भूषण शर्मा/राकेश शर्मा: जसूर: 06.09.2018
अनुसूचित जाति एवं जन जाति अत्याचार अधिनियम के विरुद्ध स्वर्ण जातियों का गुस्सा अव गुब्बार बन कर फूटने लगा है। इस अधिनिय के विरोध में स्वर्ण धीरे धीर लामबद्ध होना शुरू हो गए हैं। वहीं इसी को लेकर सोशल मीडिया पर भी इस अधिनियम के विराध में अभियान छिड़ चुका है। इसी कड़ी में विधानसभा क्षेत्र फहतेपुर के अन्तर्गत बीरवार को अनुसूचित जाति एवं जन जाति अत्याचार अधिनियम के विरुद्ध धमेटा बजार में लोगों ने इसके खिलाफ सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। धमेटा बजार के व्यापारियों ने धमेटा के लौअर बाजार व अप्पर बजार मे रैली निकाल कर अपना रोष प्रकट किया और बाजार को बंद रखा। वहीं टैक्सी यूनियन ने भी व्यापारियों को अपना समर्थन दिया।
गौरतलब है कि कथित तौर पर अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार अधिनियम को लेकर लाए गए अध्यादेश के खिलाफ सवर्ण समुदाय ने भारत बंद का आह्वान किया था। हालांकि राष्ट्रीय स्तर पर किसी संगठन द्वारा बंद का आह्वान नहीं किया गया था। इस मौका पर विनय डोगरा, ब्लाॅक समिति सदस्य अजय कुमार, मलकीत सिंह, कर्ण सिंह, शिक कपूर, इंदर वर्मा ,सुभाष वर्मा, देश राज शर्मा, विजय पराशर व केबल गुलेरिया आदि का कहना है कि राजनीति पार्टियां स्वर्णों को बेवकूफ बनाती आ रही है। बोट के लिए भी स्वर्णों के आगे ही हाथ फैलाती हैं और स्वर्णों के अधिकारों पर ही कुठाराघात भी करती हैं। एक तरफ तो आरक्ष्ण की मार और उपर से इस अधिनियम की मार, स्वर्ण जाए जा तो जाए कहां? लेकिन अव यह और ज्यादा सहन नहीं होगा। अगर स्वर्णों के साथ अन्याय बंद नहीं हुआ तो अगले चुनावों में ‘‘नोटा’’ ही एकमात्र विकल्प रहेगा।
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