Saturday, December 7, 2019

बचपन से ही योगमय जीवनशैली तो ना ही देश के लिए खतरा बनेंगे और ना ही धरा के लिए कचरा: सुरक्षा चौहान




राकेश शर्मा: जसूर: 07 दिसम्बर 2019




योग आचार्य व महामहिम राज्यपाल से सम्मान प्राप्त कर चुकी सुरक्षा चौहान ने "हिमाचलविजिट"  से खास बातचीत के दौरान कहा: 
योग के बारे में क्या कहूं,
ये तो बहुत ही गहरा है समन्दर!!
स्वस्थ रहने के तरीके और,
जीवन जीने की कला है इसके अन्दर!!



योग के महत्व के बारे में लिखना मानो गागर में सागर भरना, लेकिन जबसे मैं योग की शरण में आई हूं ऐसा लगता है मानो योग एक माँ है और मैं उसकी गौद में हूं। और इस योग रूपी माँ ने मुझे बहुत सहेज के रखा है, जैसे एक माँ हमेशा अपने बच्चे के स्वास्थय का ध्यान रखती है, अपने बच्चों पर कभी कोई आँच नहीं आने देती और शारीरिक, मानसिक व आध्यातमिक रूप से सशक्त बनाती है ठीक वैसे ही योग हमारे शरीर, मन और ऊर्जा के स्तर पर काम करता है और दिन प्रतिदिन की जीवन की चुनौतियों का एक साकारात्मक सोच के साथ कैसे सामना करें यह भी सिखाता है। 




सुरक्षा चौहान ने कहा कि योग आधुनिक  समय की मांग भी है, क्योंकि आधुनिक समय में हमारी जीवनशैली, व्यस्तता और मन की व्याग्रता सब बदल चुके हैं, तो ऐसे में योग का नियमित अभ्यास शरीर मे साकारात्मक बदलाव लाता है जिनमें मजबूत मासपेशीयां, लचीलापन, धैर्य और अच्छा स्व्स्थ्य भी शामिल हैं और कुछ गंभीर बिमारियां जो आज की जीवनशैली में समान्य हैं उनसे भी छुटकारा पाने में मदद करता है।




सुरक्षा चौहान ने अपनी बात समाप्त करते हुए कहा कि अंत मे मैं बस यही कहना चाहुंगी कि भविष्य में सम्पूर्ण मानव जाति को योग की शरण में आना ही पड़ेगा, क्योंकि इससे बाहर कोई विकल्प है ही नहीं। तो क्यों न हम अभी से ही शुरूआत करें अपने आप को और  अपने बच्चों को योग के साथ जोड़ें क्योंकि इस से वे नशे से, बिमारीयों से, अवसाद व कुविचारों से बचे रहेंगे। बच्चे हमारे देश का, इस पूरी मानवजाति का, इस धरा का भविष्य हैं और अगर वो बचपन से ही योगमय जीवनशैली को अपनाऐंगे तो ना ही वो देश के लिए खतरा बनेंगे और ना ही इस धरा के लिए कचरा बनेंगे। 



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