रस्ताव में शामिल किया गया।
उन्होंने कहा हिमाचल प्रदेश ऐसी कई ज्वलंत मुद्दे हैं जिनको लेकर छात्र आक्रोशित हैं। निम्न मुद्दों को उठाने तथा समाधान तक पहुंचाने का कार्य विद्यार्थी परिषद करेगी। जैसे कि:-
- सड़कों की खस्ता हालत के कारण दुर्घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है।
- हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय मैं परीक्षा प्रणाम एवं पूर्ण मूल्यांकन के परिणाम को तुरंत घोषित किया जाए।
- छात्रों का लोकतांत्रिक अधिकार छात्र संघ चुनाव बहाल किया जाए।
- केंद्रीय विश्वविद्यालय का स्थाई परिसर का निर्माण जल्द से जल्द किया जाए
- हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय में शिक्षकों गैर शिक्षकों की निमित्त भर्तियां की जाए
- कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर एवं वानिकी एवं बागवानी विश्वविद्यालय नौनी की फीस वृद्धि वापस ली जाए।
उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में छात्रों का आर्थिक शोषण किसी से छुपा नहीं है। विश्वविद्यालय में 50% कृषि सीटें ऐसी हैं जहां सालाना खर्चा डेढ़ से 2लाख रुपए है। यही नहीं इसमें प्रवेश परीक्षा के लिए जो फार्म भरे जाते हैं उनका खर्चा भी हजारों रुपए प्रति छात्र रहता है। जिस कारण कई गरीब छात्र इस से बंचित रह जाते हैं।
एक तरफ सरकार किसानों की स्थिति को सुधारने की बात करती है वहीं और दूसरी तरफ किसानों के बच्चों शिक्षा से वंचित करती है। वहीँ विद्यार्थियों के साथ स्कॉलरशिप के नाम पर मजाक किया जाता है।
उन्होंने कहा की वीएचपी मांग करती है कि:-
प्रदेश विश्वविद्यालय द्वारा ICEDEOL की फीस वृद्धि वापस ली जाए, सरकारी विभागों में आउटसोर्सिंग की भर्ती को बंद की जाए तथा नियमित भर्तियां की जाए। इन मांगो को लेकर विद्यार्थी परिषद प्रदेश के हर महाविद्यालय में आंदोलन करेगी। आंदोलन की रूपरेखा इस प्रकार है:
7 फरवरी को इकाई स्तर पर प्रचार वितरण एवं प्राचार्य के माध्यम से शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंपा जाएगा। 10 से 11 फरवरी प्रदेश के सभी महाविद्यालय में हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा। 12 फरवरी को इकाई स्तर पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा। 14 फरवरी को जिला केंद्रों पर धरना प्रदर्शन एवं डीसी के माध्यम से सीएम को ज्ञापन सौंपा जाएगा। 17 से 18 फरवरी को सांकेतिक भूख हड़ताल की जाएगी। 20 फरवरी को महाविद्यालय व विश्वविद्यालय में पूर्णत: शिक्षा का बहिष्कार किया जाएगा।
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