Monday, September 30, 2019

जसूर व नूरपुर के युवा निस्वार्थ भाव से कर रहे गौरक्षा

राकेश शर्मा: जसूर: 30 सितम्बर 2019




नूरपुर तथा आसपास के क्षेत्रों में आवारा तथा बेसहारा गौवंश को दुर्घटनाओं से बचाने के लिए नूरपुर व जसूर के कुछ युवाओं ने बीड़ा उठाया है। इन युवाओं द्वारा श्री बृज राज स्वामी मंदिर नूरपुर में सोमवार को एक बैठक का आयोजन कर आगे की रणनीति पर विचार विमर्श किया।


 

इन युवाओं द्वारा अभी तक 60 के करीब गौवंश को बचाया जा चुका है। कुछ गौवंश को जिनकी दुर्घटनाओं में टाँगे टूट चुकी है या कट चुकी हैं, उन्हें इन निःस्वार्थ गौ सेवको द्वारा खजियाँ स्थित गौ शाला पहुंचाया गया है। 


इन निस्वार्थ गौ रक्षकों अर्पण चावला, भूषण शर्मा, ममता हिन्दू, रॉकी शर्मा, संजय, नरेन्द्र, राघव, कमल, सचिन, विनय, अक्षय, कपिल, मोहित, बुलारा, शेखू, रूपेश महाजन, अरविंद, मिट्ठू, शुभम आदि द्वारा गौवंश को रेडियम कॉलर लगाये जा रहे हैं ताकि अँधेरे में यह बेसहारा गौवंश दुर्घटनाओं का शिकार होने से बच सकें। 


वहीँ आमजन को भी कोई परेशानी न हो। क्यूंकि अँधेरे में अक्सर वाहन चालक सड़क पर पशुओं को देख नहीं पते जिस कारण दुर्घटनाओं में गौवंश भी बुरी तरह से घायल हो जाता है या मौत का शिकार हो जाता है वहीँ वहीँ वाहन चालकों को भी खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 


इसी को मद्देनज़र रखते हुए इन युबाओ ने विशेष रूप से महाराष्ट्र से कपड़े के  रेडियम कॉलर मंगवाए है, जो रात को बाहन की लाइट से चमकते हैं। इस कॉलर की सहायता से बाहन चालक 200 मीटर दूरी से ही भांप लेगा और हादसा होने से बच जाएगा। 


इन युवाओं का कहना है कि रेडियम कॉलर से दुर्घटनाओ में कमी तो आएगी लेकिन सड़को पर दिन प्रतिदिन बढ़ती गौवंश की संख्या चिंता का कारण है। अर्पण चावला ओर रॉकी शर्मा ने कहा कि हर हिन्दोस्तानी को गौ माता की रक्षा करनी चाहिए।


वहीं इन युवाओं ने लोगों से गौवंश को आवारा सड़क पर न छोड़ने की भी गुजारिश की है।  

Sunday, September 29, 2019

जानिए: क्यों पड़ सकते हैं व्यापारियों के यहां छापे

राकेश शर्मा: जसूर: 29 सितम्बर 2019


केंद्र सरकार ने व्यापारियों पर स्टॉक सीमा लागू की, प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया
1. बाजार में प्याज की निरंतर उच्च कीमत को ध्यान में रखते हुए आज केंद्र सरकार ने कीमतों को नियंत्रित करने के लिए व्यापारियों पर स्टॉक सीमा लागू करने, निर्यात पर प्रतिबंध लगाने जैसे कई कदम उठाए और राज्य सरकारों से छापा मारने सहित व्यापारियों द्वारा जमाखोरी को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने को कहा।
2. केंद्र सरकार ने आज एक त्वरित कार्रवाई में बाजार में स्टॉक को जारी करने को सुगम बनाने और व्यापारियों द्वारा जमाखोरी को रोकने के लिए प्याज व्यापारियों पर स्टॉक सीमाएं लगा दीं। पूर्व में, केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को स्टॉक सीमाएं लगाने के लिए अधिकृत किया था। इस बार, केंद्र सरकार ने भारत भर के राज्यों पर सीधे स्टॉक सीमा लगाने का फैसला किया है। आज देश भर में खुदरा व्यापारियों पर 100 क्विंटल और थोक व्यापारियों पर 500 क्विंटल की स्टॉक सीमा लगाई गई है।
3. इसके अतिरिक्त, सरकार ने तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है जिससे कि घरेलू उपलब्धता में सुधार आ सके। हाल ही में, 13 सितंबर 2019 को प्याज के निर्यात पर 850 डॉलर (एफ.ओ.बी) प्रति मीट्रिक टन  का न्यूनतम निर्यात मूल्य लगाया गया था। हालांकि इसके बाद प्याज के निर्यात में कुछ कमी आई, फिर भी निर्यात अभी भी जारी था। प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध से घरेलू उपलब्धता और प्याज की कीमतों में सुधार आने की उम्मीद है।
4. केंद्र ने राज्य सरकारों से कहा है कि वे स्टॉक सीमा को सख्ती से लागू करें और छापेमारी आदि के जरिए बेईमान व्यापारियों के खिलाफ जमाखोरी विरोधी कार्रवाई करें।
5. रबी 2019 सीजन के दौरान नाफेड के माध्यम से सरकार द्वारा लगभग 56,700 मीट्रिक टन का केंद्रीय बफर बनाया गया था। इस बफर स्टॉक का उपयोग 23.90 प्रति किलो की दर पर दिल्ली को आपूर्ति के लिए किया जा रहा है। हरियाणा और आंध्र प्रदेश को भी बफर से आपूर्ति की जा रही है। अन्य राज्यों को भी इस बफर का उपयोग और इसके लिये उपभोक्ता मामलों के विभाग और ध् या नाफेड को अपनी मांग इंगित करने के लिए कहा गया है।
6. बांग्लादेश और श्रीलंका को न्यूनतम निर्यात मूल्य से नीचे के कथित निर्यात को तुरंत रोक दिया जाएगा और जो केंद्र सरकार के इस फैसले का उल्लंघन करते पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई आरम्भ की जाएगी।

Saturday, September 28, 2019

जसूर का रेलवे फाटक सावित हो रहा जानलेवा

राकेश शर्मा: जसूर: 28 सितम्बर 2019 


प्रमुख व्यापारिक कस्वा जसूर स्थित रेलवे फाटक लोगों के लिए जानलेवा सावित हो रहा है। फाटक के पास सड़क की हालत इतनी खस्ता है कि पता ही नहीं चलता की सड़क पर चल रहे हैं या कि किसी नाले में। 

वहीं रेलवे ट्रैक के साथ लगाए गए सीमेंट के ब्लाक पूरी तरह से टूट चुके हैं जिस कारण रेलवे ट्रैक एक ठोकर के जैसा बन गया है। जिस पर आए दिन बाहन ट्रैक के साथ टकरा कर या फिसल कर दुर्घटना ग्रस्त हो रहे हैं। 

वहीं वारिश में इस फाटक पर स्थिति और भी ज्यादा खतरनाक हो जाती है। वहीं ऐसा कोई दिन नहीं होता जब इस फाटक पर कोई दौपहिया वाहन चालंक गिर कर घायल न होता हो। 

शनिवार को भी जसूर निवासी सेवा निवृत एक अघ्यापक जव अपने स्कूटर पर फाटक क्रास कर रहे थे तो ट्रैक के पास पानी जमा होने के कारण गड्डे का अनुमान नहीं लगा पाए नतीजन रेलवे ट्रैक के साथ टकरा पर उनका स्कूटर नीचे गिर गया जिससे पूर्व अध्यापक गंभीर रूप से जख्मी हो गए। 

गनीमत रही कि पीछे से कोई भारी वाहन नहीं आ रहा था वरना कोई भी बड़ा हादसा हो सकता था। वहीं घायल पूर्व अध्ययाक को पठानकोट स्थित निजी अस्पताल ले जाया गया है। 

लोगों ने संबधित विभाग से जल्द से जल्द इस समस्या से निजात दिलवाने की गुहार लगाई है।  


संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को करारा जवाब: शब्द दर शब्द

राकेश शर्मा: 28 सितम्बर 2019


विदिशा मैत्रा (सचिव भारतीय विदेश मंत्रालय)
‘‘तबाही’’, ‘‘खून खराबा’’, ‘‘जातीय श्रेष्ठता’’, ‘‘बंदूक उठाना’’ और ‘‘अंतिम दम तक लड़ना’’ शब्द मध्ययुगीन मानसिकता वाले 
संयुक्त राष्ट्र महासभा का 74वां सम्मेलन-बहस भारत उत्तर का अधिकार



परमाणु विनाश के खतरे की धमकी राजनीतिक अपरिपक्वता की परिचायक है, न कि राजनीतिक कौशल की



माननीय अध्यक्ष जी,

1. मैं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए बयान के संदर्भ में भारत के जवाब देने के अधिकार का इस्तेमाल करना चाहती हूं।



2. इस सम्मानित सदन के पटल पर बोला गया एक एक शब्द, यह समझा जाता है कि उसका ऐतिहासिक महत्व होता है। परंतु, आज हमने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से जो कुछ भी सुना है, वह दोगलेपन का कटु चित्र है। हमारे और उनकेय अमीर और गरीबय विकसित और विकासशीलय मुस्लिम और अन्य को लेकर जिस तरह बातें कही गईं, वे संयुक्त राष्ट्र को विभाजित करने वाली कहानी का हिस्सा हैं। मतभेदों को धार देने और नफरत बढ़ाने वाले इस भाषण को संक्षेप में ‘‘घृणायुक्त भाषण’’ कहा जा सकता है।


3. महासभा ने अभिव्यक्ति के अवसर का ऐसा दुरुपयोग बल्कि उसके साथ दुर्व्यवहार की स्थिति पहले शायद ही कभी देखी हो। ‘‘तबाही’’, ‘‘खून खराबा’’, ‘‘जातीय श्रेष्ठता’’, ‘‘बंदूक उठाना’’ और ‘‘अंतिम दम तक लड़ना’’ ये सभी ऐसे शब्द हैं, जो 21वीं सदी के विजन को नहीं बल्कि मध्ययुगीन मानसिकता को व्यक्त करते हैं।


4. प्रधानमंत्री इमरान खान की परमाणु विनाश की धमकी छिछलेपन का परिचय देती है, उसमें कोई राजनयिक कौशल नहीं है।
5 वे एक ऐसे देश के प्रधानमंत्री हैं, जिसका आतंकवाद के समूचे उद्योग पर आधिपत्य है, उनके द्वारा आतंकवाद को उचित ठहराना निर्लज्जतापूर्ण और फसादी बयान लगता है।


6. एक ऐसा व्यक्ति, जो कभी जेंटलमैन गेम कहे जाने वाले क्रिकेट का खिलाड़ी रहा हो, उनका आज का भाषण भोंडेपन की सभी सीमाएं पार करते हुए डर्रा आदम खेल की बंदूकों की याद दिलाने वाला है।


7. अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र के पर्यवेक्षकों को इस बात की जांच करने के लिए आमंत्रित किया है कि पाकिस्तान में कोई उग्रवादी संगठन नहीं है, दुनिया उम्मीद करती है कि वह अपने वादे को निभाएंगे।


8. यहां कुछ सवाल हैं जिनका उत्तर पाकिस्तान को देना चाहिए, यदि वह प्रस्तावित जांच का अग्रदूत है।
        क्या पाकिस्तान इस बात की पुष्टि करता है कि उसके यहां संयुक्त राष्ट्र द्वारा सूचीबद्ध 25 उग्रवादी गुट हैं और संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्दिष्ट 130 आतंकवादी वहां पनाह पाए हुए हैं?


        क्या पाकिस्तान यह स्वीकार करता है कि वह दुनिया में एकमात्र ऐसी सरकार है, जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित अलकायदा और दाऐश की सूची में शामिल एक व्यक्ति को पेंशन दे रहा है?


        क्या पाकिस्तान इस बारे में स्पष्टीकरण देगा कि न्यूयॉर्क में उसे अपना प्रमुख बैंक, द हबीब बैंक इसलिए बंद करना पड़ा कि आतंकवाद को धन मुहैया कराने के लिए उस पर करोड़ों डॉलर जुर्माना लगाया गया?


        क्या पाकिस्तान इस बात से इन्कार कर सकता है कि वित्तीय कार्रवाई कार्यदल ने उसे 27 मानदंडों में से 20 से अधिक का उल्लंघन करने के लिए नोटिस जारी किया? और


         क्या प्रधानमंत्री इमरान खान न्यूयॉर्क से इस बात से इन्कार कर सकते हैं कि वे ओसामा बिन लादेन के मुक्त रूप से रक्षक रहे हैं?


9. आतंकवाद और नफरत फैलाने वाले भाषणों के बाद, पाकिस्तान खुद को मानवाधिकारों के बड़े हिमायती के रूप में पेश करने का बड़ा दांव खेल रहा है।
10. यह एक ऐसा देश है जहां अल्‍पसंख्‍य समुदाय का प्रतिशत वर्ष 1947 के 23 फीसदी से घटकर अब सिर्फ तीन प्रतिशत रह गया है और जहां  ईसाई, सिख, अहमदिया, हिंदू, शिया, पश्तून, सिंधियों और बलूचियों को ईश निंदा कानूनों, उत्पीड़न और घृणित प्रताणना से  गुजरने  तथा उन्‍हें धर्मातंरण के लिए विवश किया जाता है।


11. मानवाधिकारों की वकालत करने का उसका नया शौक लुप्‍तप्राय हो रहे पहाड़ी बकरों मारखोर के शिकार में ट्राफी जीतने की कोशिश जैसा है।
12.  प्रधान मंत्री इमरान खान और कर्नल नियाजी, नरसंहार आज की लोकतांत्रिक व्‍यवस्‍थाओं का हिस्‍सा नहीं है। हम आपसे अनुरोध करेंगे कि आप इतिहास की अपनी कम समझ को व्‍यापक बनाएं और


1971 में अपने ही लोगों के खिलाफ पाकिस्तान द्वारा किए गए भीषण नरसंहार और इसमें लेफ्टिनेंट जनरल ए के के नियाजी द्वारा निभाई गई भूमिका को न भूलें। बंगलादेश की माननीय प्रधानमंत्री द्वारा आम सभा में आज दोपहर इस बात का जिक्र किया जाना इसका एक ठोस प्रमाण है।
अध्‍यक्ष महोदय,


13. जम्‍मू कश्‍मीर में विकास तथा भारत के साथ उसके विलय की प्रक्रिया को  बाधित कर रहे एक पुराने तथा अस्‍थाई प्रावधान को खत्‍म किए जाने के संबंध में पाकिस्तान की जहर बुझी प्रतिक्रिया इस बात का प्रतीक है कि जो टकराव में यकीन रखते हैं वे कभी शांति को पंसद नहीं कर सकते ।



14. एक तरफ जहां पाकिस्‍तान बड़े स्‍तर पर आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है वहीं दूसरी ओर वह नफरत भरे बयान देने के मामले में निचले स्‍तर पर उतर गया है जबकि भारत जम्‍मू कश्‍मीर को विकास की मुख्‍य धारा से जोड़ने की कोशिश कर रहा है।



15 भारत के बहुरंगी लोकतांत्रिक व्‍यवस्‍था तथा संपन्न और विविधता वाले बहुलवाद और सहिष्णुता की सदियों पुरानी विरासत के साथ. जम्मू और कश्मीर और लद्दाख को जोड़ने की कभी न बदलने वाली प्रक्रिया जारी है।



16. भारत के लोग नहीं चाहते कि कोई दूसरा उनकी तरफ से बोले खासकर ऐसे लोग तो बिल्‍कुल नहीं जिन्‍होंने आतंवाद का पूरा उद्योग खोल रखा है।

Friday, September 27, 2019

किसने कहा: जड़ी-बूटियों की खेती, कृषि, मधुमक्खी, मुर्गी और पशुपालन जैसी गतिविधियां अपनाने के लिए

राकेश शर्मा: 27 सितम्बर 2019

राज्यपाल ने विविध कृषि गतिविधियों से आय बढ़ाने पर दिया बल

कृषि-पर्यावरण विकास सोसाइटी (एइडीएस) द्वारा डाॅ. वाई.एस. परमार कृषि एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के सहयोग से आज सोलन में विश्व-विकास की दृष्टि से ‘कृषि, पर्यावरण एवं संबंधित विज्ञान में उद्यतन प्रगति’ (आरएएइएएसजीडी-2019) पर आयोजित द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कृषक गतिविधियों में विविधता लाने की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने कहा कि मधुमक्खी पालन, जड़ी-बूटियों की खेती, कृषि, मुर्गी पालन और पशुपालन जैसी गतिविधियां अपनाने के प्रति प्रेरित किया जाना चाहिए ताकि फसल न होने की स्थिति में किसानों को आय के वैकल्पिक साधन उपलब्ध हो सकें।

राज्यपाल ने कहा कि भविष्य में नवीनतम प्रौद्योगिकी और सही नीतियां एक सतत एवं समान वैश्विक खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं। वैश्विक स्तर पर एक ऐसी व्यवस्था बनाई जानी चाहिए, जिससे प्रत्येक को पेट भर भोजन मिल सके और प्राकृतिक पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना गरीबी को भी काफी हद तक कम किया जा सके। 

उन्होंने कहा कि पर्यावरणीय आपदाओं के बावजूद, कृषि अभी भी एक बेहतर उद्यम है और मौलिक रूप से औद्योगिक क्षेत्र से भिन्न है।
श्री दत्तात्रेय ने कहा कि कृषि से जुड़े उद्यम कृषकों की आय बढ़ाने और गरीबी उन्मूलन में सहायक सिद्ध हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि कृषि की भूमिका खाद्य और पोषण की सुरक्षा सुनिश्चित करने, पर्यावरण संरक्षण और रोजगार सृजन में दिन-प्रतिदिन महत्वपूर्ण होती जा रही है। 

उन्होंने कहा कि भारत दूध, दालें और जूट का दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक देश है, और चावल, गेहूं, गन्ना, मूंगफली, सब्जियां, फल और कपास के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक देश के रूप में है और यह मसालों, मछली तथा पशुधन जैसी गतिविधियों में भी अग्रणी है। 

उन्होंने कहा कि हालांकि, भारत में अभी भी उत्पादन के संबंध में कई चुनौतियां हैं परन्तु इसके समाधान के लिए वैज्ञानिक अपनी भूमिका निभा रहे हैं।
जैसा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में विविधता और वृद्धि हुई है, जीडीपी में कृषि का योगदान अन्य क्षेत्रों की तुलना में लगातार कम हुआ है। 

जबकि भारत में अनाज के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल की है, लेकिन ज्यादातर किसान अपनी पारम्परिक फसलें ही उगाना चाहते हैं जिससे कृषि लागत ज्यादा आती है और आय भी ज्यादा नहीं हो पाती है।

जल स्रोतो के अंधाधुंध दोहन पर गहरी चिन्ता व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने कहा कि इस संबंध में नीतियों के पुनःनिर्धारण की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कृषि में सार्वजनिक निवेश को बढ़ाने के लिए कुछ प्रमुख आवश्यकताएं हैं।

जिनमें किसानों को उनके उत्पाद की अच्छी कीमत सुनिश्चित करना, निवेश लागत कम करना, जलवायु अनुकूल फसलों को बढ़ावा देना, उचित और अधिक स्थानीय भंडारण क्षमता बढ़ाना, खाद्यान्न का वितरण और मिट्टी में सुधार और पानी की गुणवत्ता इत्यादि हैं। 

उन्होंने कहा कि कृषि आय बढ़ाने के लिए उत्पादों की सीधी मार्केटिंग होनी चाहिए ताकि किसानों को उनकी उपज की बेहतर कीमत मिल सके और उन्हें बिचैलियों से भी दूर रखा जा सके। 

उन्होंने कहा कि यह किसानों के लिए सुविधाजनक और लोकप्रिय मार्किट सुविधाएं विकसित करने से ही संभव होगा। विशेष रूप से सब्जियों के मामले में, ग्राम सभा और महिला स्वयं सहायता समूहों की भागीदारी के साथ गोदाम सुविधाओं का निर्माण किया जाना भी आवश्यक है।

राज्यपाल ने कहा कि कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए सिंचाई की नई तकनीकों का भी प्रयोग किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कृषि से जुड़े अन्य पहलुओं जैसे फसल उपरान्त प्रबन्धन तथा भण्डारण क्षमता बढ़ाने पर भी विशेष ध्यान देने को कहा।

इससे पहले, नौणी विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. परमिंदर कौशल ने विश्वविद्यालय की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी तथा बताया कि सम्मेलन में 15 राज्यों और पांच देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।

कृषि पर्यावरण विकास सोसाइटी के अध्यक्ष डाॅ छत्तर पाल सिंह ने भी सम्मेलन के विभिन्न पहलुओं को विस्तार से बताया।
सम्मेलन के संयोजक डाॅ नदीम अख्तर ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।

बाद में, राज्यपाल ने खाद्य प्रसंस्करण प्रयोगशाला, कीवी फल खंड और विस्तार शिक्षा निदेशालय का दौरा किया। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा बागवानी विकास की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।

इससे पहले, बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने सोलन में राज्यपाल का स्वागत किया। राज्यपाल ने मंत्री के साथ बागवानी से संबंधित विभिन्न विषयों पर विस्तृत चर्चा की। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने विश्राम गृह सोलन में राज्यपाल से भेंट की।

हिमाचल एप्पल फेस्टिवल-2019 का शुभारम्भ

राकेश शर्मा: 27 सितम्बर 2019




मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने हिमाचल एप्पल फेस्टिवल का शुभारम्भ किया
बागवानों से सेब की नवीनतम किस्में अपनाने का आह्वान


सेब हिमाचल प्रदेश की कृषि अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और सेब के बागीचे पर्यटकों को आकर्षित करने की क्षमता भी रखते हैं। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज पर्यटन और बागवानी विभागों के संयुक्त तत्वावधान से यहां गेयटी थियेटर में हिमाचल एप्पल फेस्टिवल-2019 के शुभारम्भ अवसर पर कही।


मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के बागवानों ने आधुनिक तकनीकों को अपनाया है, जो वरदान साबित हुई हैं, जिसके कारण उन्हें अपने उत्पाद के अच्छे मूल्य मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके साथ सेब उत्पादकों को सेब की नवीनतम किस्मों को अपनाने पर भी ध्यान केन्द्रित करना चाहिए ताकि वे विदेश व देश के अन्य हिस्सों से आ रहे सेब के साथ मुकाबला कर सकें। 


उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सेब की गुणवत्ता में सुधार लाने व इसका उत्पादन बढ़ाने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगी।
जय राम ठाकुर ने कहा कि विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर विभाग ने हिमाचल एप्पल फेस्विल के विषय वस्तु के रूप में अपनाया है, जिससे राज्य की आर्थिकी में सेब के महत्व का पता चलता है। 


उन्होंने कहा कि सेब के बागीचे पर्यटकों को आकर्षित करने में अतिरिक्त भूमिका निभा सकते हैं क्योंकि इससे उन्हें यहां की नैसर्गिक सुन्दरता के अलावा स्वास्थ्यवर्द्धक जलवायु में कुछ यादगार पल बिताने का अवसर भी मिलेगा।


मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की जलवायु फूलों की खेती के लिए भी अनुकूल हैं और यह सन्तोष की बात है कि हमारे किसान बड़े पैमाने पर इसे अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि फूलों की खेती के लिए बड़ा बाजार उपलब्ध है, इसलिए अपनी आय में वृद्धि लाने के लिए किसानों को पुष्प उत्पादन की ओर भी मुड़ना चाहिए।


जय राम ठाकुर ने इस अवसर पर शिवांकिता कंवर को एप्पल प्रिंस, दिपांशी ठाकुर को एप्पल प्रिंसेस, योगेश को एप्पल किंग तथा वंशिका कटोच को एप्पल क्वीन का ताज पहनाया।


मुख्यमंत्री ने बागवानों द्वारा लगाई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया, जिसमें राज्य के सेब तथा फूलों की विभिन्न किस्मों को प्रदर्शित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने राज्य पर्यटन विभाग एवं होटल मैनेजमैंट, कैटरिंग व न्यूट्रिशन संस्थान, कुफरी (शिमला) द्वारा तैयार किए गए एप्पल केक को भी काटा। यह केक 4.5 फुट गुणा 3.5 फुट आकार तथा 200 किलो वजन तैयार किया गया था। इसे इण्डिया बुक ऑफ रिकाॅर्ड्स में सबसे बड़े एप्पल केक के रूप में दर्ज किया गया है।


मुख्य सचेतक नरेन्द्र बरागटा, महापौर कुसुम सदरेट, मुख्य सचिव डाॅ. श्रीकान्त बाल्दी, निदेशक पर्यटन युनूस, राज्य के विभिन्न भागों से आए बागवान तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

‘हैंगर’ सुविधाएं विकसित करने की संभावनाओं का पता लगाने के निर्देश

 राकेश शर्मा: 27 सितम्बर 2019 




मुख्यमंत्री ने शिमला में निर्माणाधीन हैलीपोर्ट तथा परिधि गृह के कार्यों की प्रगति का लिया जायजा:   


मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज संजौली के समीप निर्माणाधीन हैलीपोर्ट के निर्माण कार्य की प्रगति कार्यों की समीक्षा की और संबंधित अधिकारियों को समयबद्ध तरीके से कार्य को पूर्ण करने के निर्देश दिए।


मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हैलीपोर्ट 10.85 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित किया जा रहा है और इसके तैयार होने के बाद उड़ान योजना के अंतर्गत हैलीकाॅप्टर सेवाएं सुदृढ़ हो सकेंगी। उन्होंने कहा कि यह हैलीपोर्ट न केवल पर्यटकों को सेवाएं प्रदान करेगा बल्कि आपातकालीन परिस्थितियों में भी उपयोगी सिद्ध होगा। 


उन्होंने अधिकारियों से हैलीकाॅप्टर के लिए ‘हैंगर’ सुविधाएं विकसित करने की संभावनाओं का भी पता लगाने के निर्देश दिए ताकि हैलीकाॅप्टर इस्तेमाल में न होने की स्थिति में उसे वहां रखा जा सके।


जय राम ठाकुर ने अधिकारियों से निर्माण कार्य में गुणवत्ता सुनिश्चित करने तथा यहां पर्याप्त पार्किंग और अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए ताकि यहां आने वाले लोगों को कोई असुविधा न हो।

इसके पश्चात, मुख्यमंत्री ने शिमला के पीटरहाॅफ के निकट विली पार्क में निर्माणाधीन परिधि गृह के निर्माण कार्य का भी निरीक्षण किया और इसे शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। 


उन्होंने कहा कि 45 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जा रहे इस परिधि गृह में 89 कमरें होंगे और इससे न केवल राज्य अतिथियों को रहने की सुविधा उपलब्ध होगी बल्कि शिमला आने वाले पर्यटक भी इसकी सेवाएं ले सकेंगे।


जय राम ठाकुर ने कहा कि इस परिधि गृह को अक्तूबर, 2019 में पूर्ण करने का लक्ष्य का रखा गया है और संबंधित अधिकारियों को इसे निर्धारित समय में तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निर्मित होने वाले इस परिधि गृह में सभी मूलभूत सुविधाएं जैसे आधुनिक कमरे, लिफ्ट तथा पर्यटकों के लिए पर्याप्त पार्किंग सुविधा भी उपलब्ध होगी।


मुख्य सचिव डाॅ0 श्रीकांत बाल्दी, प्रधान संिचव लोक निर्माण विभाग जे.सी.शर्मा, निदेशक पर्यटन विभाग यूनुस, प्रमुख अभियन्ता राज कुमार वर्मा, मुख्य अभियंता शिमला क्षेत्र ललित भूषण, प्रबंध निदेशक हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम कुमुद सिंह तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।


इसके उपरांत, मुख्यमंत्री ने शिमला के रिज का कुछ भाग धंसने की आ रही समस्या के समाधान बारे आई.आई.टी. रूड़की के विशेषज्ञों के साथ पीटरहाॅफ में चर्चा की। उन्होंने कहा कि रिज को ‘स्टेबल’ करने के लिए प्रौद्योगिकी का सहारा लेकर आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं ताकि इस स्थल का सौंदर्यकरण किया जा सके और इससे पूर्व प्रधानमंत्री भारत रतन अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा स्थापित करने के लिए पर्याप्त स्थान भी मिल सकेगा।   

जानिए: नशे के खिलाफ कहाँ और कब चलाया जा रहा है विशेष अभियान

राकेश शर्मा: 27 सितम्बर 2019 




प्रदेश में नशे के खिलाफ 15 नवम्बर से 15 दिसम्बर, 2019 तक एक माह का विशेष अभियान चलाया जाएगा। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को इस अभियान का नोडल विभाग बनाया गया है।
मुख्य सचिव डाॅ. श्रीकान्त बाल्दी ने आज यहां इस अभियान के सम्बन्ध में विभिन्न विभागों विशेषकर स्वास्थ्य, शिक्षा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, युवा सेवाएं एवं खेल, गृह, पुलिस विभाग, हिमाचल प्रदेश राज्य रेड क्राॅस सोसायटी तथा नेहरू युवा केन्द्र संगठन के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह जानकारी दी।


उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशों के अनुसार राज्य सरकार प्रदेश में नशे की रोकथाम के लिए हर सम्भव प्रयास कर रही है। विभिन्न विभागों द्वारा इस सम्बन्ध में पहले से ही कई कार्यक्रम व गतिविधियां चलाई जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि नशा समाज को विशेषकर युवाओं को विशेष रूप से प्रभावित करता है तथा सभी लोगों को मिलजुल कर नशे के खिलाफ अभियान चलाना होगा ताकि इस बुराई को समाज से जड़ से उखाड़ा जा सके।


बैठक में उपस्थित सभी विभागों के प्रतिनिधियों को इस अभियान की समय पर तैयारी करने तथा विभिन्न कार्यक्रम व गतिविधियां निर्धारित करने के निर्देश देते हुए कहा कि पुलिस विभाग को विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से नशे के व्यापार पर रोक लगाने की दिशा में और भी कड़े कदम उठाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा युवा सेवाएं एवं खेल विभाग को समाज में नशे की आदत से छुटकारा पाने और विकासात्मक गतिविधियों में शामिल होने में लोगों में जागरूकता लाने के भी प्रयास किए जाने चाहिए।


इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह मनोज कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आर.डी. धीमान, विशेष सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता एस.डी. नेगी तथा स्वास्थ्य, शिक्षा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, युवा सेवाएं एवं खेल, गृह, पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी तथा हिमाचल प्रदेश राज्य रेड क्राॅस सोसायटी और नेहरू युवा केन्द्र संगठन के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

Wednesday, September 25, 2019

तहसीलदार नूरपुर डॉ गणेश ठाकुर ने संभाला नगरपरिषद नूरपुर के कार्यकारी अधिकारी का अतिरिक्त कार्यभार

भूषण शर्मा: नूरपुर: 25 सितम्बर 2019 




नूरपुर के तहसीलदार डॉ गणेश ठाकुर ने नगरपरिषद नूरपुर के कार्यकारी अधिकारी का अतिरिक्त कार्यभार संभाल लिया है।  


पत्रकारों से बातचीत करते हुए डॉ गणेश ठाकुर ने बताया कि नगरपरिषद को आदर्श, सुंदर व स्वच्छ बनाने के लिए में प्रयासरत रहूंगा। जिसके लिए आम जनमानस का सहयोग जरूरी है। उन्होंने कहा कि शहर को स्वच्छ बनाने के लिए सब नगरवासियों व दुकानदारों को अपने घर व दुकानों में कूड़ादान रखकर कूड़े का निष्पादन सही ढंग से करना होगा। नगरपरिषद नूरपुर को पूर्ण रूप से शौच मुक्त कर दिया गया है। अतः कोई भी व्यक्ति खुले में शौच न करे।


डॉ गणेश ठाकुर ने कहा कि भवन निर्माण सामग्री नगरपरिषद द्वारा निर्धारित स्थानों पर नगरपरिषद की अनुमति से ही फैंके। नियमो का पालन न करने बालो पर कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। जो लोग घोड़ो/खच्चरों का व्यावसायिक प्रयोग करते हैं वो लीद को इधर उधर फैलने से बचाने के लिए थैल/किट का प्रयोग करें।


गणेश ठाकुर ने बताया कि शहर में आवारा पशु न घुसे इसके लिए शहर के मुख्य द्वारों पर कैटल ट्रैप बनाए जाएंगे। नगरपरिषद व जनमानस के सहयोग से पालतू पशु रखने बाले घरों को चिन्हित कर उनको पशुओं को आवारा न छोड़ने के लिए जागरूक किया जाएगा। लोगो को पॉलीथिन का प्रयोग न करने के लिए जागरूक किया जाएगा तथा कानून तोड़ने वालों को दंडित भी किया जाएगा।


गणेश ठाकुर ने बताया कि कुछ दुकानदार है जिन्होंने अपनी दुकान का सामान दुकानों के बाहर रखा है, उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। पहले उनसे कहा जायेगा कि वे अपनी परिधि में ही अपनी दुकान का सामान रखें। अगर दुकानदार फिर भी नही मानते है तो उनका सामान जब्त किया जाएगा।
वहीं विभिन्न वार्डो में निर्मित पार्को के रखरखाव के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे। नगरपरिषद कार्यालय के पास निर्मित ऐतिहासिक तालाब के सौन्दर्यकरण के लिए कदम उठाए जाएंगे ताकि शहरवासी सुबह शाम न केवल यहां पर सैर करें बल्कि लोग परिवार सहित कुछ समय भी व्यतीत करें।


डॉ गणेश ठाकुर ने जनमानस से अपील करते हुए कहा कि नूरपुर शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाने के लिए कोई भी व्यक्ति अपनी राय व्यक्त करना चाहता हो तो वे इस बारे में बात कर सकते हैं।

जानिए चुनाबी मौसम में शांता कुमार ने क्यूँ की राज्यपाल से भेंट

राकेश शर्मा : 24 सितम्बर 2019 

जानिए शांता कुमार ने क्यूँ की राज्यपाल से भेंट



हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शांता कुमार ने बुधवार को शिमला जाकर राजभवन में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से भेंट की।

इस शिष्टाचार भेंट में शांता कुमार ने राज्यपाल को अपनी लिखी देशभक्त सन्यासी स्वामी विवेकानन्द, धरती है बलिदान की और अलविदा चुनावी राजनीति नामक तीन पुस्तकें भेंट कीं।

इस अवसर पर दोनों ने अपनी पुरानी यादों को ताजा किया तथा हिमाचल प्रदेश के विकास के लिए राज्य के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की ताकि हिमाचल के सर्वांगीण विकास के लिए अधिक से अधिक योगदान दिया जा सके।

Tuesday, September 24, 2019

उम्मीदवार ‘सुविधा ऐप्प’ के माध्यम से भी ले सकेंगे चुनाव प्रचार सम्बन्धी स्वीकृतियां -मुख्य निर्वाचन अधिकारी

राकेश शर्मा: 24 सितम्बर 2019 

मुख्य निर्वाचन अधिकारी देवेश कुमार ने राजनैतिक पार्टियों से 55-पच्छाद तथा 18-धर्मशाला विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले विधानसभा उप-चुनावों के दृष्टिगत आदर्श चुनाव आचार संहिता की अनुपालना करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि आदर्श चुनाव आचार संहिता दोनों सिरमौर तथा कांगड़ा जिलों में लागू रहेगी। वे आज यहां चुनाव व्यय अनुश्रवण के सम्बन्ध में आयोजित विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों की एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। 

उन्होंने कहा कि राजनैतिक पार्टियां अपने स्टार प्रचारकों की सूची चुनावों की अधिसूचना के सात दिनों के भीतर 29 सितम्बर,2019 तक प्रस्तुत करें।

 मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बैठक में जानकारी दी कि उम्मीदवार चुनावी रैली, जनसभाओं, वाहनों के प्रयोग तथा विभिन्न अन्य सभी चुनाव प्रचार सम्बन्धी स्वीकृतियां ‘सुविधा’ ऐप्प के माध्यम से भी प्राप्त कर सकते हैं।उन्होंने आदर्श चुनाव आचार संहिता के दृष्टिगत राजनैतिक दलों से उम्मीदवार द्वारा नामांकन भरने के दिन केवल तीन वाहन तथा अधिकतम पांच व्यक्तियों को अपने साथ लाने का आग्रह किया।

चुनाव व्यय के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि उम्मीदवार या उसके द्वारा प्राधिकृत व्यक्ति को चुनाव प्रचार अभियान के दौरान व्यय रजिस्टर को कम से कम तीन बार सम्बन्घित चुनाव व्यय पर्यवेक्षक के समक्ष प्रस्तुत करना होगा। 

देवेश कुमार ने कहा कि राजनैतिक दलों द्वारा नियुक्त पोलिंग एजेंट का उसी मतदान केन्द्र का मतदाता होना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि सभी एजेंटों को मतदान आरम्भ होने से एक घण्टा पूर्व मतदान केन्द्र पर पहुॅचना भी अनिवार्य होगा ताकि माॅक पोल जैसी औपचारिकताओं को समय पर पूरा किया जा सके।   

बैठक में चुनावों के दौरान होने वाले व्यय, जिसमें प्रतिभूति राशि, चुनाव प्रचार व जनसभाएं, चुनाव रैलियां, पोस्टर, बैनर, वाहन, प्रिन्ट एवं इलैक्ट्राॅनिक मीडिया को जारी किए जाने वाले विज्ञापन तथा चुनाव प्रचार सम्बन्धी कार्य जो कानूनी रूप से मान्य नहीं होंगे आदि मुख्य बिन्दुओं पर भी विस्तार से चर्चा की गई। 

भारतीय जनता पार्टी के हीरा नंद कश्यप, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के यशपाल तनईक, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के गुरदेव नेगी तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुकेश शर्मा ने अपनी-अपनी पार्टी के प्रतिनिधि के रूप में बैठक में भाग लिया।  

बैठक में अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी रूपाली ठाकुर, दलीप नेगी के अतिरिक्त हिमाचल निर्वाचन विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। 


केसीसी योजना के तहत राज्य के 404029 किसानों को 1043 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता

राकेश शर्मा: 24 सितम्बर 2019 



केसीसी योजना के तहत राज्य के 404029 किसानों को 1043 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गईः प्रबोध सक्सेना


किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत प्रदेश में 404029 किसानों को 1043 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई और 177564 लाभार्थियों को मुद्रा योजना के तहत 2958 करोड़ रुपये का वित्त पोषण किया गया। यह बात प्रधान सचिव (वित्त) प्रबोध सक्सेना ने आज यहां यूको बैंक की हिमाचल प्रदेश राज्य स्तरीय बैंकर्ज समिति की 153वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।


उन्होंने कहा कि यह पहली बार हुआ है कि इस वर्ष बैंकों ने हिमाचल प्रदेश में  6327.21 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 8620.08 करोड़ रुपये के नए ऋणों का वितरण किया है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष बैंकों द्वारा 760.55 करोड़ रुपये के मुकाबले गैर प्राथमिकता क्षेत्र में 2571.38 करोड़ रुपये के नए ऋण वितरित किए गए हैं तथा कृषि क्षेत्र में 1854.46 करोड़ रुपये के मुकाबले 2767.97 करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए गए।
उन्होंने कहा कि फसल ऋण के तहत बैंकों द्वारा 6760.61 करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए गए। उन्होंने कहा कि अभी तक बैंकों के पास 117925.31 करोड़ रुपये की कुुल बकाया राशि तथा 51753.61 करोड रुपये की अग्रिम राशि उपलब्ध हैं, जिसका सीडी अनुपात 45.92 प्रतिशत है।


उन्होंने कहा कि प्रदेश में सीधा लाभ स्थानान्तरण (डीबीटी) सफलतापूर्वक लागू कर दिया गया है। राज्य डीबीटी पोर्टल को भारत डीबीटी पोर्टल के साथ जोड़ दिया गया है। अभी तक कुल 164 (72 केन्द्रीय तथा 92 राज्य प्रायोजित स्कीमे) स्कीमें भारत डीबीटी पोर्टल पर उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि 3631.55 करोड़ रुपये की राशि 50 नगद योजनाओं के तहत आधार से जुड़े हुए बैंक लाभार्थियों को सफलतापूर्वक स्थानांतरित कर दिए गए हैं।


उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बैंक सराहनीय कार्य कर रहे हैं और वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य से प्रदेश के अधिकतम किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत लाया गया है और बैंक प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के प्रत्येक नागरिक को बैंकिंग सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए हर संभव प्रयास किए हैं।


उन्होंने प्रदेश के सभी बैंकों से समय-समय पर वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम चलाने का आग्रह किया। उन्होंने प्रदेश में आने वाले पर्यटकों को असुविधा न हो इसके लिए उन्होंने बैंकों से आग्रह किया कि वे अपनी एटीएम सुविधा को अधिक सक्षम बनाएं, जिससे प्रदेश में पर्यटकों को एटीएमों में नगदी न होने पर असुविधा का सामना न करना पड़े।
यूको बैंक के प्रबन्धक निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी ए.के. गोयल ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र में विविध विकास हुआ है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था पर बड़ा प्रभाव पड़ा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना के तहत बैंकों द्वारा 362 मामले स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत सामाजिक सुरक्षा योजना में 546 दावों और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत 1030 दावों का निपटारा किया गया है।


भारतीय रिज़र्व बैंक के महाप्रबन्धक के.सी. आनन्द ने कहा कि वर्तमान में राज्य में बैंकों के 2175 शाखाओं और 1990 एटीएम के नेटवर्क हैं और बैंक मित्र के माध्यम से 1762 बैंंिकग सेवाएं भी प्रदान की जा रही हैं।


इसके उपरांत प्रबोध सक्सेना द्वारा हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक को राज्य के स्वयं सहायता समूह की सहायता के लिए किए गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया।


यूको बैंक शिमला के उप महाप्रबन्धक जे.एन. कश्यप, नाबार्ड के महाप्रबन्ध निलय डी.कपूर तथा सभी सरकारी व गैर सरकारी बैंको के वरिष्ठ अधिकारी भी इस बैठक में उपस्थित थे।