25.09.2018
जंजैहली, चांशल तथा बीड़ बिलिंग को ‘नई राहें नई मंजिले’ के अन्तर्गत विकसित किया जाएगाः मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने नई राहें नई मंजिलें योजना के तहत मंडी जिले के जंजैहली, शिमला जिले के चांशल और कांगड़ा जिले में बीड बिलिंग को पर्यटन के दृष्टिकोण से विकसित करने के लिए चयनित किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने इस योजना के लिए 50 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि मारकंडा मंदिर और अंबिका माता मंदिर में सामुदायिक हॉल तथा जंजैहली, शटाधार, कुथाह, शिकारी माता मंदिर आदि में लगभग 2.70 करोड़ रुपये की लागत से सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित की जाएगी। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए जंजैहली, थुनाग, शिकारी देवी, पुडा केदार, तुंगासी टॉप, थाची आदि स्थानों के आसपास जंगल में ट्रैंकिंग रास्तों और अस्थायी टेंटों का निर्माण साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा।
जय राम ठाकुर ने कहा कि पर्यटकों को सुविधा के लिए जंजैहली सर्किट में 40 नए ट्रैकिंग मार्गों को भी विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 12 वन विश्राम गृहों/निरीक्षण हटों का पर्यटकों की सुविधा के लिए स्तरोन्यन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के विकास व पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए कुल 16.70 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा एशियाई विकास बैंक के वित्त पोषण से 25.17 करोड़ रुपये की लागत से पर्यटक संस्कृति केंद्र को विकसित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला जिले के चांशल क्षेत्र को नई योजना के तहत 15.12 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से भी विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में साहसिक खेलों, स्कीइंग और कैंपिंग की अपार संभावनाएं है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के सड़क एवं भूतल परिवहन मंत्रालय ने चांशल क्षेत्र को पर्यटक हब के रूप में विकसित करने के लिए मैसर्स मैकिंसे को रिपोर्ट तैयार करने के लिए नियुक्त किया है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि कांगड़ा जिले में बीड़ बिलिंग को नई राहें नई मंजिले योजना के तहत 14.62 करोड़ रुपये की लागत से पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के तहत, बीड़ बिलिंग में 8.07 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से एक पैराग्लिडिंग संस्थान स्थापित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पर्यटकों और स्थानीय लोगों की सुविधा के लिए प्रदेश में अधिक से अधिक रज्जू मार्ग स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार ने रज्जू मार्ग परियोजनाओं में निवेश करने के इच्छुक उद्यमियों को कई रियायतें देने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि इसके अन्तर्गत पहले सात वर्षों के लिए वार्षिक लाइसेंस शुल्क में छूट देना शामिल है। उन्होंने कहा कि श्री आनंदपुर साहिब, श्री नैनादेवी जी रज्जू मार्ग के निर्माण के लिए राज्य सरकार तथा पंजाब सरकार द्वारा समझौता ज्ञापन पर शीघ्र ही हस्ताक्षर किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि धर्मशाला-मैकलोड़गंज रज्जू मार्ग का निर्माण 150 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना अगले साल मई तक पूरी की जाएगी।
उन्होंने कहा कि पलचन-रोहतांग रज्जू मार्ग को वर्ष 2022 तक पूरा किया जाएगा, जबकि आदि हिमानी से चामुंडा और भुंतर से बिजली महादेव रज्जू मार्ग का निर्माण कार्य शीघ्र ही किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कई मानव निर्मित जलाशयों जैसे चमेरा, पौंग बांध, गोबिंदसागर, तत्तापानी, लारजी और पंडोह में साहसिक और जल खेलों के लिए पर्यटकों के मुख्य आकर्षण केन्द्र के रूप में विकसित करने की अपार संभावनाएं है। उन्होंने कहा कि गोबिंदसागर झील को जल खेलों जैसे शिकारा, नौकायन, हाउस वोट, समुद्री विमानन और अन्य गतिविधियों के लिए विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य युवा सेवाएं और खेल विभाग इन गतिविधियों को निजी सहभागिता (पीपीपी मोड) पर विकसित करने के लिए कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार से पौंग बांध पक्षियों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य होने के अलावा पानी के खेलों के लिए मुख्य आकर्षण के रूप में विकसित किया जाएगा।
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार भाखड़ा ब्यास प्रबन्धन बोर्ड के साथ पंडोह बांध में जलक्रीड़ा एवं मनोरंजन गतिविधियों को अनुमति प्रदान करने का मामला उठाएगी, ताकि इसे पर्यटन की दृष्टि से भी विकसित किया जा सके। उन्होंने कहा कि लारजी बांध में पर्यटकों की सुविधा के लिए आवश्यक अधोसंरचना विकसित कर आकर्षक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।
अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यटन राम सुभग सिंह ने मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए कहा कि पर्यटन विभाग राज्य के पर्यटन की दृष्टि से अनछूए स्थलों को देश के पर्यटन मानचित्र पर लाना सुनिश्चित बनाएगा। उन्होंने कहा कि निजी उद्यमियों को इन क्षेत्रों में पर्यटन परियोजनाओं में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
मुख्य सचिव विनीत चौधरी, अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अनिल कुमार खाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव, ऊर्जा तरुण कपूर, ऊर्जा विभाग के निदेशक मानसी सहाय, पर्यटन विभाग के निदेशक, राकेश कंवर, प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन अजय कुमार, हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड लिमिटेड प्रबंध निदेशक, जय प्रकाश काल्टा व अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
Plan toh sahi hai. Abh jaldi se kaam ho toh thik hai. Esse project start ho jate hai lekin complete hone main bohot tym laghta jiss vajah logo ko problem hoti hai.plan acha h aur agar tym par complete ho toh aur b acha hogha.
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