राकेश शर्मा: जसूर: 21 नवंबर 2019
शिक्षा के नाम पर सरकार दावे तो बहुत बड़े-बड़े करती है, पर जमीनी स्तर पर सब खोखले नज़र आते है। और शायद इन्हीं करने से सरकारी स्कूलों से बच्चों की संख्या दिनप्रतिदिन कम होती जा रही है।
ऐसा ही एक मामला नूरपुर की पँचायत खैरियां स्थित राजकीय प्राथमिक पाठशाला में देखने को मिला। जिसमे मात्र एक अध्यापक पांच कक्षाओं को पढ़ा रहा है। वहीँ स्कूल में पढ़ा रहे एकमात्र अध्यापक को बीएलओ का कार्यभार भी सौंपा गया है।
इस स्कूल में पढ़ रहे 60 छात्र व छात्राओं का भविष्य मात्र एक अध्यापक पर निर्भर है। जब मीडिया द्वारा इस बिषय पर छानबीन की गई तो पता चला कि अगस्त 2019 तक इस स्कूल में दो अध्यापक थे, परन्तु एक अध्यापक परषोतम चंद का प्रमोशन होने पर तबादला हो गया।
अध्यापक के तबादले के बाद से इस स्कूल में एक ही अध्यापक पांच कक्षाओं को पढ़ा रहा है। इस कारण बच्चों की पढ़ाई में काफी परेशानी आ रही है।
जब स्कूल एसएमसी प्रधान सुरेश से बात की गई तो उन्होंने बताया कि स्कूल में एक ही अध्यापक है, जिस कारण बच्चो की पढ़ाई में बहुत समस्या आ रही है। वहीँ स्कूल में बच्चो को सुरक्षा भी राम भरोसे ही हैं क्योंकि स्कूल के चारो तरफ कोई भी चारदीवारी नही है, जिससे कभी भी कोई अप्रिय घटना हो सकती है।
वहीँ स्कूल के अध्यापक देव राज ने बताया कि इस स्कूल में दो अध्यापक बच्चो को पढ़ा रहे थे। लेकिन अगस्त के बाद से वही पांच कक्षाओं को पढ़ा रहे हैं। वहीँ इलेक्शन बिभाग ने बीएलओ का काम भी दिया है। और जब वे बीएलओ का कार्य देखते हैं तो उस समय स्कूल में कोई नही होता है।
जब इस संबंध में वीपीओ शिक्षा बिभाग योगेश शर्मा से फोन पर बात की तो उन्होंने बताया कि उन्हें स्कूल एसएमसी कमेटी द्वारा अध्यापक के बारे जानकारी दे दी थी और आगे बिभाग द्वारा डिप्टी डारेक्टर को इसकी जानकारी दे दी गई है।
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