Friday, October 26, 2018

सावधान सरकार : टूट रहा है बाँध, बाँध के नाम पर ठगे गए पौंग बाँध विस्थापितों के सब्र का

राकेश शर्मा: जसूर: 26.10.2018

बाँध के नाम पर ठगे गए पौंग बाँध विस्थापितों के सब्र का बाँध अब टूट चुका है और अपने हक के लिए अब विस्थापित किसी भी कुर्वानी के लिए तैयार हैं। दशकों तक दर दर की ठोकरें खाने के बाद पौंग बांध विस्थापितों की तीसरी पीढ़ी अब सीधे सीधे आर पार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है। यह बात प्रदेश पौंग बाँध विस्थापित समिति के उपाध्यक्ष मनोहर लाल कौंडल ने शुक्रवार को जारी एक प्रैस विज्ञप्ति में कही। 
 कौडंल ने कहा कि हाल ही में प्रदेश सरकार और राजस्थान दोनों सरकारों की और से मुख्य सचिव स्तर की हुई बैठक में जो निर्णय लिए गए हैं वह विस्थापितों के हित में बिलकुल नहीं हैं। पौंग बाँध विस्थापित समिति इसका कड़ा विरोध करती है। उन्होंने कहा कि पचास बर्षों के लम्बे संघर्ष के बाद अब दोनों सरकारें विस्थापितों को मुरब्बे के नाम पर यहाँ तहां भूमि का टुकड़ा देकर टरकाना चाहती हैं जो कतई मंजूर नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब भी सरकारों के पास समय है कि वह विस्थापित परिवारों जिनकी संख्या अब लाखों में पहुँच गई है के लिए शीघ्र उचित निर्णय लें और समिति की मांगों को माना जाए अन्यथा इसका खामियाजा आने वाले लोकसभा चुनावों में भुगतने के लिए सरकार को तैयार रहें। उन्होंने कहा कि सबसे खेदजनक बात यह है कि केंद्र, प्रदेश और राजस्थान में एक ही दल की सरकार होते हुए भी विस्थापितों को अपने हकों को पाने के लिए झूझना पड रहा है। सरकारों द्वारा बार बार वायदा खिलाफी को देखते देखते विस्थापितों की अब तीसरी पीढ़ी संघर्ष कर रही है लेकिन अब भी शोषण के सिवाय उन्हे कुछ भी हासिल नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि दोनों सरकारों की ढुलमुल नीति के खिलाफ पौंग बाँध विस्थापित समिति रविवार 28 अक्टूबर को जवाली में संघर्ष की आगामी रूपरेखा तय करेगी जिसमें भारी संख्या में विस्थापितों के परिजन शामिल होंगे। कौंडल ने सरकार को चेताबनी दी कि अब बहुत हो चुका अब विस्थापित अपने हक का पाने के लिए कठिन से कठिन निर्णय लेने से पीछे नहीं हटेंगें। 

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