Monday, December 9, 2019

किसानों को भी होगा होगा लाभ - दुर्घटनाएं भी होंगी कम: जानिए कैसे



राकेश शर्मा: जसूर: 09 दिसम्बर 2019


सरकार ने जहाँ बंदरों को पकड़ने के लिए प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की है, अगर केंद्र व प्रदेश सरकार किसान हितैषी है तो बंदरों पर ही नहीं बेसहारा पशुओं को पकड़ने पर भी प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा करें। 


बंदरो से ज्यादा बेसहारा पशु किसानो को नुकसान पहुंचाते हैं। बंदर तो सिर्फ दिन में ही उत्पात मचाते हैं जबकि बेसहारा पशु दिन रात किसानों के लिए सिरदर्द बने रहते हैं। यह कहना है राजपूत सर्वहित कल्याण सभा का।


सभा के सदस्यों का कहना है कि किसानों को मात्र बंदर ही नुकसान नहीं पहुंचा रहे बल्कि बेसहारा पशु भी उतना ही नुकसान बल्कि उससे कहीं अधिक नुकसान किसानों की फसलों का कर रहे हैं। 


उन्होंने केंद्र व प्रदेश सरकार से अपील की है कि जिस तरह एक बंदर पकड़ने के बदले में 1000 रुपए देने की घोषणा की है उसी तरह बेसहारा पशुओं को पकड़ने पर भी प्रोत्साहन राशि देने का एलान करे व पकड़े हुए पशुओं को गौसदन में पहुंचाने का प्रबंध भी सरकार करे। इस से किसानो को तो राहत मिलेगी ही सड़क पर दुर्घटनाएं भी काम होगीं। 


सभा का कहना है कि बंदर तो कुछ एक किस्म की खेती के करीब तक नहीं जाते हैं लेकिन लावारिस पशु तो ज्यादातर खेती को चट करते हुए बची हुई किस्म की फसलों को अपने खुरों से तहस नहस कर देते हैं। 


वहीं बंदर तो डराने से डर भी जाते हैं लेकिन ज्यादातर बेसहारा पशु (बैल) तो किसानों को देख दूर से मारने को दौड़ पड़ते हैं। जिसके कई उदाहरण पहले भी क्षेत्र में सामने आ चुके हैं। 


सभा ने यह भी मांग की है कि हर पशुपालक के पास कितने पशु हैं उनकी भी सूची बनाते हुए हर एक पशु के जन्म लेने, बेचने या मरने की सूरत में भी उसका रजिस्ट्रेशन उसी तरह हो जिस तरह मनुष्य का होता है तभी बेसहारा पशुओं की संख्या कम हो पाएगी। 


सभा ने कहा की ऐसे नियम बनाने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने ही पड़ेंगे तभी सरकार किसानों की सच्ची हितैषी बन पाएगी।


इस मौके पर सभा के चेयरमैन राघव पठानिया, प्रधान नरेंद्र मनकोटिया, पूर्व प्रधान जगदेब पठानिया, मुख्य सलाहकार रघुबीर पठानिया, जोगिंद्र गुलेरिया, भूरी सिंह राणा, बलजीत राणा, रणबीर सलारिया, करनैल राणा, मोहिंद्र ठाकुर, प्रीतम ठाकुर, तारा सिंह आधी मौजूद रहे। 


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