Friday, August 24, 2018

शिक्षा में गुणात्मकता की बात करने वाली सरकार शिक्षकों का हित कब समझेगी?

राकेश कुमार शर्मा: जसूर: 24.08.2018



गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने की बात करने वाली सरकार अध्यापकों की लंबति पदोन्नतियां न कर उनके साथ पहले से ही सौतेला व्यवहार कर रही है। पदोन्नतियों में देरी के चलते कई अध्यापक विना पदोन्नति के ही सेवानिवृत हो गए। और अब बेतन बृद्धि रोक कर शिक्षकों के हितों पर कुठाराघात किया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष एसएस रान्टा, महासचिव एसपी चड्डा व कार्यकारी अध्यक्ष सुभाष पठनिया सहित तमाम पदाधिकारियों ने एक संयुक्त व्यान जारी कर विभाग द्वारा शिक्षकों की बेतन बृद्धि को रोकने पर कड़ा एतराज जताते हुए सरकार को चेतावनी दी है कि अगर इस तुगलकी फरमान को वापिस न लिया गया तो संघ को मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा, वहीं अनैतिक आदेशों के विरुद्ध न्यायालय का दरबाजा खटखटाने से भी संकोच नहीं किया जाएगा।  संघ का कहना है कि बिना जांच पड़ताल किए शिक्षकों की बेतन बृद्धि को रोकना किसी भी तरीके जायज नहीं ठहराया जा सकता। संघ का कहना है कि कम परीक्षा परिणाम के लिए सिर्फ शिक्षकों को जिम्मेवार ठहराया जाना सरासर  गलत है जवकि सरकार की नो डिटंशन पालिसी सहित कई अन्य कारण भी इसके लिए जिम्मेवार हैं। इस संबध में संघ के प्रदेशाध्यक्ष रान्टा का कहना है कि विभाग द्वारा अधिसूचित पूअर रिजल्ट पालिसी (खराब परिणाम नीति) में यह सपष्ट तौर पर कहा गया है कि पहले परीक्षा परिणाम की समीक्षा की जाएगी ओर फिर उसके बाद कम परीक्षा परिणाम के कारणों का विश्लेषण किया जाएगा। पालिसी में यह भी सपष्ट है कि पहली बार यदि 25 प्रतिशत से कम रहता है तो उसे चेतावनी जारी की जाएगी। लेकिन इन पर पूरी तरह से अमल नहीं किया जा रहा। संघ ने कुछ अधिकारियों पर सरकार को गुमराह कर सरकार व शिक्षकों के बीच खाई खोदने का भी आरोप लगाया और यही वे अधिकारी हैं जो पिछले एक साल से सभी वर्गों के शिक्षकों की पदान्नतियां करवाने में भी असफल सावित हुए हैं जो कि शिक्षकों के साथ भेदभव को दर्शाता है। संघ ने सरकार को ऐसे अधिकारियों से सचेत रहने की सलाह भी दी है। संघ ने 2010 के बाद नियुक्त एवं पदोन्नत पी.जी.टी. का पद नाम प्रवक्ता करने की मांग की है। इसी कारण से एक ही विद्यालय में समान काम कर रहे अध्यापकों में भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है।संघ ने शिक्षा विभाग में खाली पड़े हजारों रिक्त पदों को भी तुरंत भरने की मांग की है। संघ ने उपनिदेशकों, प्रधानाचार्यों, मुख्याध्यापकों, पी.जी.टी., व टी.जी.टी. के रिक्त पदों को तुरंत पदोन्नति के माध्यम से भरने की मांग की है। 


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