Saturday, September 8, 2018

मजदूरों की मजबूरी का फायदा उठाना बंद करे सरकार नहीं तो होगा आंदोलन

राकेश शर्मा/अनिल शर्मा: जसूर: 08.09.2018

आए दिन पुलिस द्वारा खनन को लेकर चालान के नाम पर वसूले जा रहे भारी भरकम जुर्माने की वजह से बेहद परेशान नूरपुर व फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के लगभग 40 से अधिक ट्रैक्टर मालिकों द्वारा अपने ट्रेक्टरों को तलाडा में खड़ा कर विभाग व सरकार के विरुद्ध धरना व जमकर रोष प्रदर्शन किया गया। ट्रैक्टर मालिकों का कहना है कि अगर सरकार ने उनकी समस्या का शीघ्र हल नहीं किया तो यह रोष प्रदर्शन प्रदेशव्यापी एक बड़े आंदोलन का रूप ले सकता है।  ट्रैक्टर मालिक श्रबण पठानियां, साहिल, राकेश, अश्विन, बिल्लू, सन्नी, अमन, किशोरी लाल, सुजान ,अश्वनी कुमार, अजीत कुमार, प्रवीण सिंह, रजत शर्मा, मुनीश शर्मा, रणजोध सिंह, ओंकार सिंह, कुलदीप सिंह, रजिंद्र सिंह, कर्ण मन्हास, दीपक सिंह, साहिल बडोत्रा, सुखदेव सुक्खू, रवि कुमार, वासुदेव, सोनू, अम्मू, बब्बू व टिंकू आदि का कहना है कि सरकार के पास देने के लिए नौकरी तो है नहीं। वहीं जब एक गरीब व्यक्ति पढ़ लिखकर अपना व अपने परिवार का जीवन चलाने के लिए बैंक से कर्ज लेकर ट्रैक्टर खरीदकर रेत, बजरी का कार्य करने की कोशिश करता है तो सरकार हम जैसे कई गरीब ट्रैक्टर मालिकों से खनन के नाम पर भारी जुर्माना वसूलती है जो कि कई वार उनके एक महीने की कमाई से भी अधिक होता है। ऐसे में ट्रैक्टर मालिक बैंक की किश्त कहां से दे और अपने परिवार को पालन पोषण कहां से करे? एक ट्रैक्टर से कई घरों के चूल्हे जलते हैं जिसमें ड्राईवर से लेकर मजदूर तक शामिल हैं। अगर सरकार हमें नौकरी देती है तो हम ट्रैक्टर का काम छोड़ने को तैयार हैं। वहीं ट्रैक्टर मालिकों का कहना है कि बड़े बड़े क्रशर मालिक राजनीतिक पहुंच का फायदा उठा कर जेसीबी के माध्यम से खड्डों का सीना गहराई तक छलनी कर रहे हैं। ऐसे में बेलचे से खड्ड को कितना नुकसान पहुंच सकता है? वहीं सरकार के कामों में भी खड्डों से लाई गई रेत, बजरी का प्रयोग होता है। परन्तु इन पर तो कोई कार्यवाही नहीं होती। वहीं ट्रैक्टर मालिकों के कहना है कि अगर सरकार चाहे तो समाधान हो सकता है। और प्रत्येक ट्रॉली के बदले रॉयल्टी का प्रावधान किया जाए जिससे सरकार को भी आमदनी होगी। वहीं उनका जीवन यापन भी सुचारू रूप से चल सकेगा। 
वहीं ट्रैक्टर मालिको से कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव चेतन चम्बियाल मिलने के लिए पंहुचे और अपना समर्थन देते हुए कहा कि सरकार जल्द ही ट्रैक्टर मालिको की मांगो को माने व स्थाई निति बानाए।

2 comments:

  1. Himachal government ko koi rule le kar aana chahea ess par. Har baar garib adaami he kyu suffer kre!

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    1. शुभम जी बिलकुल सही कह रहे हैं आप, सरकार चाहे हिमाचल की हो या कहीं और की सब गरीबों का शोषण करती हैं।

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