Tuesday, October 23, 2018

बड़ा सवाल: अधिकारी निलंबित हो सकते हैं तो सांसद क्यों नहीं?

राकेश शर्मा: जसूर: 23.10.2018

अगर सांसद के कार्यक्रम मे अधिकारी के न आने पर निलंबन हो सकता है तो सांसद का उसके कार्य क्षेत्र मे न आने पर सांसद का निलंबन क्यों नहीं किया जाना चाहिए। एक बार बोट लेकर जीत जाने के बाद जो आम जनता व क्षेत्र से दूर रहते हैं उनको भी निलंबित कर दिया जाना चाहिए। फतेहपुर विधानसभा मे सांसद महोदय नही आए तो अभी तक उनको निलंबित क्यों नहीं किया गया उन्हे बोट तो यहां की जनता ने भी दिया था। यह कहना है शिब सेना केसरिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमेश दत्त कालिया का। पत्रकारों के बात करते हुए उन्होने कहा कि फतेहपुर से बीडीओ का निलंबन पूर्णतः राजनीति से प्रेरित है। क्षेत्र के कुछ छुटभैया नेताओं ने सरकार को गुमराह कर इस सारे घटनाक्रम का अंजाम दिया है। जो कि क्षेत्र के विकास के लिए किसी भी दृष्टि से सही नहीं है। कालिया का कहना है कि आईपीएस, एचपीएस, आईएएस, एचएएस सहित अन्य केडर की तैयारियां कर रहे युवओं के लिए ऐसी घटनाएं मनोवल गिराने वाली होती हैं। अगर राजनीति में यही सव चलता रहा तो कोई भी युवा अपनी बेइज्जती करवाने के लिए इन पदों पर नहीं आना चाहेगा। कालिया ने कहा कि अगर अगर एक अधिकारी पर  प्रैस कांफ्रेंस करने और अपना पक्ष रखने पर निलंबन की गाज गिर सकती है तो उन कर्मियों के खिलाफ कारबाई क्यों नही होती है जो आये दिन सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हैं। कालिया ने सरकार से मांग की है कि बीङीओ का निलंबन आगामी दो दिन में निरस्त किया जाए।

No comments:

Post a Comment