राकेश शर्मा: 12 फरवरी 2020
स्वदेशी कामधेनु गौशाला गांव गानोह तहसील नूरपुर डिस्ट्रिक्ट कांगड़ा मैं डॉ वाईएस परमार यूनिवर्सिटी सोलन के बीएससी तृतीय वर्ष के लगभग 18 छात्र-छात्राओं ने प्रशिक्षण लिया गौशाला में ऋषि डोगरा से बात करते हुए छात्र-छात्राओं ने विभिन्न गौ पालन के पहलुओं पर जानकारी एकत्रित की।
एक सफल गोपालक को किस तरीके की देसी गायों का पालन करना चाहिए और वह किस तरीके से दो आधारित पदार्थों का निर्माण करके एक अच्छा मुनाफा कमा सकता है इस पर जानकारी ली ऋषि डोगरा ने बताया कि स्वदेशी कामधेनु गौशाला गोपालन का एक ऐसा मॉडल तैयार कर रहा है जो केवल दूध पर निर्भर नहीं बल्कि बहुत से ऐसे गौ-उत्पाद है जिनका निर्माण करके एक किसान गाय द्वारा अच्छा पैसा कमा सकता है।
वहीं गौ आधारित कृषि करके वह ना केवल अपना स्वास्थ्य अपितु पूरे समाज का स्वास्थ्य में एक महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है विद्यार्थियों ने भिन्न भिन्न प्रकार के पदार्थों को जो कि गौशाला में बनाए जा रहे हैं उनकी भी जानकारी ली और अपने अनेक प्रश्नों का समाधान भी प्राप्त किया की वास्तविक रूप में गोपालन को कैसा होना चाहिए अगर इसमें किसी को जानकारी लेनी है तो वह स्वदेशी कामधेनु गौशाला के मॉडल से मदद ले सकते हैं।
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