राकेश शर्माः जसूर 15 जनवरी 2019
सभी राजनीतिक दल स्वर्ण विरोधी हैं। दशकों से स्वर्ण समाज को सामूहिक तुष्टिकरण का शिकार बनाया जाता रहा है और यह घिनौना खेल अब भी जारी है। लेकिन अव इस वर्ग का अस्तित्व बचाने के लिए स्वर्ण समाज मंच आगामी लोकसभा चुनावों में कांगड़ा-चंबा लोकसभा क्षेत्र से अपना प्रत्याशी उतारने पर विचार कर रहा है। यह बात सवर्ण समाज मंच के प्रदेश संयोजक सेवानिवृत्त कर्नल नरेंद्र पठानिया ने जसूर में एक प्रैस वार्ता के दौरान कही। उन्होने कहा कि एससी एसटी एक्ट 2018 संशोधन को केंद्र सरकार ने वापस नहीं लिया तो आगामी लोकसभा चुनावों में सवर्ण समाज इसका सबक सिखाने के लिए तैयार है। उन्होन हिमाचल जैसे शांतीप्रिय प्रदेश में इस एक्ट को थोपने पर जबरदस्त विरोध जताया। उन्होने कहा कि हिमाचल में एससी एसटी एक्ट संशोधन 2018 की जरूरत नहीं है और यह सिर्फ वोट की गंदी राजनीति के लिए किया जा रहा है जिसका कि स्वर्ण समाज मंच पुरजोर विरोध करता है।
पठानिया ने कहा कि बड़े हर दुख का विषय है कि प्रदेश में सवर्ण समाज से जुड़े सांसद और विधायक भी इसका विरोध नहीं कर रहे। लेकिन उन्हे अभी हाल में हुए चुनावों मे हुए हश्र को भूलना नहीं चाहिए। उन्होने कहा कि सवर्णं समाज ऐसे नेताओं को सबक सिखाने के लिए कमर कस चुका है और आने वाले लोकसभा चुनावों में ऐसे नेताओं और पार्टियों को इसका करारा जबाव दिया जाएगा।
पठानिया ने कहा कि सवर्ण समाज मंच ने कभी भी आरक्षण की मांग नहीं की और न ही कभी आरक्षण हेतु सड़कों पर उतर कर विरोध जताया न कभी कोई दंगा फसाद किया। लेकिन अब सरकार भी इस बात को समझ रही है कि सवर्ण समाज अब जाग चुका है। कुछ प्रदेशों में अभी हाल ही में हुए चुनावों में स्वर्णो ने इन पार्टियों को अपना महत्व समझा दिया है जिसके चलते यह 10 फीसदी का आरक्षण दिया गया है। पठानिया ने स्वर्ण समाज वर्ग की कुर्वानियों को दांव पर रख कर राजनीतिक बोली लगाने वालों का स्वर्ण समाज को एकजुट होकर विरोध करने का आहवान किया। उन्होने कहा कि जब कुल ही नहीं बचेगा तो समाज बिल्कुल नहीं बच पाएगा।
Excellent coverage by JASSUR Press Club.Thanks.
ReplyDeleteThanks a lot Sir
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