राकेश शर्मा: जसूर: 22 अक्तूबर 2019
फोर लेन संघर्ष समिति नूरपुर के पदाधिकारियों ने सरकार के तुगलकी फरमान पर कड़ा संज्ञान लेते हुए यह जानना चाहा कि जब उच्च राज मार्ग प्राधिकरण 154 पठानकोट मण्डी के विस्तारीकरण का सर्वे कर रहे थे उस समय हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक स्थिति का प्रशासन को ज्ञान न था ?
अब सड़क विस्तारीकरण हेतु नए नए बहाने बना कर प्रभावितों को परेशान किया जा रहा है व फिर से पठानकोट मण्डी उच्च राज मार्ग का नया सर्वे करने के आदेश जारी कर दिए है जो कि जानबूझ कर सड़क निर्माण में देरी करने का एक जरिया मात्र है।
सुदर्शन शर्मा सचिव कोर कमेटी ने भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के कर कमलों द्वारा गगल में विधिवत रूप से शिलान्यास करवाना हिमाचल कि भोली भाली जनता के साथ धोखा करार दिया है।
सुदर्शन शर्मा ने केंद्र सरकार ब हिमाचल सरकार से तल्ख अंदाज में प्रश्न किया कि कालका शिमला, कीरतपुर मण्डी प्रभावितों के लिए जिला सत्रिय कमेटियां गठित की जा चुकी हैं लेकिन पठानकोट मण्डी, मटौर शिमला प्रभावितों के लिए सरकार द्वारा जिला स्तरीय कोई भी कमेटी का गठन आज तक नहीं हुआ है।
यहां तक कि कांगड़ा जिला प्रदेश का सबसे बड़ा जिला होने के नाते प्रभावितों की संख्या भी सबसे अधिक मात्रा में है लेकिन यह सौतेला व्यवहार कांगड़ा जिला के साथ क्यों?
उन्होंने कांगड़ा जिला के नुमाइन्दो से भी इस मामले को गंभीरता से लेने का आग्रह किया ताकि कांगड़ा जिला के प्रभावितों कि पैरवी प्रति महीने जिला सत्रीय कमेटी के गठन के उपरांत हो सके व जन समस्याओं का समाधान जिला स्तरीय बार्तालाप के उपरांत हो सके।
उन्होंने कहा कि फोर लेन संघर्ष समिति नूरपुर सरकार को समस्या समाधान हेतु पूर्ण रूप से सहयोग देने के लिए तैयार है। वहीँ समिति प्रभावितों को अतिशीघ्र मुआबजा भुगतान की पुरजोर मांग भी करती है।
सरकार का यह संकेत देना कि हिमाचल राज्य में भू अधिग्रहण के जो प्रति मीटर सर्कल दर बहुत ज्यादा है इस मिथ्य पर हैरानी जताते हुए सरकार की इस दलील पर जोरदार निंदा करते हुए महाराष्ट्र, सरकार के सर्कल दर की याद दिलवाई ब पांच फैक्टर की दर से प्रभावितों को भू अधिग्रहण का भुगतान किया गया।
देव भूमि में पहाड़ी राज्य होने के नाते प्रभावितों के पास जमीन का पैमाना भी मरलो में है बनस्पित अन्य राज्यो में भूमि का मालकाना हक एकड़ों में है जबकि हिमाचल जैसे राज्य के प्रभावितों को मुयावजा राशि भी कम बनेगी जिससे पुनः स्थापन होना बहुत ही मुश्किल होगा ।
समिति के प्रधान सेवा निवृत्त सूबेदार मेजर दरबारी सिंह, समिति के महा सचिव सेवा निवृत रेवन्यू विभाग विजय हीर ने सरकार के फैसले की कड़ी निंदा करते हुए प्रशासन को धरने प्रदर्शन करने की चेतावनी दी व अतिशीघ्र समाधान हेतु जिला स्तरीय कमेटी का गठन करने कि मांग की।
इस मौके पर कोर कमेटी अध्यक्ष डॉ, अशोक शर्मा, सुभाष पाठानिया, भारत भूषण बक्शी, राम चंद शास्त्री, ईश्वर दास शर्मा, बनारसी दास, प्रेस सचिव बलदेव पठानिया, ऑर्गेनाइजिंग सचिव राजन शर्मा, सुख देव गुलेरिया, मुख्य सलाहकार राकेश भारती मौजूद थे।
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