Wednesday, October 9, 2019

जसूर में बह रही ज्ञानरस अमृतधारा का चौथा दिन

राकेश शर्मा: 09 अक्तूबर 2019


"दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान" की ओर से स्थानीय "श्री अष्ट भुजा दुर्गा माता मंदिर" में कुमारी उर्मिला और श्री मति स्वरूप शर्मा के सहयोग से आयोजित "श्री मद भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ" के आज "चतुर्थ दिवस" मन्दिर परिसर में "श्री कृष्ण जन्मोत्सव" बहुत ही धूम धाम से मनाया गया। जसूर में बह रही ज्ञानरस अमृतधारा का चौथा दिन

संस्थान की ओर से श्री आशुतोष महाराज जी के शिष्य कथा व्यास स्वामी विज्ञानानन्द ने बताया कि जब जब धर्म की हानि होती है औऱ अधर्म का विस्तार होता है तब तब सच्चिदानन्द भगवान निराकार से साकार होकर इस धरा पर अवतरित होते हैं। 

उन्होंने कहा कि द्वापर युग मे भी भगवान श्री कृष्ण का अवतरण भारत भूमि पर तब हुआ जब अधर्मी कंस के अत्याचार चरम सीमा पर थे और मानवता कंस के अत्याचारों से त्रसित थी। 

"कृष्ण जन्म" प्रसंग की रहस्यात्मक विवेचना करते हुए स्वामी जी जे बताया कि मानव तन भी गोकुल है। जब गुरु की कृपा से हम कृष्ण का दर्शन अपने अंतर घट में करते हैं तो कृष्ण जन्म की लीला हमारे भीतर साकार हो उठती है। 

इस अवसर पर स्वामी हरिदासानन्द, महात्मा अश्वनी स्वामी मेघानन्द व जसपाल ने चलो बुलावा आया है, गोकुल में आज कृष्ण जन्म भयो भजन गाकर प्रभु भक्तों को नाचने पर मजबूर कर दिया। बाल गोपाल की आकृष्ट झांकी और पुष्प वृष्टि से मन्दिर परिसर मानो गोकुल नगरी में परिवर्तित हो गया।


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